सत्यखबर नरवाना (गुलशन चावला) – 11 गांवों के धरौदी माइनर को भाखड़ा से जोडने की माग पुरी न होने से लोगों ने आज काला दिवस मनाया । महिलाओ ने सिर पर काली चुन्री व पुरूषों ने काली पगडी बाध कर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की । हरियाणा के नरवाना के 11 गांव ऐसे हैं। जिनकी पिछले 30 सालों से एक ही मांग है। धरौदी माईनर को भाखड़ा से जोडऩा। इसका कारण यह है कि इन लोगों को भाखड़ा नहर से पानी चाहिए। क्योंकि जो जमीन का पानी है वो जहरीला हो चुका है। जिसके पीने से कैंसर, किडनी फेल, काला पीलिया जैसी भंयकर बीमारियों की चपेट में आकर अपनी जान गवां चूके हैं।
नरवाना उपमंडल के 11 गांवों के लोग पानी की मांग को लेकर 20 जून से धरौदी गांव में धरने पर बैठे हुए हैं। मांग पूरी करना तो दूर की बात आज तक उन्हे सरकार का कोई मंत्री, अधिकारी उनके मिलने तक नहीं पहुंचा है। ग्रामीण मटका फोड़ प्रदर्शन, अर्ध नग्र प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंप चुके हैं। उसके बाद गांव के लोगों मुंडन करवाकर व मिट्टी स्नान कर अपना रोष व्यक्त कर चुके हैं। उसके बाद भी सरकार के नेताओं व अधिकारियों के कानों पर जूं तक नहीं रैंगी है। मजबूरीवस ग्रामीण महिलाएं व पुरूष क्रमिक भुख हड़ताल के बाद राष्ट्रपति के नाम पत्र लिखकर इच्छा मृत्यु की मांग कर चुके है। ग्रामीणों ने साफ तौर पर कहा कि नरकीय जीवन से तंग आ चुके हैं। या तो सरकार हमें इच्छा मृत्यु की मंजूरी दे या फिर पानी ।
सरकार नारा देती है जल ही जीवन है, जल है तो कल है। लेकिन हरियाणा के नरवाना के 11 गांवों के लोग पिछले तीन दशकों से पीने के पानी की मांग को लेकर धरौदी माईनर को भाखड़ा से जोडऩे की मांग करते आ रहे हैं। लेकिन आज वे प्यासे हैं। सरकारें आई वोट हथियाए और चले गई। पूर्व मुख्यमंत्री बंसीलाल, पूर्व मुख्यमंत्री औमप्रकाश चौटाला, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा तथा वर्तमान मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने केवल आश्वासन तो दिया, लेकिन पानी नहीं दिया।
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