सत्यखबर बरवाला (कपिल मेहता) – भले ही लॉकडाउन समाप्त होने के स्कूल खोलने को लेकर पूरा देश एक मत न हो, मगर हरियाणा प्रदेश के 57 फीसदी पेरेंट्स का मानना है कि जरूरी एहतियात बरतते हुए स्कूलों को खोल दिया जाना चाहिए। जिससे कि बोर्ड की विभिन्न कक्षाओं की अधिक समय तक पढ़ाई हो सके। इसी प्रकार 52 फीसदी अभिभावकों का मानना है कि पहले चरण में नौवीं से लेकर 12वीं कक्षा तक की पढ़ाई होनी चाहिए। लॉकडाउन के दौरान अभिभावकों का शिक्षा व स्कूलों के प्रति नजरिया बदल रहा है।
इससे भी बड़ी बात यह है कि प्रदेश प्राइवेट स्कूलों में पढने वाले 7 फीसदी से अधिक विद्यार्थियों के अभिभावक इस बार अपने बच्चों को सरकारी स्कूली में प्रवेश दिलवा चुके हैं या फिर इस बाबत सोच रहे हैं। यहां रोचक बात यह निकल कर आई की करीब दस फीसदी विद्यार्थियों को एक से अधिक स्कूल ऑनलाइन होम वर्क भेज रहे हैं।
यह सार है देश की नामी समाजसेवी संस्था राह ग्रुप फाउंडेशन की ओर से करवाए गए एक सर्वे का। जिसमें राह ग्रुप फाउंडेशन ने अलग-अलग मुद्दों पर प्रदेश के 22 हजार से अधिक अभिभावकों की राय जानी गई। इस सर्वें में सरकारी, प्राइवेट व पब्लिक स्कूलों में पढने वाले विद्यार्थियों के अभिभावकों को शामिल किया गया था।
1. क्या आप मानते हैं कि उचित इंतज़ामों के बाद चयनित उच्च कक्षाओं के लिए जुलाई माह में स्कूल खोल देने चाहिए ?
हां – 57 फीसदी
नहीं – 32 फीसदी
कुछ कह नहीं सकते – 11 फीसदी
2. आप किस कारण से चाहते हैं कि स्कूलों को जल्द खोले जाएं ?
घर में रहते हुए भी बच्चे दूसरे बच्चों के संपर्क में रह होते हैं – 27
डर है कि कहीं बच्चे पढ़ाई में न पिछड़ जाए – 14
स्कूल में भी घर के समान ही होगी बच्चों की देखभाल – 19
जब कोरोना के साथ जीना ही तो बच्चों को भी इसकी आदत अभी से डालना जरूरी – 40 फीसदी
3. आप क्या मानते हैं कि कोरोना वायरस से सुरक्षा के लिए कौन-सा एक कार्य जरुर करे स्कूल प्रबंधन ?
सभी विद्यार्थियों का स्कूल में प्रवेश करने से पहले थर्मल स्क्रीनिंग जरुर हो – 10
बच्चों को वाहन में बैठने से पहले व स्कूल में प्रवेश करने से पहले थर्मल स्क्रीनिंग जरुर हो – 52
स्कूल प्रबंधन औसतन हर रोज स्कूल को सेनेटाईज करे – 28
कुछ बता नहीं सकते – 10 फीसदी
4. ऐसे में स्कूलों के सहयोग व अपने बच्चों को सुरक्षित रखने के लिए क्या करे अभिभावक?
बच्चों को स्वयं स्कूल तक छोडऩे जाए – 42 फीसदी
सरकारी व प्राइवेट स्कूलों की तकनीकी व आर्थिक मदद करे – 24
मास्क व सेनेटाईजर की व्यवस्था करे – 100 फीसदी
बच्चों को कोरोना के खतरे व उसके बचावों के प्रति जागरुकता लाना – 100 फीसदी
इस कॉलम में अधिकाशं अभिभावकों ने तीन से चार कॉलम पर निशान लगाए, जबकि उन्हें एक कॉलम पर सहमति जताने के लिए कहा गया था।
5. क्या आप इस बार अपने बच्चे का स्कूल बदलना चाहते हैं?
हां – 18 फीसदी
नहीं – 58 फीसदी
बच्चे की मर्जी पर निर्भर करेगा – 3 फीसदी
कुछ कह सकते – 21 फीसदी
5. आप इस बार अपने बच्चे का स्कूल क्यो बदलना चाहते हैं?
घर से अधिक दूरी के कारण – 14 फीसदी
वित्तिय संकट के चलते – 26
वर्तमान स्कूल तकनीकी अकुशलता के कारण – 28
अन्य कारणों से – 32
(यह कॉलम उन्हीं से भरना था, जो स्कूल बदलने की सोच रहे थे।)
6. आपकी राय में इस बार स्कूली सलेब्स कुछ कम होना चाहिए :-
हां – 85 फीसदी
नहीं – 07 फीसदी
कुछ कह नहीं सकते – 8 फीसदी
7. क्या आप अपने बच्चे की ऑनलाइन पढ़ाई से संतुष्ठ हैं ?
हां – 38 फीसदी
नहीं – 32 फीसदी
कुछ-कुछ – 12 फीसदी
कुछ कह नहीं सकते – 18 फीसदी
8. आपकी नजर में ऑनलाईन शिक्षा की सबसे बड़ी दिक्कत?
बार-बार नेट डिस्कनेक्ट होना – 15 फीसदी
बच्चों की कक्षाओं का एक ही समय होना – 33 फीसदी
विषय विशेष पर समझने की दिक्कत आना – 22 फीसदी
शिक्षकों का स्वयं ऑनलाइन तकनीक से दक्ष न होना – 19 फीसदी
किसी भी प्रकार की दिक्कत नहीं – 11 फीसदी
9. आप क्या मानते हैं कि स्कूलों को सेनेटाईज करने से लेकर दूसरे प्रकार के सुरक्षा उपाय कौन करे?
स्कूल प्रबंधन – 27
जिला पंचायत/नगर परिषद/ नगर निगम – 22
विद्यार्थियों के पेरेंट्स व स्कूल प्रबंधन मिलकर – 19
सभी के तालमेल से कमेटी बने – 32
10. आपके अनुसार स्कूलों में कोरोना अवेयरनस पर खर्च होने वाली रकम कौन वहन करे?
स्कूल प्रबंधन – 20
जिला प्रशासन/सरकार – 47
अभिभावक – 16
स्कूल प्रबंधन व अभिभावक मिलकर – 17
11. आपकी नजर में कोरोना को लेकर जो स्थिति उपजी है, उसे सुधारने के लिए किसे अपना अधिक योगदान देना चाहिए?
सरकार/ प्रशासन – 33
स्कूल प्रबंधन – 32
अभिभावकों का – 27
कुछ कह नहीं सकते – 8
11. क्या आप अपने बच्चे के स्कूल में कोरोना से निपटने की तैयारी का स्वयं अवलोकन करना चाहते है ?
हां – 54 फीसदी
नहीं – 15 फीसदी
जब स्कूल खुलेंगे तब देखेंगे – 31 फीसदी
छोटे से गांव से लेकर बड़े शहर तक किया गया है सर्वें:-
इस सर्वें में बड़े शहरों के अलावा कस्बों व ग्रामीण क्षेत्र के अभिभावकों को भी शामिल किया गया। जिसमें अनपढ़ से लेकर उच्च शिक्षित व प्रत्येक प्रकार के व्यवसाय से संबंधित लोगों को शामिल किया गया था। जिसमें शहरों के निकट व दूर दराज के गांवों के अभिभावकों की सोच में भी अन्तर मिला। सर्वें में प्रदेश के कुल 120 स्थानों पर सैम्पल सर्वें के माध्यम से लोगों की राय ली गई।
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