2 big elections in Haryana will decide the path of AAP
सत्य खबर ,चंडीगढ़
अरविंद केजरीवाल और भगवंतमान हिसार के दो दिनों के दौर पर हिसार पहुचेंगे। अपने दौरे के साथ आम आदमी पार्टी ने ये भी एलान कर दिया है कि वो आदमपुर विंधानसभा का उपचुनाव भी लड़ेगी। चुनाव अभियान के आगाज के लिए ही आप के दिग्गज नेता हिसार पधार रहे है। जहाँ केजरीवाल आदमपुर में एक तिरंगा यात्रा और जनसभा को संबोधित करेंगे। इसी के साथ आम आदमी पार्टी हरियाणा में चुनावी सियासत के लिए एक कदम आगे बढ़ जाएगी। केजरीवाल के आदमपुर में आने से उपचुनाव काफी हाई प्रोफाइल हो जाएगा। जिसका फायदा आम आदमी पार्टी को बीजेपी से ज्यादा पहुचेगा।2 big elections in Haryana will decide the path of AAP
आम आदमी पार्टी उतर और दक्षिण हरियाण के दो चुनावो में पूरी ताकत के साथ चुनाव लड़ने जा रही है। गजब की बात ये है कि ये दोनों ही चुनाव दो से तीन महीने के अंदर होने है या हो सकता है साथ ही में हो। एक तो आदमपुर का उपचुनाव और दूसरा कुरुक्षेत्र के शहरी निकाय का चुनाव है जहाँ नगर परिषद के चेयरमैन का चुनाव है। गौर करने वाली बात है कि कुरुक्षेत्र नगर परिषद की चेयरमैन भी कुरूक्षेत्र के विधायक सुभाष सुधा की पत्नी उमा सुधा है। जहाँ वो एक बार फिर चुनावी मैदान में हो सकती है।2 big elections in Haryana will decide the path of AAP
यहाँ बडा सवाल है कि क्या केजरीवाल हरियाणा बीजेपी के लिए कांग्रेस से बड़ी चुनौती बनते नज़र आ रहे है। आप की रणनीति पर गौर किया जाए तो बात सही लगती है। केजरीवाल जिस रणनीति से हरियाणा में काम कर रहे है उससे लगता है कि बीजेपी के लिए हरियाणा में कांग्रेस नही बल्कि आम आदमी पार्टी सबसे बड़ी चुनौती है। इसका सबसे बड़ा कारण है आप चुनाव लड़ने से पहले अपने संगठन को मजबूत कर रही है। एक बार संगठन मजबूत हो गया तो वो क्षेत्र के लोकल नेताओ पर फोकस करती है ।2 big elections in Haryana will decide the path of AAP
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जिनके पास जनाधार हो। ऐसे नेता जब पार्टी से जुड़ गए तो वो उन मुद्दों को जनता के बीच उठा रही है जो जनता से सरोकार रखते है। बड़ी बात ये नही की आम आदमी पार्टी केवल लोगो के मुद्दे ही उठा रही है। बल्कि इन मुद्दों के साथ वो एक- एक वोटर से संपर्क साध रही है। ऐसा ही कर वो दिल्ली की सत्ता पर आसीन हुई थी । पंजाब में इनकी पार्टी की सरकार है। और तीसरा उस राज्य हरियाणा पर फोकस है जहाँ से खुद केजरीवाल आते है। जब कोई पार्टी इस रणनीति से जनता के बीच जाती है तो लोगो मे उस पार्टी या नेता के प्रति उम्मीद पैदा होती है। जो आगे चलकर वोट में बदल जाती है। वही कांग्रेस की सबसे बड़ी कमजोरी उसकी गुट बाज़ी है। जिससे वो जनता में वो विश्वास नही पैदा कर पा रही जो उसे करना चाहिए। लेकिन जितनी आम आदमी पार्टी ताकतवर होगी ।2 big elections in Haryana will decide the path of AAP
उतना फायदा कांग्रेस को होगा। क्योंकि आम आदमी पार्टी कांग्रेस के वोट को कम ही नुकसान पहुँचाएगी।ज्यादा नुकसान उसके बढ़ने से बीजेपी को ही होगा। क्योंकि कहते है सत्ता के नशे में चूर राजा को हर जगह हरा ही हरा दिखता है। वो हरदम हेलीकॉप्टर से ही घूमता है। इसलिए उसे इस बात का अंदाजा नही लगता । राज्य की सड़कें कितनी जर्जर है। और उनपर चलने वाली जनता दिन में दो बार कोसती है। बीजेपी के वो कार्यकर्ता जिन्होंने सालों से या फिर दिल लगाकर जनता के मुद्दों को उठाया और कांग्रेस को हटाकर बीजेपी को सत्ता में बैठा दिया । वो कार्यकर्ता जब प्रदेश केआला नेतृत्व को जनता के हालात के बारे में बताने जाते है । तो मुख्यमंत्री का दरवाजा बंद होता है उसके आगे पीछे ब्लैक कैट कमांडो होते है।2 big elections in Haryana will decide the path of AAP
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थक हार कर वो किसी नईं उम्मीद की तलाश में बैठ जाता है। ऐसे कार्यकर्ता या वोटर को आम आदमी पार्टी में उम्मीद ज्यादा दिख रही है क्योंकि अभीतक जनता ने इन्हें आजमाया नही है। इसलिए अगर केजरीवाल ने ये तय कर लिया है। कि वो हरियाणा की चुनावी सियासत में पूरी ताकत के साथ कूदेंगें। तो आम आदमी पार्टी की इस रणनीति से अगर किसी को सबसे ज्यादा नुकसान होगा तो वो है हरियाणा बीजेपी को। क्योंकि केजरीवाल उन वोटर्स को अपने पाले में आसानी से ला सकेंगे जो कभी बीजेपी के लिए तन मन धन से जुड़ा रहता था। लेकिन किन्ही कारणों से बीजेपी से दूर हो गया है। इसलिए अगर बीजेपी ये सोचती है कि केजरीवाल कांग्रेस के वोट को काटकर कांग्रेस को कमजोर करेंगे तो ये गलत है आम आदमी पार्टी के आने से कांग्रेस को नुकसान होगा लेकिन बहुत कम । उससे कहि ज्यादा बीजेपी को होगा। जो उसे सत्ता की रेस से बाहर कर दे।और इसका फायदा कांग्रेस को मिल जाए। इस खबर पर आपका क्या मानना है हमे लिखकर कमेंट जरूर करे।2 big elections in Haryana will decide the path of AAP
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