राष्‍ट्रीय

1976 plane hijack: पाकिस्तान ने बिरयानी खिलाकर कैसे बचाया भारतीय विमान?

1976 plane hijack: 30,000 फीट की ऊंचाई पर विमान के हाईजैक होने की खबर मिलना एक तरह का बुरा सपना होता है। लेकिन, 10 सितंबर 1976 को दिल्ली से उड़ान भरने वाले एक विमान के साथ ऐसा ही एक घटना घटित हुई। भारतीय एजेंसियों के लिए यह एक तनावपूर्ण स्थिति थी। जानकारी मिली कि दो आतंकवादियों ने पिस्टल के साथ कॉकपिट में घुसकर विमान को हाईजैक कर लिया। यह विमान दिल्ली से मुंबई के लिए उड़ान भर रहा था। सभी को डर था कि कहीं कुछ अनहोनी न हो जाए। लेकिन, इस घटना के बाद कुछ ऐसा हुआ जो किसी फिल्म के स्क्रिप्ट से कम नहीं था।

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हाईजैक की ड्रामेटिक कहानी

इस घटना की कहानी उतनी ही ड्रामेटिक है जितनी कि यात्रियों और क्रू मेंबर्स की सुरक्षित रिहाई। सवाल यह था कि आखिर इस विमान का हाईजैक क्यों किया गया? आज तक इसका सही जवाब नहीं मिल सका है। यह कोई फिल्म की स्क्रिप्ट नहीं है, यह सचमुच हुआ था। आज इस घटना को 48 साल हो चुके हैं, लेकिन आज भी इस घटना से जुड़े सवाल अनसुलझे हैं।

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2 आतंकवादी कॉकपिट में घुसे

10 सितंबर 1976 को सुबह करीब 7:35 बजे इंडियन एयरलाइंस का बोइंग-737 विमान दिल्ली के पालम एयरपोर्ट से उड़ान भरने के बाद मुंबई के लिए रवाना हुआ। विमान में सब कुछ सामान्य था। यात्रियों के चेहरों पर खुशी थी। खिड़की की सीट पर बैठे यात्री बादलों का नजारा ले रहे थे। पायलट ने विमान उड़ान भरने से पहले और बाद में कई घोषणाएं की। क्रू मेंबर्स भी अपने काम में व्यस्त थे। सब कुछ सामान्य था कि अचानक दो आतंकवादी कॉकपिट में घुस गए और उनके हाथ में पिस्टल थी। विमान में मौजूद यात्रियों में डर फैल गया और क्रू मेंबर्स भी यह समझ नहीं पाए कि क्या किया जाए।

पाकिस्तान ने भारत की मदद की

इस बीच, एटीसी को विमान के हाईजैक होने की सूचना मिली। भारतीय एजेंसियां भी सक्रिय हो गईं। सभी यात्रियों और क्रू मेंबर्स की सुरक्षा को लेकर चिंतित थे। सभी संभावनाओं पर विचार किया गया। इस बीच, खबर आई कि हाईजैकर्स विमान को लीबिया ले जाना चाहते थे। उनकी बातचीत शुरू हो गई। पायलटों ने कहा कि विमान का ईंधन कम हो रहा है। हाईजैकर्स ने विमान को कराची ले जाने के लिए दबाव डाला। आखिरकार, विमान को लाहौर, पाकिस्तान में उतारा गया। इस बीच, भारत ने पाकिस्तानी सरकार से मदद मांगी। पड़ोसी देश ने भी भारत की मदद करने पर सहमति जताई।

पाकिस्तान ने बिरयानी खिलाई

कहा जाता है कि पाकिस्तान के प्रतिनिधियों ने विमान को रात का समय बता कर रोक लिया। इस दौरान, अच्छे खाने और पेय पदार्थों का इंतजाम किया गया। पाकिस्तान ने बिरयानी से लेकर अन्य चीजों तक सभी प्रकार के खाने का प्रबंध किया। इस ‘ड्रामेटिक हाईजैक’ से जुड़ी जानकारी कई मीडिया रिपोर्टों में आई थी। बताया गया कि खाने में नशीले ड्रग्स मिलाए गए थे, जिससे हाईजैकर्स बेहोश हो गए। इसके बाद, विमान में मौजूद यात्रियों और क्रू मेंबर्स को सुरक्षित रूप से बचा लिया गया।

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विमान का हाईजैक क्यों किया गया?

विमान में मौजूद हाईजैकर्स को गिरफ्तार कर लिया गया और यात्रियों के साथ क्रू को सुरक्षित रूप से भारत भेज दिया गया। इस घटना में शामिल हाईजैकर्स को पाकिस्तान ने जनवरी 1977 में अगले साल रिहा कर दिया। भारत ने इसका विरोध किया, लेकिन उसका विरोध अनसुना कर दिया गया। आज भी यह सवाल एक रहस्य बना हुआ है कि आखिर इस विमान का हाईजैक क्यों किया गया? यह सवाल भी अनसुलझा है कि इस विमान को किसने हाईजैक किया था।

निष्कर्ष

यह घटना भारतीय विमानन इतिहास में एक महत्वपूर्ण घटना के रूप में दर्ज है। इसने न केवल भारतीय सुरक्षा एजेंसियों की तत्परता को चुनौती दी, बल्कि यह भी दिखाया कि अंतरराष्ट्रीय सहयोग और कूटनीति किसी भी संकट को हल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। पाकिस्तान द्वारा की गई मदद और घटनाक्रम की ड्रामेटिकता इसे एक विशेष स्थान प्रदान करती है। आज भी, यह घटना एक रहस्य बनी हुई है, और इसके कई पहलुओं पर चर्चा होती रहती है।

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