सत्य खबर । उत्तर प्रदेश
हाथरस के बुलगढ़ी गांव में 19 साल की दलित लड़की के साथ कथित गैंगरेप और उसकी मौत के मामले में गुरुवार को दिलचस्प मोड़ आ गया है। इस मामले के मुख्य आरोपी संदीप ने 7 अक्टूबर को जेल से हाथरस के पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखा है।संदीप ने खुद को और तीन अन्य आरोपियों को बेकसूर बताया है। उसने पीड़िता की मां और उसके भाई पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
संदीप ने कहा कि लड़की से उसकी दोस्ती थी। ये बात उसके परिवार को पसंद नहीं थी। घटना वाले दिन वह मौके पर था। लेकिन उसे लड़की की मां और भाई ने घर भेज दिया था। बाद में उसे आरोपी बनाकर जेल भेज दिया गया। जबकि लड़की के साथ उसकी मां और भाई ने ही मारपीट की, जिससे उसकी मौत हो गई। संदीप ने निष्पक्ष जांच की मांग की है। पत्र पर अन्य आरोपी रवि, रामू और लवकुश के हस्ताक्षर हैं।
पत्र में आरोपी ने एसपी से निष्पक्ष न्याय की गुहार लगाई
संदीप ने बताया कि मुझे 20 सितंबर को झूठे मुकदमे में जेल भेजा गया है। मुझ पर आरोप लगाया कि गांव की लड़की के साथ गलत काम और मारपीट की गई थी, जिसकी बाद उसकी मौत हो गई। इस झूठे मुकदमे में अलग-अलग दिनों में गांव के तीन अन्य लोगों लवकुश, रवि और रामू को जेल भेजा गया। यह मेरे रिश्ते में चाचा लगते हैं। उसने कहा कि हम सभी लोग निर्दोष हैं। कृपया एसपी साहब मामले की जांच कराकर हमें न्याय दिलाने की कृपा करें।
जेल में बंद आरोपियों के परिजन बोले- लड़कों की जान को खतरा
इस बीच, आरोपियों के परिजन ने जेल में बंद अपने लड़कों की जान को खतरा बताया। उनका कहना है कि हमारे बच्चे जेल में सुरक्षित नहीं हैं। आरोपी रामू की भाभी ने कहा कि जेल में नेता मिलने जा रहे हैं। कहा जाता है कि जेल में सुरक्षा होती है। लेकिन मेरे बच्चों को जेल में खतरा है।
मुख्य आरोपी व पीड़िता के बीच हुए फोन कॉल्स हुआ खुलासा
बुधवार को मुख्य आरोपी संदीप और लड़की के भाई के बीच फोन कॉल्स को लेकर बड़ा खुलासा हुआ था। दोनों के बीच 13 अक्टूबर 2019 से मार्च 2020 तक 104 बार बातचीत हुई। पूरा कॉल ड्यूरेशन करीब 5 घंटे का है, जबकि दोनों के घर 200 मीटर की दूरी पर ही हैं।
62 कॉल संदीप ने तो 42 कॉल पीड़ित के भाई की तरफ से एक-दूसरे को किए गए। जांच में लगी टीम के सूत्रों का दावा है कि पीड़ित के भाई का फोन उसकी पत्नी इस्तेमाल करती थी। इसी फोन से पीड़ित और संदीप के बीच बातचीत का दावा किया जा रहा है। सीडीआर में दोनों के बीच बातचीत में करीब 60 कॉल रात के समय का होना पाया गया। फिलहाल, इस केस की जांच कर रही एसआईटी को गृह विभाग ने 10 दिन का समय और दिया है।
क्या है मामला
हाथरस में 14 सितंबर को 4 लोगों ने 19 साल की दलित युवती से कथित गैंगरेप किया था। आरोपियों ने युवती की रीढ़ की हड्डी तोड़ दी और उसकी जीभ भी काट दी थी। दिल्ली में इलाज के दौरान 29 सितंबर को पीड़ित की मौत हो गई। मामले में चारों आरोपी गिरफ्तार कर लिए गए हैं।
हालांकि, पुलिस का दावा है कि दुष्कर्म नहीं हुआ था। मंगलवार को सरकार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में पेश हलफनामे में भी दुष्कर्म न होने की बात कही गई है।योगी सरकार मामले की जांच SIT से करवा रही है। CBI जांच की सिफारिश भी की है। पीड़ित का शव जल्दबाजी में जलाने और लापरवाही के आरोपों के बीच हाथरस के एसपी समेत 5 पुलिसकर्मी सस्पेंड किए गए हैं।
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