सत्य खबर, हरिद्वार । लगभग 1 महीने की गहमा गहमी के बाद आज हरिद्वार में विधानसभा चुनाव संपन्न हो गए। काफी खींचतान के बावजूद चुनाव शांतिपूर्वक सम्पन्न हुआ। हरिद्वार में उत्तराखंड का सबसे ज्यादा 67.58 % मतदान हुआ। कांग्रेस प्रत्यासी सतपाल ब्रह्मचारी के समर्थक वोट प्रतिशत के बढ़ोतरी को जीत के तौर पर मान रहे हैं। ब्रह्मचारी समर्थकों का कहना है कि जनता ने बदलाव के लिए ज्यादा वोट किया है।
मायूस दिखे मदन कौशिक समर्थक
मतदान के 1 दिन पहले तक जहां भाजपा प्रत्याशी मदन कौशिक के समर्थक काफी उत्साहित दिखाई दे रहे थे तो वही मतदान के दिन 11:00 बजे के बाद मदन कौशिक खेमे में मायूसी छा गई। एकतरफा जीत का दावा करने वाले मदन कौशिक के समर्थक सतपाल ब्रह्मचारी से कड़ी टक्कर की बात कहने लगे। पिछले चुनाव में जहां मदन कौशिक 37000 से भी ज्यादा मतों के अंतर से जीत प्राप्त करने में कामयाब हुए थे तो वहीं इस बार उन्हें हर बूथ पर कड़ी टक्कर मिली तो भूपतवाला जैसे बूथों पर मदन कौशिक की टीम धराशायी नजर आई।
अपने ही बिछाए जाल में फंस गए कौशिक
हमे तो अपनो ने लूटा गैरों में कहां दम था मेरी कश्ती वहां डूबी जहां पानी कम था वाली कहावत मदन कौशिक पर इस चुनाव में लागू होती दिखाई दी। एक तो लोगों में बदलाव की लहर तो दूसरी तरफ स्थानीय भाजपा ने भी मदन कौशिक को दुकान में कोई कोर कसर बाकी नहीं छोड़ी। दरअसल भाजपा और संघ से जुड़े लोगे मदन कौशिक द्वारा भाजपा से ज्यादा अपने निजी समर्थकों पर ज्यादा विश्वास करने की वजह से नाराज थे। अपने समर्थकों के घमंड में मदन कोशिक ने भाजपा के नए पुराने कार्यकर्ताओं को दरकिनार किया हुआ था। जिसकी वजह से मायूस कार्यकर्ताओं ने खुलकर बगावत की यही बगावत सतपाल ब्रह्मचारी को जीत के पायदान पर ले जाने में बड़ी सहायक सिद्ध हुई।
नशा ले बैठा कौशिक को
धर्म नगरी में पल रहे नशे के कारोबार से परेशान लोगों की नब्ज को सतपाल ब्रह्मचारी ने पकड़ा और शहर से नशा खत्म करने के अपने संकल्प को हर घर तक पहुंचाया। नशे की वजह से उजड़ रहे परिवारों ने मजबूती के साथ सतपाल ब्रह्मचारी का साथ दिया जिसकी वजह से चुनाव के परिणाम आने से पहले ही लोगों को जीत की आहट सुनाई दे रही है। एक तरफ ब्रह्मचारी के समर्थकों द्वारा नशे के खिलाफ मुहिम चलाई जा रही थी तो दूसरी तरफ मदन कौशिक के खास समर्थकों के पास से शराब और दूसरे नशे की खेप मिलने से लोगों में नाराजगी और भी बढ़ती चली गई। इसी नाराजगी ने मदन कौशिक के 20 साल पुराने गढ़ को ढहा दिया।
स्थानीय चैनलों और चुनावी विश्लेषकों के अनुसार सतपाल ब्रह्मचारी इस चुनाव को 15000 से भी अधिक मतों के साथ जीत बता रहे हैं। हालांकि सभी की नजर आप पर 10 मार्च को मतों की गणना पर रहेगी।
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