सत्यखबर, दिल्ली
19 जुलाई को संसद का मॉनसून सत्र शुरू होने के बाद से ही विपक्षी दलों के विरोध और गतिरोध के कारण सदन की कार्यवाही बाधित रही है। विपक्षी दल पेगासस जासूसी विवाद पर चर्चा की मांग पर अड़े हुए हैं और इसको लेकर गतिरोध बना हुआ है। हंगामे के बीच किसी दिन भी संसद की कार्यवाही ठीक ढंग से नहीं चल पाई और मॉनसून सत्र आखिरी हफ्ते में प्रवेश कर गया है। बचे हुए दिनों में भी कोई खास उम्मीद नहीं है, विपक्ष इस मुद्दे पर अब भी हमलावर है। वहीं आज नजर OBC आरक्षण से जुड़े बिल पर भी होगी।
यह वीडियो राज्यसभा टीवी के क्लिप से तैयार किया गया है जिसमें उच्च सदन में विपक्षी सांसदों के दिये गये बयान हैं और उनमें शुरुआत किसान और पेगासस जैसे शब्दों से की गयी है। इस वीडियो में सदन में कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खड़गे यह कहते हुए नजर रहे हैं, हम पिछले 14 दिनों से जिस चर्चा की मांग कर रहे हैं, और भविष्य पर जिस पर चर्चा कर सकते हैं, आप उसे होने नहीं दे रहे हैं। आप अब उस विधेयक को पारित कर रहे हैं। यदि आपमें साहस है तो पेगासस विवाद पर चर्चा शुरू कीजिए।
वीडियो में कांग्रेस के दीपेंद्र हुड्डा यह कहते हुए दिख रहे हैं कि यदि उनका माइक्रोफोन बंद नहीं किया जाए तो वह किसानों के मुद्दे पर बोलना चाहेंगे। माकपा सरकार पर संसदीय लोकतंत्र को चुराने का आरोप लगाती हुई नजर आ रही है। तृणमूल कांग्रेस के सुखेंदु शेखर राय संसद में भाषण की आजादी का मुद्दा उठाते हुए दिख रहे हैं। उसमें समाजवादी पार्टी (सपा), तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस, द्रविड़ मुनेत्र कषगम(द्रमुक) और आम आदमी पार्टी (आप) जैसे अन्य विपक्षी दलों का भी प्रतिनिधित्व है।
मॉनसून सत्र में अब तक विपक्षी एकता नजर आ रही है जो इसके पहले तक नहीं दिख रहा था। सरकार को घेरने के लिए पूरा विपक्ष एक साथ मिलकर रणनीति तैयार कर रहा है। मॉनसून सत्र के बीच सदन के बाहर विपक्षी नेताओं की कई बैठकें भी हो चुकी हैं। सरकार को घेरने में कांग्रेस के साथ ही साथ टीएमसी भी आक्रामक नजर आ रही है। पश्चिम बंगाल के चुनावों में भाजपा को चुनौती देने और जीत के बाद टीएमसी नए तेवर में है।
राज्यसभा में तीसरे हफ्ते हंगामे की वजह से 21 घंटे 36 मिनट का समय बर्बाद हुआ है। आंकड़ों के मुताबिक मॉनसून सत्र शुरू होने से अब तक कुल 78 घंटे 30 मिनट के समय में 60 घंटे 28 मिनट हंगामे की वजह से बर्बाद हुए हैं। अधिकारियों ने बताया कि गत तीन सप्ताह के दौरान सदन में कुल 17 घंटे 44 मिनट काम हुआ है, जिनमें से चार घंटे 49 मिनट विधेयकों पर, तीन घंटे 19 मिनट प्रश्नकाल में और चार घंटे 37 मिनट में कोविड-19 संबंधी मुद्दों पर संक्षिप्त चर्चा हुई।
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