सत्यखबर जींद (ब्यूरो रिपोर्ट) – कोरोना महामारी के चलते लगे राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के दौरान प्रदेश के लघु, सूक्ष्म व मध्यम उदयोगों यानी एमएसएमई पर खासा प्रभाव पड़ा है और इसके चलते हरियाणा सरकार ने इन उद्योगों को वापस पटरी पर लाने के लिए एक कमेटी का गठन करते हुए एमएसएमई निदेशालय बनाया है। यह जानकारी आज प्रदेश के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने जींद में एक पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए दी। इस दौरान उन्होंने बताया कि एमएसएमई के लिए सरकार जल्द एक पोर्टल भी जारी करेगी और इसके जरिये लघु उद्योग से जुड़े सभी लोगों की सहायता करते हुए उन्हें केंद्र सरकार द्वारा की गई घोषणाओं का लाभ पहुंचाने का कार्य किया जाएगा।
नये एमएसएमई निदेशालय के बारे में बताते हुए उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि प्रदेश सरकार ने उद्यमियों की सुविधा और उन्हें ज्यादा से ज्यादा लाभ पहुंचाने के लिए एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम श्रेणी की औद्योगिक इकाइयां) निदेशालय बनाया है। सरकार ने एमएसएमई निदेशालय के लिए एक कमेटी का भी गठन कर दिया है, जिसमें वरिष्ठ आईएएस अधिकारी एवं एमएसएमई के निदेशक विकास गुप्ता को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी गई है तो वहीं मुख्य सचिव इसकी अध्यक्षता करेंगे।
उन्होंने बताया कि इस कमेटी में एसीएस फाइनेंस, एसीएस उदयोग, बैंक प्रतिनिधि, दो एमएसएमई से जुड़े लोग भी शामिल है। उन्होंने कहा कि यह कमेटी सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम श्रेणी के औद्योगों को लाभ पहुंचाने के लिए कार्य करेगी। दुष्यंत चौटाला ने कहा कि आगामी तीन दिनों में गठित कमेटी बैंको से तालमेल करके केंद्र सरकार द्वारा की गई घोषणाओं को उद्यमियों तक पहुंचाने के कार्य में जुट जाएगी।
उन्होंने कहा कि सरकार का मकसद है कि जल्द से जल्द तमाम सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम श्रेणी की औद्योगिक इकाइयों को वापस उभारते हुए प्रदेश की आर्थिक गतिविधियों को मजबूत करने का है। उन्होंने कहा कि जल्द छोटे उद्योगों की सहायता के लिए एमएसएमई निदेशालय की कमेटी द्वारा एक पोर्टल भी जारी कर दिया जाएगा और इसे यह कमेटी पूरी तरह से मॉनिटर करेगी। उन्होंने कहा कि पोर्टल के जरिए तमाम लघु उद्योग चाहे जिनमें कृषि, ई-कॉमर्स या अन्य किसी क्षेत्र से जुड़े हो उनको पोर्टल के माध्यम से सहायता पहुंचाई जाएगी और बैंकों से लोन दिलाने का कार्य किया जाएगा।
पोल्ट्री उद्योग से जुड़े एक सवाल के जवाब में उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि सबसे पहले एकमात्र हरियाणा सरकार ने ही पोल्ट्री उद्योगों की सहायता करने के लिए कदम उठाया। उन्होंने कहा कि हैफेड के गोदाम से 1500 रूपये प्रति क्विंटल बाजरा पोल्ट्री फार्म संचालकों को मनमर्जी की क्षमता के हिसाब से उपलब्ध करवाने का कार्य किया। इसके साथ ही अन्य राज्यों से मक्का आदि भी अपलब्ध करवाया।
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