सत्यखबर चंडीगढ़
कोरोना संकट के बीच मनोरोगियों की संख्या में 20 प्रतिशत तथा आत्महत्या करने की प्रवृत्ति में 35 प्रतिशत का इजाफा होने की बात कहते हुए लोगों को काउंसिलिंग उपलब्ध करवाने की अपील वाली याचिका का हाईकोर्ट ने निपटारा कर दिया। हाईकोर्ट ने हरियाणा,पंजाब और चंडीगढ़ को ऐसे लोगों को तुरंत मनोचिकित्सक की सहायता उपलब्ध करवाने के आदेश दिए हैं जो मनोरोग से ग्रसित या परेशान हैं।
एडवोकेट सुमति जैन में याचिका दाखिल करते हुए इंडियन साइकेट्रिक सोसायटी के हवाले से हाईकोर्ट को बताया कि कोरोना के बाद से देश में मनोरोगियों की संख्या में 20 फीसदी का इजाफा हुआ है। तनाव बढ़ने व अन्य कारणों से आत्महत्या की प्रवृत्ति में भी 35 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। नौकरी चली जाने, व्यापार में घाटा होने व अन्य कारणों से लोग मनोरोग का शिकार हो रहे हैं। याची ने बताया कि महिंद्रा एंड महिंद्रा जैसी कई कंपनियों ने अपने कर्मचारियों के लिए काउंसिलर की नियुक्ति की है।
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याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट से अपील की थी कि हरियाणा, पंजाब और चंडीगढ़ को आदेश दिया जाए कि वे मनोरोगियों को उचित मानसिक स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध करवाएं। यूटी प्रशासन की ओर से बताया गया कि सेक्टर 32 के अस्पताल में साइकेट्रिस्ट मौजूद हैं जो काउंसिलिंग दे रहे हैं। इसके साथ ही सेक्टर 16 के अस्पताल में भी काउंसिलर की नियुक्ति की गई है। जो लोग कोरोना के टेस्ट के लिए आते हैं व उनके परिवार वालों की काउंसिलिंग की जाती है। इसके अलावा प्रशासन ने एक हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया है जिस पर लोगों की प्रतिक्रिया मिल रही है।
हरियाणा और पंजाब की ओर से भी लगभग ऐसा ही जवाब रखा गया। हाईकोर्ट ने इस पर कहा कि इस आपदा की स्थिति में सरकार और प्रशासन जरूरतमंद लोगों को अपनी ओर से मदद मुहैया करवा रहे हैं। हालांकि हाईकोर्ट ने हरियाणा, पंजाब का चंडीगढ़ को आदेश दिए हैं कि जिस व्यक्ति को मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी सहायता की आवश्यकता है उसे तुरंत बिना किसी देरी के यह सहायता मिले यह सुनिश्चित किया जाए।
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