सत्यखबर, चंडीगढ़
प्रदेश में अब आंदोलनों के दौरान उपद्रव और तोड़फोड़ महंगी पड़ेगी। अब इससे हुए नुकसान की भरपाई आंदोलनकारियों से होगी। यह कानून अब लागू हो गया है। हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र में पारित हरियाणा लोक व्यवस्था में विघ्न के दौरान क्षति वसूली विधेयक, 2021 को राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य ने मंजूरी दे दी है। आंदोलनों के दौरान हुए नुकसान के मुआवजे के आवेदन पर फैसला लेने के लिए प्रदेश सरकार एक या एक से अधिक दावा अधिकरण का गठन करेगी।दावा अधिकरण की अध्यक्षता हरियाणा सुपीरियर ज्यूडिशियल सर्विसेज के एक अधिकारी द्वारा की जाएगी। इसे पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के परामर्श से नामित किया जाएगा।
क्लेम ट्रिब्यूनल में दो या दो से अधिक सदस्य हो सकते हैं। ट्रिब्यूनल के अन्य सदस्य राज्य सरकार के अधिकारियों में से होंगे, जो अतिरिक्त उपायुक्त के रैंक से नीचे नहीं होंगे। ट्रिब्यूनल नुकसान के मामलों में देयता का निर्धारण करेगा। साथ ही उसके पास भेजे गए मुआवजे के दावों का आंकलन करेगा और मुआवजा निर्धारित करेगा। उसके बाद मुआवजे का अवार्ड किया जाएगा।हरियाणा में पंचायत चुनाव कराने के लिए निर्देश देने की मांग की एक याचिका पर सुनवाई के दौरान बेंच ने तय किया कि पंचायत चुनाव से संबंधित सभी याचिका पर एक साथ सुनवाई की जाए। हरियाणा राज्य चुनाव आयोग के वकील अनिरूद सिंह ने बताया कि पंचायत विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव ने राज्य चुनाव आयोग को 22 मार्च को एक पत्र लिख कर वार्डबंदी व आरक्षण तय करने के लिए दो महीने और उसके बाद अन्य तैयारी के लिए एक महीने का समय लगने की बात कही है।
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सरकार की वार्डबंदी व अन्य काम के बाद ही राज्य चुनाव आयोग चुनाव की प्रक्रिया शुरू कर सकता है। सभी पक्षों को सुनने के बाद बेंच ने इस मामले को पंचायत चुनाव से संबंधित अन्य याचिका के साथ सुनवाई के लिए तय करते हुए मामले की सुनवाई 20 अप्रैल तक स्थगित कर दी। इस मामले में जिला जींद के देवेंद्र सिंह व अन्य ने याचिका दायर की थी। याचिकाकर्ताओं ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 243 ई के प्रावधानों के अनुसार चुनाव कराने के लिए अधिसूचना जारी करने के लिए राज्य को निर्देश देने की मांग की है।
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