सत्यखबर चंडीगढ़ (अशोक छाबड़ा) – प्रदेश से आठ लाख श्रमिकों ने अपने-अपने राज्य में जाने के लिए पंजीकरण करवाया है। ऐसे ही करीब डेढ़ लाख लोग हैं,जो हरियाणा वापस आना चाहते हैं। सभी के आवागमन का प्रयास जारी है। रेलवे एनओसी देने के बाद ही गाड़ी चलाने की अनुमति देता है। कुल मिलाकर के पूरी प्रक्रिया आसान नहीं है। हरियाणा सरकार अब तक 1 लाख 60 हजार 300 प्रवासी व खेतिहर मजदूरों को निशुल्क घर पहुंचा चुकी है। इन्हें विभिन्न विशेष श्रमिक ट्रेनों व बसों से सरकार ने अपने खर्च पर गृह राज्यों में भेजा है। 3100 से अधिक बसों से विभिन्न राज्यों में प्रवासी मजदूरों को पहुंचाया गया है।
781 बसें गाजियाबाद (उत्तर प्रदेश) भेजी गईं। कुल 40 विशेष श्रमिक ट्रेनों से प्रवासी श्रमिकों को बिहार व मध्य प्रदेश भेजा गया है। इनमें से 28 ट्रेन बिहार व 12 मध्य प्रदेश भेजी गई हैं। सीएम मनोहर लाल ने बताया कि प्रवासी श्रमिकों को गृह राज्यों में भेजने के लिए चलाई जा रही ट्रेनों व बसों का सारा खर्च हरियाणा सरकार वहन कर रही है। इन मजदूरों को राहत केंद्रों में रखने,रेलवे स्टेशन व बस स्टेशन पर मुफ्त लाने के इंतजाम सरकार ने किए हैं। अब तक राज्य से 75,600 प्रवासी मजदूरों को उत्तर प्रदेश पहुंचाया गया है। 37,866 प्रवासी श्रमिक बिहार भेजे गए हैं। उत्तराखंड के 14,940 व मध्य प्रदेश के 19,982 मजदूरों को घर भेजा गया है।
सीएम के अनुसार 1210 श्रमिक जम्मू व कश्मीर, 947 मजदूर राजस्थान, 336 मजदूर महाराष्ट्र, 223 मजदूर पंजाब, 79 मजदूर हिमाचल प्रदेश, 62 मजदूर असम, 27 प्रवासी मजदूर गुजरात, 169 श्रमिक दिल्ली, 40 मजदूर तमिलनाडु, 57 मजदूर पश्चिम बंगाल व 20 श्रमिक आंध्र प्रदेश पहुंचाए गए हैं। उन्होंने बताया कि संबंधित जिला प्रशासन से पास लेकर विभिन्न राज्यों में लगभग 8500 श्रमिक गए हैं। लगभग 11 हजार हरियाणा निवासियों को अन्य राज्यों से लाया गया है। यह प्रक्रिया जारी है। जिन भी मजदूरों ने आने व घर जाने के लिए पंजीकरण कराया है,उन्हें भेजने व लाने की व्यवस्था की जा रही है।
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