सत्य खबर, चण्डीगढ़
लारेंश लॉरेंस बिश्नोई ने देश के गृह मंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल की नींद उड़ा रखी है। आखिर ये गैंग कैसे देश की सबसे बड़ी सुरक्षा एजेंसियों के हिट लिस्ट में आ गया है। हम आपको बताते हैं पूरी हिस्टरी।
मशहूर पंजाबी गायक और कांग्रेस के नेता सिद्दू मुसेवाला की जिस तरह दिन दहाड़े बेरहमी से हत्या की गई। उससे सभी हैरान है। लेकिन सबसे ज्यादा हैरानी गृहमंत्री अमित शाह और पीएम के सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल को हो रही है। उनकी चिंता का सबसे बड़ा कारण मुसेवाला की हत्या में इस्तेमाल हुए हथियार है। सिद्धू मुसेवाला को मारने में जिस हथियार का इस्तेमाल हुआ उसका नाम है एन 94 जो एक रूसी हथियार है। जिसका वहां की सेना आज भी इस्तेमाल करती है। सुरक्षा एजेंसियां इस बात से ज्यादा परेशान है कि जो हथियार भारतीय सेना के पास नहीं है वो लॉरेंस बिश्नोई के पास कैसे पहुंचा। बड़ी बात है कि दुनिया की चुनिंदा सेनाओं के पास ही एन 94 है। रसिया ने इस हथियार को 1998 में एके 47 की जगह इस्तेमाल करने के लिए बनाया था। रूस और पाकिस्तान के साथ जैसे संबंध है। उससे ये तो साफ है कि ये पाकिस्तान से नहीं आया है। तो क्या लॉरेंस बिश्नोई ने किसी अन्य माध्यम से इस हथियार को हासिल किया है। क्या वो चीन, या मिडिल ईस्ट जहां रूसी सेना सक्रिय है। इसका मतलब लॉरेंस बिश्नोई के पाव अब केवल हिंदुस्तान में नहीं बल्कि दुनिया के कई कोनों में पहुंच गए हैं, तभी उसके पास एन 94 जैसे हथियार मौजूद हंै। गौर करने वाली बात ये है कि ये हथियार तकनीकी रूप से इतने मजबूत हंै कि रूस की सेना अभी भी इनका इस्तेमाल कर रही है। यूक्रेन और रसिया के युद्ध में भी इन हथियारों का जमकर इस्तेमाल हो रहा है। ये हथियार लॉरेंस बिश्नोई गैंग तक कैसे पहुंचे ये बड़ा सवाल है। ऐसे कई सवाल है जो सुरक्षा एजेंसियों को परेशान कर रहे हैं। क्या लॉरेंस बिश्नोई गैंग इतना बड़ा हो चुका है, कि वो इंटरनेशनल लेवल पर हथियारों की डील कर सकता है और उन्हें खरीद सकता है।
दरअसल एन 94 कोई मामूली हथियार नहीं है। इस राइफ ल को गेनादी निकोनोव ने तैयार किया था जिसकी डिजाइनिंग 1980 में शुरू हुई और 1994 में ये राइफल बनकर तैयार हो गई। 1997 को इस हथियार को रूसी सेना में शामिल किया गया तब से ये हथियार अपनी सेवाएं दे रही है। खास बात ये है कि एन 94, 1 मिनट में 600 राउंड गोलियां दाग सकती है। गोलियों की गति 900 मीटर प्रति सेकंड है। पंजाब पुलिस के मुताबिक मुसेवाला के ऊपर इस हथियार से 30 राउंड गोलियां दागी गई थी। अमित शाह और अजित डोभाल के परेशान होने की और भी कई वजह हैं। खालिस्तानी आतंकी लगातार पंजाब में दहशत फैलाने की फिराक में है। पिछले कई महीनों से खालिस्तानी खुलकर सडक़ पर आ गए हैं। किसान आंदोलन के दौरान भी इनकी भूमिका खूब नजर आ रही थी। वहीं हिमाचल विधानसभा में तो इन्होंने खालिस्तानी झंडे तक फ हरा दिए थे ।
ऐसे में ये खालिस्तानी गु्रप पंजाब और उसके राज्यों में सक्रिय गैंगस्टर के साथ मिलकर काम करने लगे तो पंजाब और देश के हालात काफी बुरे हो सकते हंै और इन गिरोहों को कुचलना भी भारत सरकार के लिए आसान नहीं है। यही वजह है कि जब से लॉरेंस बिश्नोई गैंग के पास एन 94 मिला है। अमित शाह और अजित डोभाल के कान खड़े हो गए हंै और उन्होंने गैंगस्टरों से निपटने का प्लान भी बनाना शुरू कर दिया है।
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