सत्य खबर, मुंबई
मुंबई पुलिस ने ‘हिंदुस्तानी भाऊ’ (Hindustani Bhau) के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस (Mumbai Police) ने हिंदुस्तानी भाऊ को छात्रों को प्रदर्शन के लिए उकसाने के मामले में गिरफ्तार किया है.गिरफ्तारी से पहले जमानत के लिए हिंदुस्तानी भाऊ ने वकीलों से सलाह मशवरा किया. गृहमंत्री दिलीप वलसे पाटील ने इस पूरी घटना की जांच के आदेश दिए थे. मुंबई के धारावी में बीते सोमवार को स्टूडेंट्स ने प्रदर्शन किया था. स्टूडेंट्स की मांग है कि कोविड-19 के संकट के बीच 10वीं और 12वीं की परीक्षा को ऑनलाइन करवाया जाए. हिंदुस्तानी भाऊ का असली नाम विकास पाठक (Vikas Pathak) है.
महाराष्ट्र के कई इलाकों में सोमवार को 10 वीं और 12 वीं के छात्रों ने ऑनलाइन एग्जाम लेने की मांग करते हुए सड़कों पर उतरे. इन विद्यार्थियों ने मुंबई की धारावी में स्थित स्कूली शिक्षा मंत्री वर्षा गायकवाड के बंगले का घेराव किया था. सैकड़ों की तादाद में जमा हुई छात्र-छात्राओं की भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा.
क्यों आक्रोश में हैं छात्र
रविवार को स्कूली शिक्षामंत्री वर्षा गायकवाड ने कहा था कि राज्य में 10 वीं और 12 वीं की परीक्षा तय समय पर होगी और ऑफलाइन पद्धति से होगी. इस बात को लेकर विद्यार्थियों में आक्रोश है. विद्यार्थी परीक्षा का समय बढ़ाने और ऑनलाइन पद्धति से एग्जाम लेने की मांग कर रहे हैं.
विद्यार्थिओं के आंदोलन पर शिक्षा मंत्री वर्षा गायकवाड ने कहा कि जो भी मांगें हैं उसके लिए चर्चा की जा सकती है, आंदोलन की क्या जरूरत है? शिक्षा राज्य मंत्री बच्चू कडू ने कहा कि बिना सूचना दिए आंदोलन करना गलत है. 1 फरवरी यानी कि आज इस मुद्दे पर विचार करने के लिए एक अहम बैठक बुलाई जाएगी और समस्याओं का हल खोजने की कोशिश की जाएगी.
वर्षा गायकवाड़ आज करेंगी इस मुद्दे पर चर्चा
विद्यार्थियों के इस आंदोलन के बाद वर्षा गायकवाड़ ने हमारे सहयोगी न्यूज चैनल TV9 मराठी से बात करते हुए कहा, ‘विद्यार्थियों की दो अलग-अलग मांगें सामने आ रही हैं. कुछ बच्चों की मांग है कि परीक्षा रद्द करें और कुछ की मांग है कि परीक्षा ऑनलाइन ली जाए. महाराष्ट्र की भौगोलिक परिस्थिति अलग-अलग है. इस वजह से परीक्षा लेने में कई अड़चनें पेश आती हैं. 10 वीं और 12 वीं की परीक्षा देने वाले विद्यार्थियों की संख्या 30 लाख से अधिक है. राज्य भर में एक ही दिन में, एक ही वक्त पर परीक्षा ली जाती है. आदिवासी भागों और दूर-दराज के इलाकों में भी विद्यार्थी रहते हैं. पिछले दो सालों से कोरोना की वजह से हालात काफी बदले हैं. विद्यार्थियों पर भी कोरोना और एग्जाम का दोहरा बोझ है. विद्यार्थियों को परीक्षा देने के लिए दूर ना जाना पड़े इसके लिए कोशिशें भी जारी हैं. हम परीक्षा जल्दी करवाना चाहते हैं जिससे जिससे अगली क्लास में एडमिशन में देरी ना हो. रास्तों पर उतरने के लिए उन्हें उकसाना सही नहीं है. अगर कोई समस्या है तो हम चर्चा के लिए तैयार है.’
आगे वर्षा गायकवाड़ ने यह भी कहा जो लोग विद्यार्थियों के हित में उनकी मांग लेकर सामने आ रहे हैं उनसे वे कल चर्चा करेंगी. उन्होंने कहा ‘TV9 के माध्यम से मेरी बात विकास पाठक उर्फ हिंदुस्तानी भाऊ से हो गई है. उन्होंने मुझसे प्रॉमिस किया है कि वे बच्चों से अपील करेंगे कि वे घर जाएं और पढ़ाई पर ध्यान दें ‘ विधानपरिषद में विपक्षी नेता प्रवीण दरेकर ने कहा कि अगर विद्यार्थियों की मांगों पर पहले ही गौर किया जाता तो आज उन्हें सड़कों पर उतरने की नौबत ही नहीं आती. फिलहाल विद्यार्थियों ने अपना आंदोलन स्थगित कर दिया है.
कौन है हिंदुस्तानी भाऊ? क्यों हो रहा विद्यार्थियों को उकसाने का आरोप ?
विद्यार्थियों के आंदोलन से ठीक पहले हिंदुस्तानी भाऊ मुंबई के धारावी स्थित घटना स्थल पर पहुंचे थे. यहां बड़ी तादाद में विद्यार्थी जमा हो रहे थे. पुलिस ने संभावित खतरों को देखते हुए वहां से बाहर निकाला. हिंदुस्तानी भाऊ को पुलिस जब ले गई तो विद्यार्थी और आक्रामक हो गए. हिंदुस्तान भाऊ का नाम दरअसल विकास पाठक है. सोशल मीडिया में ये अपने बेबाक बयानी की वजह से हिंदुस्तानी भाऊ के नाम से मशहूर हैं. इन्होंने बिग बॉस के सीजन 13 में भी भाग लिया था. सोशल मीडिया में ये अपने वीडियो में अश्लील भाषा का भी इस्तेमाल किया करते हैं.
आंदोलन के बाद हिंदुस्तानी भाऊ ने क्या कहा?
हिंदुस्तान भाऊ ने कहा कि तीन महीने से विद्यार्थी अपनी मांग वर्षा गायकवाड के सामने रख रहे हैं. उनकी आवाज सुनी नहीं गई. इसके बाद विद्यार्थियों ने मेरे आह्वान पर अपना यह रेस्पॉन्स दिया. मेरा यही कहना है कि कोरोना जब तक नहीं जाता है तब तक एग्जाम की डेट आगे बढ़ाई जाए. विद्यार्थियों की सारी फीस माफ की जाए. आप सभी मीटिंग ऑनलाइन लेते हैं, फिर विद्यार्थियों की परीक्षा ऑनलाइन क्यों नहीं ले सकते? परीक्षा नहीं हो, ऐसा हम नहीं कह रहे. दूर-दराज के विद्यार्थियों की ऑनलाइन क्लासेस नहीं हो पाई है. बिना तैयारी वे परीक्षा कैसे दें. लाखों विद्यार्थियों ने शिक्षा मंत्री से अपील की. जब उनकी बात नहीं सुनी गई, तब वे मेरे पास आए. आज मैं उनके लिए खड़ा हुआ हूं.
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