सत्य खबर,इंडिया
केंद्र सरकार ने स्कूल खोलने के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रॉसिजर (SOP) सोमवार को जारी कर दी। इसके मुताबिक दो-तीन हफ्ते तक बच्चों का कोई असेसमेंट नहीं होगा। स्टूडेंट्स की मेंटल हेल्थ और इमोशनल सेफ्टी पर भी ध्यान देना होगा। कैम्पस में इमरजेंसी केयर टीम बनानी होगी। पैरेंट्स की सहमति से ही बच्चों को स्कूल बुलाया जाएगा।
SOP दो हिस्सों में है। पहला हिस्सा स्कूल खोलने के दौरान बच्चों की हेल्थ सेफ्टी के बारे में है। इस बारे में SOP कहती है-
• स्कूल कैम्पस के सभी एरिया, फर्नीचर, इक्विपमेंट, स्टेशनरी, स्टोरेज प्लेस, वॉटर टैंक, किचन, कैंटीन, वॉशरूम, लैब, लाइब्रेरी की लगातार साफ-सफाई हो और ऐसी जगहों को डिसइन्फेक्ट किया जाए।
• स्कूलों को इमरजेंसी केयर सपोर्ट टीम या रिस्पॉन्स टीम, जनरल सपोर्ट टीम, कमोडिटी सपोर्ट टीम, हाइजीन इंस्पेक्शन टीम बनानी होगी और इसके तहत जिम्मेदारियां बांटनी होंगी।
• राज्यों की तरफ से जारी गाइडलाइन के आधार पर स्कूल अपनी SOP बनाएं ताकि बच्चों के मामले में सोशल डिस्टेंसिंग और हेल्थ सेफ्टी फॉलो हो सके।
• बच्चों, पैरेंट्स और टीचर्स के हेल्थ स्टेटस के बारे में जानकारी लेते रहें।
• जब बच्चे और स्टाफ बीमार हो तो वह घर से पढ़ाई या काम कर सके, इसके लिए फ्लेक्सिबल अटेंडेंस और सिक लीव पॉलिसी बनाएं।
SOP का दूसरा हिस्सा सोशल डिस्टेंसिंग और एकेडमिक पहलुओं से जुड़ा है। इस बारे में SOP कहती है-
• लर्निंग आउटकम का ध्यान रखते हुए कॉम्प्रिहेंसिव और अल्टरनेटिव कैलेंडर बनाया जाए।
• नए हालात को देखते हुए एकेडमिक कैलेंडर पर दोबारा काम किया जा सकता है।
• स्कूल खोलने के बाद बच्चे इकट्ठे न रहें, इस पर स्कूलों को ध्यान देना होगा।
• टीचर्स को बच्चों के साथ उनके करिकुलम के रोडमैप और मोड ऑफ लर्निंग पर बात करनी चाहिए। इसमें फेस टु फेस इंस्ट्रक्शन, इंडिविजुअल असाइनमेंट्स, ग्रुप बेस्ड प्रोजेक्ट और ग्रुप प्रेजेंटेशंस का जिक्र शामिल रहे।
• स्कूल बेस्ड असाइनमेंट्स किन तारीखों पर होंगे, इस बारे में भी वे बच्चों से बात करें।
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