सत्यखबर, जाखल, दीपक
20 मार्च को लोकडाउन घोषित होने के पश्चात सभी नागरिक घरों में रहकर अपनी जिम्मेदारियां निभा रहे थे हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ व सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के पदाधिकारी राज्य संगठन सचिव धर्मेंद्र ढांढा सर्व कर्मचारी संघ उप प्रधान अजीत शास्त्री सर्व कर्मचारी संघ ब्लाक प्रधान मुरारी शर्मा सर्व कर्मचारी संघ ब्लॉक सचिव संदीप लगातार मीडिया में आ रही खबरों को बारीकी से देख रहे थे जब उन्होंने देखा की प्रवासी मजदूरों पर अत्याचार हो रहे हैं प्रवासी मजदूरों के पास लोक डाउन होने के बाद खाने पीने की कोई व्यवस्था नहीं है वे भूखे ही रोड़ पर चल रहे हैं और कुछ प्रवासी मजदूरों की मृत्यु की भी सूचनाएं आ रही थी तो पदाधिकारियों ने आपस में टेलीफोन द्वारा बातचीत करके यह निष्कर्ष निकाला कि इस भयंकर बीमारी के दौर में जब पूरा देश जूझ रहा है संगठन के पदाधिकारी होने के नाते हमारा यह फर्ज बनता है कि समाज के सामने आदर्श प्रस्तुत करें ।समाज का जो तबका जिसके हक की लड़ाई के लिए लड़ना इन संगठनों का इतिहास रहा है आज उस वर्ग को सबसे ज्यादा जरूरत है इसलिए उन्होंने जाखल ब्लॉक के अध्यापकों से यह विचार विमर्श किया कि इस लॉक डाउन के दौरान जब सीमाएं सील कर दी गई है क्यों ना इस भयंकर बीमारी के समय कुछ राशि एकत्रित कर उन प्रवासी मजदूरों की सहायता की जाए ताकि उनके खाने-पीने की व्यवस्था व अन्य जरूरत की चीजों का प्रबंध किया जा सके जिससे कि प्रवासी मजदूरों को कोई दिक्कत ना हो जाखल ब्लॉक के कार्यरत व रिटायर्ड अध्यापक साथियों ने सभी पदाधिकारियों को विश्वास दिलाया कि उनके एक आवाहन पर लॉक डाउन चाहे कितने भी महीने चले वह आर्थिक रूप से संगठन को कोई कमी नहीं आने देंगे और इस लड़ाई में वे सभी अग्रिम पंक्ति में होंगे इसके पश्चात धर्मेंद्र ढांढा वअजीत शास्त्री ने प्रशासन से संपर्क किया उन्होंने तहसीलदार जाखल व एसडीएम टोहाना से संपर्क कर डीसी फतेहबाद को प्रवासी मजदूरों के प्रबंध की जिम्मेदारी हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ ब्लॉक जाखल को प्रदान करने की अनुमति मांगी प्रशासन ने यह अनुमति उन्हें प्रदान कर दी इसके पश्चात जब उन्हें पता चला कि जाखल में 31 मार्च को 17 प्रवासी मजदूर जाखल की सीमा से गुजर रहे थे तो उन्हें वहां रेन बसेरा गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल जाखल में ठहराया गया जब वह प्रवासी मजदूर आए तो वहां मौजूद सर्व कर्मचारी संघ प्रधान मुरारी शर्मा सचिव संदीप कुमार अजीत शास्त्री तीनों उनकी दयनीय दशा देखकर चिंतित हुए उनके पैरों में छाले थे व मुख मंडल पर डर साफ रूप से देखा जा सकता था जब मुरारी शर्मा ने उनसे बातचीत की तो उनके मन से निकलकर आया कि क्या हमें किसी एक कमरे में अलग-अलग रखा जाएगा हमें अकेले कमरे में रख कर पीटा तो नहीं जाएगा तो मुरारी शर्मा ने उन्हें बताया की वह जिस संगठन से संबंध रखते हैं वह संगठन गरीब मजदूर किसान छात्र कर्मचारी हर उस वर्ग की लड़ाई लड़ता है जो शोषित है वह संपूर्ण समाज में समानता लाने की लड़ाई लड़ रहे हैं और उन्होंने उसे उन्हें विश्वास दिलाया कि उन्हें यहां किसी भी प्रकार की कमी नहीं आने दी जाएगी उन्होंने उन्हें सभी पदाधिकारियों के नंबर नोट करवाए कि किसी भी समय यदि किसी भी साथी को कोई समस्या होती है तो वह तुरंत उनके पास पहुंच जाएंगे उन्होंने सबसे पहले उन साथियों का मेडिकल करवाया इसके पश्चात उनके खाने की व्यवस्था की उनके लिए शीशा, बालों में लगाने वाला तेल कंघा मच्छर भगाने वाली टिकिया रिफिल कपड़े धोने के साबुन नहाने के साबुन सैनिटाइजर मास्क जैसी छोटी-छोटी चीजें का उचित प्रबंध किया क्योंकि अध्यापक इस प्रकार की समस्याओं से रूबरू होते हैं अध्यापकों की ड्यूटीयां इलेक्शन कार्य में लगने के कारण भली-भांति जानते हैं कि एक व्यक्ति को अपने घरों से दूर रहने पर कम से कम कितनी चीजों की आवश्यकता होती है 1 अप्रैल को 6 मजदूर और आ गए 5 अप्रैल को एसडीएम टोहाना द्वारा रेन बसेरे की प्रशंसा की गई उपमंडल टोहाना से खंड जाखल में 9 मजदूर और भेजे गए जोकि वहां पहले से क्वॉरेंटाइन किए हुए थे निरीक्षण करने आए धर्मेंद्र ढांढा ने प्रवासी मजदूरों की दशा देख प्रवासी मजदूरों के लिए काजू किशमिश वाली खीर बनवाकर खिलाई इसके पश्चात अगले दिन अजीत शास्त्री ने मजदूरों से अपील की। सरकारी स्कूल गरीब छात्रों का शिक्षण संस्थान है तो हम सब का यह दायित्व बनता है कि हम इसे सुंदर बनाएं इस अपील के के पश्चात मेहमान मजदूर साथियों ने स्कूल के प्रांगण में आने वाले बगीचे को सुंदर बनाने बनाने के बहुत अच्छे प्रयास किए जिसे देख कर धर्मेंद्र डांडा व अन्य पदाधिकारियों ने बहुत प्रशंसा की हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ कोषाध्यक्ष मनीष कुमार व अंकुश कुमार ने इन सभी प्रवासी मजदूरों को योग करवाया व योग के फायदे समझाए व प्रेरित किया कि भविष्य में वे अपने दैनिक जीवन में योग जरूर करें ताकी तन व मन दोनों स्वस्थ रहें इसके पश्चात एक मजदूर और आया सभी पदाधिकारियों ने आपस में विचार-विमर्श से इनके खाने के लिए जाखल के सबसे अच्छे हलवाई का प्रबंध किया और उसको जिम्मा सौंपा कि जो हमारे यह मेहमान मजदूर हैं इनकी सेवा में कोई कमी नहीं आनी चाहिए वह हर प्रकार का सामान जो विवाह शादियों में खाने के लिए बनाया जाता है उसी प्रकार का प्रबंध करें ताकि यह साथी जब अपने घर जाएं तो हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ ब्लॉक जाखल की मेहमान नवाजी को जरूर याद करें क्योंकि इससे साथी समाज को यह संदेश देना चाहते थे कि यदि कोई भी वर्ग का साथी किसी मजबूरी में कहीं फस जाए तो अन्य वर्ग के साथियों को पहल करते हुए उस साथी की सहायता करनी चाहिए यदि इस प्रकार सभी वर्ग एक दूसरे की सहायता करने लगे तो जिस समाज की हम परिकल्पना करते हैं उसका निर्माण किया जा सकता है 3 दिन लगातार प्रधान रघुवीर ने इनकी देखभाल की रैन बसेरा के पहले दिन से अंतिम दिवस तक सभी सामान को लाने बनवाने खाना खिलाने की जिम्मेवारी मुख्य रूप से प्रधान मुरारी शर्मा व सचिव संदीप ने निभाई इन दिनों के बीच में कुछ रिटायर साथी राजेंद्र प्रसाद बनारसी दास व सुरेश गर्ग असिस्टेंट जैसे इस संगठन के पुराने भीष्म पितामह भी इनमें मेहमान मजदूरों के साथ ठहाके लगाते हुए दिखाई दिए इसी दौरान मुख्य रूप से मुरारी शर्मा संदीप व मनीष कुमार व अंकुश कुमार की ड्यूटी कोविड-19 सर्वे में लग गई एक तरफ राष्ट्रहित की सर्वे व दूसरी तरफ संगठन के रूप से मानवता की सेवा दोनों ही जिम्मेदारियों को इन्होंने बखूबी रूप से निभाया वअन्य कार्यों को साथ में करते हुए इस कार्य की प्राथमिकता को भी सर्वोपरि रखा व प्रवासी मजदूर से वे मेहमान मजदूर कब बन गए इन्हें पता ही नहीं चला इन्होंने मेहमान मजदूरों की सेवा में कोई कमी नहीं आने दी ।धीरे-धीरे दिन बीते और मेहमान साथियों को ऐसे लगने लगा की लोक डाउन पार्ट वन में उनकी समस्याओं का समाधान होगा और राज्य सरकारें उन्हें अपने घर बुला लेगीं परंतु हुआ इसके विपरीत राज्य सरकारों ने इस गरीब मजदूर वर्ग की ओर कोई ध्यान नहीं दिया उन्होंने अपने धनी वर्ग के लोगों को तो प्रबंध करके बुला लिया परंतु इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया वह पूछ रहे थे कि उनका क्या कसूर है यह कैसी बीमारी जो धनी वर्ग विदेशों से लेकर आए थे परंतु इसका खामियाजा यह गरीब मजदूर चुका रहे थे उन्होंने फेसबुक के माध्यम से देखा कि 15 लाख से ऊपर विदेशी कोरोना काल के समय भारत में बुलाए गए थे परंतु इन गरीब प्रवासी मजदूरों को उनके घर भेजने का इंतजाम करना सरकार को बोझ लग रहा था उनको लाने के लिए हर व्यक्ति पर लाखों रुपए खर्च किए जा रहे थे परंतु इनको तो अगर सिर्फ बसें ही मुहैया करवा दी जाती तो यह निर्धन वर्ग खुद पैसे लगाकर भी अपने घर पहुंच जाता परंतु उन्होंने सब यातायात के साधन बंद कर दिए और इन्हीं पैदल ही मरने के लिए छोड़ दिया व बातचीत के दौरान बता रहे थे यह बातें उन्हें हमेशा याद रहेंगी लोक डाउन पार्ट 2 में तो उन साथियों की आस भी बहुत कम हो गई थी तेरे जैसे तैसे दिन गुजार रहे थे और अपने परिवार की चिंता कर रहे थे इसी दौरान एक दो साथी का तो इतना मन विचलित हुआ कि अपने परिवार को याद करके एक समय का खाना भी नहीं खाया उसने इस पर संज्ञान लेते हुए साथी सचिव संदीप कुमार ने उसे समझाया और बताया कि वह इस संगठन को भी अपना परिवार ही समझे और यह न समझे कि हम कोई और है उम्र के हिसाब से छोटा भाई माने संघ दवारा जिन साथियों की ड्यूटी आ लगी थी उन्होंने हर रोज रूटीन बना ली की हर व्यवस्था की बारीकी से जांच की जाए ताकि साथियों को किसी भी प्रकार की कोई समस्या ना आए क्योंकि यदि उनकी आवभगत में कुछ कमी रह जाती है तो यह संगठन की प्रतिष्ठा का सवाल है समय बीतता गया और उन साथियों के साथ वह इस प्रकार घुलमिल गए कि जिस प्रकार एक परिवार के सदस्य घुल मिल जाते हैं परंतु 26 अप्रैल को वह दिन आया जब आकस्मिक प्रशासन द्वारा उन्हें उनमें से 23 मजदूरों को यूपी सरकार द्वारा बुलाए जाने के कारण रात 1:00 बजे के दौरान ले जाया गया सूचना पहले ना होने के कारण मेहमान मजदूरों से वह साथी मिल भी नहीं पाए और इस बात का पदाधिकारियों में कुछ मलाल भी रहा इसके पश्चात जब सुबह प्रधान मुरारी शर्मा व सचिव संदीप वहां पहुंचे तो उन्होंने उनमें से एक साथी से फोन पर बातचीत की और उनका हालचाल जाना व पूछा की संगठन की तरफ से उनकी सेवा में कहीं कोई कमी तो नहीं रह गई इस पर उन्होंने बताया कि एकदम जाने के कारण वह उन्हें फोन नहीं कर पाए और ना मिल पाए इस कारण इसका उनको भी मलाल है और उन्होंने कहा कि यदि आप उत्तर प्रदेश में कहीं भी आओ तो हमें जरूर कॉल करना ताकि हम आपकी इसी प्रकार आवभगत कर पाए जिस प्रकार आपने हमारे की है इस पर सर्व कर्मचारी संघ ब्लाक प्रधान मुरारी शर्मा ने उनसे एक आग्रह किया कि यदि उन्हें कोई मुसीबत में फसा हुआ व्यक्ति मिले तो सभी व्यक्ति उसकी तुरंत सहायता करें इससे समाज में भाईचारे की भावना का विकास होगा और देश प्रगति के पथ पर अग्रसर होगा इसके पश्चात बाकी 10 मेहमान मजदूरों में भी घर जाने की आस देखने लगे परंतु राजस्थान सरकार व बिहार सरकार की तरफ से अब तक कोई इस प्रकार की पहल नहीं की गई थी प्रशासन द्वारा उन्हें फतेहबाद शेल्टर होम में शिफ्ट किया गया ताकि जैसे ही सरकार द्वारा कोई आदेश आए उन्हें तुरंत उनके घर पहुंचा दिया जाए जब साथियों को इस खबर की सूचना मिली तो ना जाने कौन सा ऐसा रिश्ता बना कि उनकी आंखों में नमी थी जब पदाधिकारियों ने पूछा तो उन्होंने बताया कि एक तरफ तो उन्हें अपने घर जाने की उम्मीद के कारण खुशी है परंतु आप जैसे गुरुजनों से बिछड़ने का गम भी है क्योंकि उन्हें यहां कभी महसूस ही नहीं हुआ कि वह कहीं किसी और राज्य में आए हुए हैं उन्हें ऐसे लगता था कि वे अपने ही परिवार में हैं परंतु जिम्मेदारियों के कारण उन्हें अपने घर जाना पड़ेगा और उन्होंने बताया कि जब तक ताउम्र वह इस सेवा भाव को नहीं भूलेंगे और अपने जिले में जाने के बाद अपने साथियों से भी इस तरह की अपील करेंगे की वह समाज के सभी वर्ग एक दूसरे की सहायता के लिए आगे आएं और एक अच्छे समाज का निर्माण करें और गुरुजनों से एक शिक्षा प्राप्त करके जा रहे हैं जिसे आगे बढ़ाना उनका मकसद रहेगा इस घटना की प्रशंसा करते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कर्मचारियों द्वारा चलाए गए रैन बसेरा का धन्यवाद किया।
Aluminium forging recycling Aluminium scrap secondary processing Metal reclamation and processing
Scrap collection services Ferrous scrap recycling Iron recycle yard
Ferrous material disposal, Iron scrap refining services, Scrap metal regulations