सत्यखबर जाखल (दीपक) – जाखल सरकारी स्कूल की एक अनदेखी के कारण बच्चे का भविष्य अंधकार में होने जा रहा है। दसवीं क्लास का छात्र विशाल कुमार उत्तर लाभ सिंह जिस का स्कूल का रोल नंबर 37 है पहले तो उसका दाखिला स्कूल की तरफ से बड़ी मुश्किल से ही किया गया था जो बाद में बेरुखी के कारण अब उसका रोल नंबर न पहुंचने के कारण परिवार में हताशा व बच्चे का भविष्य अंधकार में डूब सकता है।
क्या है मामला
दसवीं क्लास के छात्र विशाल कुमार के पिता लाभ सिंह ने कहा कि वह अपने बच्चे की दशमी स्कूल के दसवीं के एडमिशन हेतु शुरू से ही जद्दोजहद कर रहे हैं उन्होंने बताया कि उसके बच्चे के एडमिशन लेने हेतु वे नौवीं क्लास मूसा खेड़ा के स्कूल से पास करके जब अप्रैल में दसवीं के लिए जाखल सरकारी स्कूल में गए तो वहां पर उसके एडमिशन करने के लिए पहले तो मना कर दिया गया परंतु जब काफी जद्दोजहद के बाद उसका एडमिशन सीएम की शिकायत करने पर लिया गया तो उन्होंने अप्रैल में किया और 200 स्कूल की फीस रख ली परंतु बाद में छुट्टियों के बाद उसकी स्कूल की फीस को भी वापस कर दिया जिस पर परिजन 30 जुलाई को लड़के को एडमिशन के लिए फिर गए परंतु उन्होंने फिर वहां पर बच्चे का एडमिशन करने से मना कर दिया।
स्कूल ने बच्चे को और जब इस मामले में स्कूल में बच्चे का एक रिटन टेस्ट भी लिया गया जो देने के बाद भी बच्चे को दसवीं क्लास के लायक नहीं बताया जबकि परिजनों का कहना है कि बच्चे ने आठवीं क्लास इसी सरकारी स्कूल से की थी। और इस मामले में 30 जुलाई को परिजनों ने ट्विटर के द्वारा मुख्यमंत्री को शिकायत की जिस पर जिला शिक्षा विभाग ने फोन पर परिजनों से सारी जानकारी मांगी और 3 अगस्त को वि यो से रिपोर्ट मांगी गई जिस पर बीईओ ने 5 अगस्त को लेटर जारी कर प्रिंसिपल को एडमिशन करने हेतु निर्देश दिए 29 तारीख को परिजन जब स्कूल में गए तो प्रिंसिपल साहब छुट्टी पर थे और इस माह 20 सितंबर को दाखिला किया गया।
उसके बाद पेपरों के समय कम हाजिरी का हवाला देकर रोल नंबर नहीं दिया उसके बाद और जिन्होंने कम हाजिरी का ब्यौरा लिया और बीई यो से इस शिकायत की तो वीई यो ने शिक्षा अधिकारी को शिकायत पर रिमार्क कर के परिजनों को शिक्षा अधिकारी के पास भेजा। और परिजन खुद शिक्षा अधिकारी के पास 28 फरवरी को अपना शिकायत पत्र लेकर गये।
जिस पर जिला शिक्षा अधिकारी ने भिवानी के सचिव को आगामी कार्रवाई हेतु नोटिस भेज दिया गया और सचिव ने भी कार्रवाई करने का आश्वासन दिया परंतु। आज जब रोल नंबर ना मिलने पर परिजनों ने सचिव से बात की तो सचिव ने भी अपनी असमर्थता जताई।
इस कारण परिजनों का कहना है कि पेपर से कुछ दिन पहले ही उसका रोल नंबर रोक दिया जाना उसके भविष्य के साथ एक तरह का खिलवाड़ है। हालांकि इस मामले में परिजन 28 फरवरी से ही रोल नंबर के प्रयास किए जा रहे थे परंतु जानबूझकर उन्हें समय लगा लगा कर उनको टरका दिया जाता था और परिजनों का इस मामले में शिक्षा विभाग के प्रति भारी रोष है।
परिजनों का कहना है कि विशाल कुमार दसवीं कक्षा का छात्र है और उसका स्कूल का लोन रोल नंबर 37 है और उन्होंने शिक्षा विभाग से इसके प्रति कार्रवाई करने की मांग की है ताकि बच्चे का भविष्य खराब ना हो।
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