सत्यखबर,दिल्ली
दिल्ली के बॉर्डरों पर बीते 6 महीने से केंद्र सरकार के तीन कृषि सुधार कानूनों का विरोध कर रहे किसान मोर्चा ने 26 मई को काला दिवस के रूप में मनाने के अपने फैसले को वापस ले लिया है. किसान नेताओं ने अपील की है कि 26 मई को ‘काला दिवस’ न कहा जाए. बुधवार को दिल्ली के बॉर्डरों पर चल रहे आंदोलन के 6 महीने पूरे हो रहे हैं, इसी दिन मोदी सरकार के सत्ता में काबिज हाेने के भी 7 साल पूरे हो रहे हैं..
पहले किसान मोर्चा ने देशव्यापी विरोध-प्रदर्शन का आह्वान करते हुए इस दिन को काला दिवस के रूप में मनाने की बात कही थी, लेकिन आज मोर्चा अपनी बात से पलट गया है. ऐसा इसलिए किया गया है क्योंकि 26 मई को बुद्ध पुर्णिमा है. ऐसे में इस दिन को काला दिवस कहने से देश में गलत संदेश जाएगा और आंदोलन की छवि फिर से खराब हो सकती है. लिहाजा इसे ‘काला दिवस’ के रूप में न मनाया जाए..
Aluminium stamping recycling Aluminum recycling sustainability Metal scrap reprocessing plant