सत्य खबर, नई दिल्ली । 1984 के सिख विरोधी दंगों से जुड़े एक मामले में दिल्ली कोर्ट ने कांग्रेस नेता और पूर्व पार्टी सांसद सज्जन कुमार पर आरोप तय कर दिए हैं। इस मामले में सज्जन कुमार पर दंगा, हत्या और डकैती के आरोप तय किए गए हैं। इस मामले की अगली सुनवाई 16 दिसंबर को होगी। सज्जन कुमार पहले ही सिख दंगों से जुड़े एक केस में उम्रकैद की सजा काट रहा है।
जानकारी के अनुसार, सज्जन कुमार के खिलाफ दिल्ली के राजनगर में दो सिखों सरदार जसवंत सिंह और सरदार तरुणदीप सिंह की हत्या को लेकर दिल्ली के ही सरस्वती विहार थाने में केस दर्ज किया गया था। इसमें दंगा, हत्या और डकैती का आरोप लगाते हुए सज्जन कुमार के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 147, 149, 148, 302, 308, 323, 395, 397, 427, 436, 440 के तहत केस दर्ज किया गया। मंगलवार को रोज एवेन्यू कोर्ट के विशेष जज एम.के नागपाल की अदालत की सुनवाई के दौरान सज्जन कुमार पर आरोप तय कर दिए गए। अगली सुनवाई 16 दिसंबर को होगी।
सज्जन कुमार के खिलाफ दंगों से जुड़े इस मामले के बाद पंजाब में सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। शिरोमणि अकाली दल, भाजपा और आम आदमी पार्टी हमेशा से कांग्रेस को सिख विरोधी बताती आई हैं और कांग्रेस पार्टी पर दंगों के आरोपी नेताओं को बचाने के आरोप लगते रहे हैं।
सिरसा का आरोप- सज्जन को बचाती रही कांग्रेस
कुछ दिन पहले ही शिरोमणि अकाली दल छोड़कर भाजपा जॉइन करने वाले मनजिंदर सिंह सिरसा ने सज्जन कुमार पर आरोप तय होते ही कांग्रेस पर हमला बोल दिया। सिरसा ने कहा कि कांग्रेस वर्ष 2014 तक सिख दंगों के आरोपी सज्जन कुमार, जगदीश टाइटलर और कमलनाथ को बचाती रही क्योंकि इन तीनों की गिरफ्तारी से 1984 के नरसंहार में गांधी परिवार की भूमिका का खुलासा हो सकता था। 2014 के बाद केंद्र में भाजपा की सरकार बनने के बाद सही मायने में सिखों को न्याय दिलाने की लड़ाई शुरू हुई जो अब सिरे चढ़ती नजर आ रही है।
कालका बोले- अब दूसरे नेताओं की बारी
दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (DSGMC) के महासचिव हरमीत सिंह कालका ने कहा कि 1984 के सिख दंगों के 37 साल बीत जाने के बावजूद पीड़ितों को न्याय नहीं मिला है। अब सज्जन कुमार पर जो आरोप तय हुए हैं, वह DSGMC और शिरोमणि अकाली दल के प्रयासों का नतीजा है। 37 साल तक इन केसों को दबाने के प्रयास चलते रहे। अकाली दल के दबाव के कारण ही मौजूदा केन्द्र सरकार ने दंगों की जांच के लिए नई स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) बनाई। इसके बाद सज्जन कुमार जैसे लोग सलाखों के पीछे पहुंचे हैं। सज्जन कुमार के बाद जल्दी ही जगदीश टाइटलर और कमलनाथ की भी बारी आएगी।
इंदिरा गांधी की हत्या के बाद भड़के थे दंगे
ऑपरेशन ब्लू स्टार के बाद अक्टूबर-1984 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की उनके ही दो बॉडीगार्ड्स ने हत्या कर दी थी। उसके बाद पूरे देश में सिखों का कत्लेआम हुआ। शिरोमणि अकाली दल इन दंगों में कांग्रेस नेताओं की भूमिका बताते हुए इसे उठाता रहा है।
Copper scrap inspection Copper scrap payment terms Metal reclaim
Copper cable scrap grading, Scrap metal recovery plant, Copper scrap demand forecasting