देरी का कारण बताओ, दोषी के खिलाफ करें कार्यवाही – राज्यमंत्री नायब सिंह सैनी
सत्यखबर, करनाल (मेनपाल) – हरियाणा के श्रम एवं रोजगार राज्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने आज स्थानीय पंचायत भवन में जिला लोक सम्पर्क एवं कष्ट निवारण समिति की मासिक बैठक की अध्यक्षता करते हुए 10 मामलों में से 8 का मौके पर निपटारा कर दिया। भैणी खुर्द वासी बलबीर सिंह के मामले में उन्होंने सिंचाई विभाग के अधिकारियों पर आरोप लगाया कि नहरी खाल के माध्यम से उनके खेतों में जो पानी आता था, अब वह नहीं आता बल्कि नहरी खाल को बंद करके उस पर नाजायज कब्जा कर लिया है, इस बारे वह सिंचाई विभाग के अधिकारियों व पंचायती राज के अधिकारियों को 2004 से अब तक लिख रहे है। किसी ने भी कोई कार्यवाही नहीं की। जिसके कारण उनकी करीब 110 एकड़ भूमि नहरी पानी से वंचित हो गई है। मामले पर संज्ञान लेते हुए मंत्री ने उपायुक्त को कहा कि पहले तो यह देखा जाए कि 14 साल तक जो शिकायते दी गई, उन पर कितना अमल हुआ, यदि नहीं हुआ तो कारण बताया जाए और दोषी के खिलाफ कार्यवाही की जाए। इसके लिए उन्होंने तहसीलदार नीलोखेड़ी, बीडीपीओ व अधीक्षक अभियंता सिंचाई विभाग तथा जिला कष्ट निवारण समिति के सदस्य जनक पोपली की संयुक्त कमेटी बनाई जो कि इस मामले की जांच करके अगली बैठक में रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।
इसी प्रकार अध्यापक राजकुमार द्वारा समय पर एलटीसी देने में लापरवाही करने की शिकायत पर मंत्री ने एसडीएम करनाल की अध्यक्षता में जांच कमेटी गठित करने के निर्देश दिये। जांच के बाद जो भी दोषी पाया गया,उसके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी। वृद्धा पेंशन मामले में मंत्री ने जिला समाज कल्याण अधिकारी को सख्त निर्देश दिये कि बुढ़ापा पेंशन व विधवा पेंशन का कोई भी केस जिला कष्ट निवारण समिति की बैठक में नहीं आना चाहिए। यदि इस प्रकार का कोई केस आता है तो इसकी जवाबदेही संबंधित विभाग की होगी।
पंचायत भवन में जिला कष्ट निवारण समिति की बैठक से पहले रामगढिय़ा समाज के लोगों ने मंत्री को नये बस अड्डे का नाम महाराजा आहलूवालिया के नाम से रखने की मांग पर उन्होंने समाज के लोगों को आश्वासन दिलाया और कहा कि वर्तमान सरकार संस्थानों को महापुरूषों के नाम से खोल रही है जबकि पहली सरकार अपने परिवार के लोगों के नाम से खोलती थी। उन्होंने कहा कि उनकी इस मांग को वह हरियाणा सरकार के पास भेजेंगे और आशा है कि मुख्यमंत्री द्वारा इस पर गहनता से विचार किया जाएगा।
जिला कष्ट निवारण समिति की बैठक के बाद करीब 150 शिकायतकर्ताओं ने अपनी शिकायत मंत्री के सामने रखी,जिनको मंत्री ने गंभीरता से सुनकर उनका निराकरण किया और सभी शिकायतकर्ता को संतुष्ट करने की कोशिश करें। कोई भी शिकायत दोबारा ना आए,हो सके तो अधिकारी अपने स्तर पर ही शिकायतों का निपटान करें ताकि लोगों को जिला कष्ट निवारण समिति की बैठक में अपनी शिकायत को लेकर ना आना पड़े।
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