सत्य खबर, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार रात राष्ट्र के नाम संबोधन में एलान किया कि तीन जनवरी से 15 साल से 18 साल के आयु वर्ग के बच्चों को वैक्सीन दी जाएगी. उन्होंने कहा कि सरकार ने फैसला किया है कि 10 जनवरी से हेल्थ केयर और फ्रंट लाइन वर्कर्स को प्री-कॉशन डोज दी जाएगी. साथ ही 10 जनवरी से 60 साल से अधिक आयु के बुजुर्गों या गंभीर बीमारी से पीड़ितों को भी डॉक्टर की सलाह पर प्री-कॉशन डोज यानि बूस्टर डोज दी जाएगी.
कोरोना के खिलाफ लड़ाई में स्वास्थ्यकर्मियों और अग्रिम मोर्चा के कर्मियों के योगदान को याद करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि देश को सुरक्षित रखने में उनका बहुत बड़ा योगदान है. प्रधानमंत्री ने कहा, इसलिए प्रीकॉशन की दृष्टि से सरकार ने निर्णय लिया है कि हेल्थकेयर और फ्रंटलाइन वर्कर्स को वैक्सीन की प्रीकॉशन डोज भी प्रारंभ की जाएगी. इसकी शुरुआत 2022 में, 10 जनवरी, सोमवार के दिन से की जाएगी.
साथ ही प्रधानमंत्री मोदी ने घोषणा की, 60 वर्ष से ऊपर की आयु के कॉ-मॉरबिडिटी वाले नागरिकों के लिये, उनके डॉक्टर की सलाह पर वैक्सीन की प्रीकॉशन डोज का विकल्प उनके लिए भी उपलब्ध होगा. ये भी 10 जनवरी से उपलब्ध होगा.
उन्होंने कहा कि यह फैसला कोरोना वायरस के खिलाफ देश की लड़ाई को तो मजबूत करेगा ही, स्कूल और कॉलेजों में जा रहे बच्चों की और उनके माता-पिता की चिंता भी कम करेगा. उन्होंने इस अवसर पर देशवासियों से किसी भी प्रकार के अफवाह से बचने और कोरोना के नए स्वरूप ओमीक्रोन से सतर्क रहने की गुजारिश की.
उन्होंने कहा कि ओमीक्रोन का संक्रमण बढ़ रहा है, लेकिन इससे डरें नहीं, सतर्क रहें. सभी गाइडलाइन का पालन करें क्योंकि यही कोरोना के खिलाफ लड़ने का बहुत बड़ा हथियार है. इसके अलावा वैक्सीनेशन भी एक हथियार है. महामारी से लड़ने का हमारा आत्मविश्वास बढ़ रहा है. उन्होंने कहा कि सभी नागरिकों के सामूहिक प्रयास और इच्छाशक्ति का नतीजा है कि आज हम 140 करोड़ का लक्ष्य पार कर चुके हैं. 61 फीसदी लोगों को दोनों डोज़ लग चुकी है. 90 फीसदी लोगों को सिंगल डोज मिल चुकी है.
पीएम ने कहा कि देश के पास 18 लाख आइसोलेशन बेड, 5 लाख ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड हैं, 1.40 हजार ICU बेड हैं, 90,000 बेड विशेष तौर पर बच्चों के लिए हैं. देश में 3000 से ज्यादा PSA ऑक्सीजन प्लांट काम कर रहे हैं. राज्यों को जरूरी दवाओं की बफर डोज़ तैयार करने में सहायता दी जा रही है.
गौरतलब है कि भारत में अभी तक कोरोना वायरस के ओमीक्रोन स्वरूप के कुल 415 मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें से 115 लोग स्वस्थ हो चुके हैं या देश छोड़कर चले गए हैं. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के अनुसार, ओमीक्रोन के सबसे अधिक 108 मामले महाराष्ट्र में सामने आए. इसके बाद दिल्ली में 79, गुजरात में 43, तेलंगाना में 38, केरल में 37, तमिलनाडु में 34 और कर्नाटक में 31 मामले सामने आए.
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