सत्यखबर, जींद
हरियाणा एड्स कंट्रोल सोसायटी के तत्वावधान में शनिवार को अंतरराष्ट्रीय नशा विरोधी पखवाड़े का आयोजन नागरिक अस्पताल में किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता डिप्टी एमएस डा. राजेश भोला ने की। उन्होंने कार्यक्रम में मौजूद लोगों से आह्वान किया कि नशा छोडऩा मुश्किल नहीं है, मुश्किल है तो नशा छोडऩे के लिए प्रण करना। इसलिए आज से ही नशा मुक्त होने का प्रण लें और समाज के निर्माण में अपना अहम योगदान दें।
डा. राजेश भोला ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि कुछ लोग नशे के काफी आदि हो जाते हैं, ऐसे लोगों को दवाइयों एवं योग का सहारा लेकर इस बुराई से मुक्त बनना चाहिए। हमे अपने जीवन को खुशियों से भरना है तो हर हाल में नशे को छोडऩा ही होगा। नशा करना एक ऐसी बुराई है जो खुद को तो खत्म करती ही है साथ ही पूरे परिवार को भी तबाह कर देती है। उन्होंने कहा कि नशा मनुष्य को अंदर से दीमक की तरह खोखला करता चला जाता है और फिर एक दिन यहीं नशा आदमी को मौत के द्वार तक छोड़ कर आता है। ऐसे में यदि हम समय रहते संभल जाएं और नशे के प्रति जागरूक हो जाएं तो इस बुराई पर विजय हासिल कर सकते हैं।
डिप्टी सिविल सर्जन डा. संदीप लोहान ने ने बताया कि जींद स्थित ओएसटी सेंटर में इस समय 130 मरीज अपना इलाज ले रहे हैं, जो पहले इंजेक्टेबल ड्रग्स लेते थे। ओएसटी सेंटर में अबतक कुल 332 मरीजों का रजिस्ट्रेशन हो चुका है। वर्ष 2014 से शुरू हुआ ओएसटी सेंटर लगातार लोगों को नशा छुड़वाने के लिए काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि कहा कि नशा बहुत बुरी लत है। इसलिए नशे से हमेशा दूर रहना चाहिए। अभिभावकों को चाहिए कि वह अपने बच्चों पर पूरा पूरा ध्यान रखें ताकि बच्चें किसी प्रकार के नशे की लत में नहीं पड़ें। ऐसा जरूरी नहीं है कि व्यक्ति नशे का आदि होने के बाद उसे छोड़ नहीं सकता अगर व्यक्ति में किसी भी काम को करने की ठान लें तो उसे जरूर पूरा कर सकता है। सतीश देशवाल ने कहा कि नशे के प्रति हमें स्वयं तो जागरूक रहने की जरूरत है साथ ही अन्य लोगों और खासकर युवा वर्ग को इसके दुष्प्रभावों से अवगत करवाना हमारी नैतिक जिम्मेवारी है। इस मौके पर मेंटल हैल्थ काउंसलर दिनेश, अभिषेक, रवि वर्मा सहित ओएसटी सेंटर से दवा ले रहे युवा भी शामिल रहे।
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