सत्य खबर जींद, महाबीर मित्तल: कृष्ण जन्माष्टमी पर्व को लेकर मंदिरों को दुल्हन की तरह सजाया जा रहा हैं। शहर के महाभारत कालीन जयंती देवी मंदिर, रानी तालाब मंदिर, भूतेश्वर बनखंडी, रामा कृष्णा, विजय कृष्णा और सोमनाथ मंदिर में जन्माष्टमी पर्व से एक दिन पहले श्रद्धालु साज-सज्जा के कार्यों में जुटे हुए नजर आये। जयंती देवी मंदिर को साज सज्जा के मामले में खास तरीके से सजाया जा रहा हैं। मंदिर पुजारी नवीन कुमार शास्त्री ने बताया कि मंदिर में नंदलाल के झूले और उनकी आकर्षक मनमोहक झांकियां श्रद्धालुओं के लिए तैयार की जा रही हैं। यहीं नहीं श्रद्धालुओं के लिए मंदिर में दो क्विंटल खीर के प्रसाद का भी प्रबंध किया गया हंै। उन्होंने कहा कि महामारी के दौर के कारण श्रद्धालुओं से सोशल डिस्टैंस की पालना करने के साथ-साथ मास्क पहनने की भी अपील की गई हैं। शास्त्री ने कहा कि श्री कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व हिंदू धर्म के अनुयायियों में बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान रखता है। वैसे तो हर श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का व्रत महत्वपूर्ण होता है। परंतु इस बार जन्माष्टमी पर 101 साल बाद महा संयोग एवं 27 साल बाद जयंती योग बन रहा है। इस बार की जन्माष्टमी और अधिक महत्वपूर्ण हो गयी है। ऐसे संयोगों में भगवान कृष्ण की विधि-विधान पूर्वक पूजा करने से उनकी विशेष कृपा प्राप्त होती है। उनकी कृपा से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है।
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