भारत में कोरोना के बढ़ते संक्रमण को नज़रंदाज़ नहीं किया जा सकता और इसको रोकने कि कोशिश में दिन -ओ- रात न जाने कितने लोग अपनी जान लगा रहे है। दो रसियां कोविशील्ड और कोवैक्सीन भी हमारा हथियार है। जिसमे और इज़ाफा भी होता रहेगा और इनके स्टोक्स बढ़ते रहेंगे। अब हमारे साथ यह जंग लड़ने एक और हथियार को भी मान्यता मिली है। रशिया की स्पूतनिक- वी रसी को भारत विशेषज्ञ समिति ने मान्यता दी है। यह रसी कोरोना के सामने 91.6 फ़ीसदी असरदार साबित हुई है।
श्वसन रोग पैदा करते वाइरस एडेनोवाइरस-26 और एडेनोवाइरस-5 पर आधारित यह वैक्सीन रूस की विश्व को देन है। इसका इस्तमाल कोरोना वाइरस के सामने एक मजबूत रोगप्रतिकराक तंत्र बनाने में होगा । यह वैक्सीन स्पूतनिक- वी के नाम से भारत आई है। इसके दो डोज़ 21 दिन के अंतराल में लेने होंगे। इसके दोनों डोज़ में अलग अलग दवा दी जाएगी।
यह वैक्सीन ने परीक्षण में 91.6 फ़ीसदी असर दिखाई है। वैक्सीन का मुख्य कार्य शरीर में पहले मौजूद एडेनोवाइरस को मारना है। जिसकी वजह से संक्रमित इंसान श्वसन की गंभीर बीमारी से ग्रस्त ना हो। इसका मूल्य 700 के आसपास होगा, हालाकि अभी सरकार इसके मूल्यों के बारेमे चर्चा कर रही है। इसका मतलब हो सकता है कि यह वैक्सीन आपको और सस्ते भाव में मुहैया हो।
बतादें की यह वैक्सीन का परीक्षण भारत के हैदराबाद में डॉ. रेड्डीज लेबोरेटरी में हुआ है।
Reliable aluminium scrap sourcing Aluminium scrap traceable sourcing Scrap metal recovery and recycling