सत्यखबर, नरवाना (सन्दीप श्योरान) :-
लॉक डाउन के कारण आज जहां सभी अपने घर में रहने के लिए मजबूर हैं, वहीं कुछ लोग इस समय का सदुपयोग किताबें पढ़कर या टीवी आदि देखकर कर रहे हैं। टीवी पर दोबारा से रामायण व महाभारत सीरियल दिखाने शुरू किए गए हैं। जिनसे प्रभावित होकर नगरपरिषद के कर्मचारी व गांव कर्मगढ़ निवासी धर्मबीर नैन से रहा नहीं गया और उन्होंने एक छोटी-सी कविता ही बना डाली। हालांकि धर्मबीर नैन कोरोना का कारण लोगों का एक-दूसरे के प्रति कठोर व्यवहार को मानते हैं। फिर भी कारण जो कुछ भी हो, लेकिन धर्मबीर नैन की हरियाणवी कविता की चंद पंक्तियां वर्तमान हालातों पर फिट बैठती हैं, जो इस प्रकार हैं- भाई-भाई का बैरी होग्या, नाड़ काट लें सुते की। बहु जेठ तैं कहती आज्या, पाडू मुछ नपुते की। मां बापा की कदर इसी जणू, टूक बगादी कुत्ते की। ये मरद फेर बी इसी बीरां की, नोक चाट ले जूते की। लोगो घर का मन्दिर छोड कयें ये पूजैं, मन्दिर देवी माई का। ना मां का राज पिता की चौधर, प्यार रहा ना भाई- भाई का।
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