हरियाणा में 41वीं राज्य स्तरीय पशु प्रदर्शनी हुई स्थगित, जानें क्या है पूरा मामला?
हरियाणा में प्रस्तावित 41वीं राज्य स्तरीय पशु प्रदर्शनी अचानक स्थगित कर दी गई है जिससे प्रदेशभर के पशुपालकों में निराशा व्याप्त हो गई है। यह आयोजन Kurukshetra में 9 से 11 मार्च तक निर्धारित था लेकिन अब इसे indefinite postponement (अनिश्चितकाल के लिए टाल दिया गया) कर दिया गया है।

हरियाणा में प्रस्तावित 41वीं राज्य स्तरीय पशु प्रदर्शनी अचानक स्थगित कर दी गई है जिससे प्रदेशभर के पशुपालकों में निराशा व्याप्त हो गई है। यह आयोजन Kurukshetra में 9 से 11 मार्च तक निर्धारित था लेकिन अब इसे indefinite postponement (अनिश्चितकाल के लिए टाल दिया गया) कर दिया गया है।
पशुपालन एवं डेयरी विभाग, हरियाणा, पंचकूला की ओर से जारी आधिकारिक अधिसूचना में बताया गया कि state election code of conduct (राज्य चुनाव आचार संहिता) लागू होने के कारण इसे टालने का फैसला किया गया है।
पशुपालन को बढ़ावा देने वाला अहम आयोजन
हरियाणा सरकार हर वर्ष State-Level Animal Exhibition का आयोजन करती है जिससे प्रदेश के पशुपालकों को आधुनिक तकनीकों, उन्नत नस्लों और डेयरी व्यवसाय की नवीनतम जानकारी मिलती है।
इस वर्ष का कार्यक्रम Kurukshetra District में आयोजित किया जाना था जहां देशभर के पशुपालक और विशेषज्ञ एकत्रित होते। इस बार भी आयोजकों ने पूरी तैयारियां कर ली थीं, लेकिन ऐन वक्त पर इसे call off कर दिया गया।
आखिर क्यों जरूरी थी यह प्रदर्शनी?
हरियाणा देश के अग्रणी dairy farming states (डेयरी फार्मिंग वाले राज्यों) में से एक है। यहां की ग्रामीण अर्थव्यवस्था पशुपालन पर निर्भर है। ऐसे में State Animal Fair (राज्य पशु मेला) उन किसानों और पशुपालकों के लिए महत्वपूर्ण मंच होता है जो अपनी बेहतरीन नस्लों को प्रदर्शित करना चाहते हैं। इस प्रदर्शनी में पशुओं की प्रतियोगिताएं, नवाचार पर आधारित तकनीकी सत्र और सरकारी योजनाओं की विस्तृत जानकारी दी जाती है। यही नहीं पशुपालकों को नए व्यवसायिक अवसर भी प्राप्त होते हैं।
आचार संहिता बनी बाधा
राज्य में Urban Local Body Elections (नगर निकाय चुनाव) घोषित होने के कारण Model Code of Conduct लागू हो गया जिससे सरकारी आयोजनों पर कुछ प्रतिबंध लग जाते हैं।
चुनाव आयोग की गाइडलाइंस के तहत कोई भी विभाग या सरकारी संस्था किसी बड़े सार्वजनिक कार्यक्रम का आयोजन नहीं कर सकती। इसी वजह से पशु प्रदर्शनी को स्थगित किया गया। हालांकि सरकार की ओर से यह स्पष्ट नहीं किया गया कि इसे दोबारा कब आयोजित किया जाएगा।
पशुपालकों की उम्मीदों पर पानी
इस unexpected cancellation (अचानक हुए रद्दीकरण) से पशुपालकों में गहरी निराशा देखने को मिल रही है। कई किसान महीनों से अपने पशुओं को तैयार कर रहे थे ताकि वे प्रतियोगिताओं में जीत हासिल कर cash rewards and incentives (नकद पुरस्कार और प्रोत्साहन) प्राप्त कर सकें। किसान संघों ने सरकार से जल्द से जल्द नई तारीख घोषित करने की मांग की है।
सरकार की योजनाओं पर भी असर
यह प्रदर्शनी न केवल पशुपालकों के लिए बल्कि राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं के प्रचार-प्रसार के लिए भी एक महत्वपूर्ण मंच था। यहां subsidy schemes, livestock insurance, dairy loans (सब्सिडी योजनाएं, पशुधन बीमा, डेयरी ऋण) जैसी सुविधाओं की जानकारी दी जाती थी। प्रदर्शनी के स्थगित होने से यह लाभ अब किसानों तक नहीं पहुंच पाएगा।
पशुपालकों ने सरकार से की अपील
कई पशुपालकों ने कहा कि यह आयोजन पशुपालन क्षेत्र के विकास के लिए बेहद जरूरी है और इसे चुनावी प्रक्रिया से अलग रखा जाना चाहिए। कुरुक्षेत्र के पशुपालक Ramesh Kumar ने कहा हम महीनों से तैयारी कर रहे थे।
सरकार को चाहिए कि वह जल्द से जल्द नई तारीखों की घोषणा करे। वहीं रोहतक के किसान Mahesh Yadav ने बताया हमारे पशु प्रतियोगिता में अव्वल आते तो हमें बाजार में बेहतर कीमत मिलती। लेकिन अब हमारी मेहनत बेकार हो गई।