सत्य खबर, नेशनल डेस्क
कोरोना की दूसरी लहर में भारत की मेडिकल विभाग की कमर तोड़ कर रख दी है। देश भर में कोरोना के पीड़ित मरीजों के लिए मेडिकल ऑक्सीजन और रेमडेसिविर इंजेक्शन के लिए मारामारी हो रही है। पिछले एक हफ्ते में लगभग हर राज्यों से ऑक्सीजन के किल्लत की खबरें सामने आई है। मेडिकल ऑक्सीजन और रेमडेसिविर इंजेक्शन के किल्लत को दूर करने के लिए केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने बड़ा कदम उठाने का फैसला किया है। जानकारी के मुताबिक ऑक्सीजन की कमी को पूरा करने के लिए केंद्र सरकार अब विदेशों से 50 हजार मीट्रिक टन मेडिकल ऑक्सीजन मंगवाने वाली है। इसके लिए केंद्र सरकार जल्द ही टेंडर जारी करने वाली है। देश में कोरोना प्रभावित 12 राज्यों को ये मेडिकल ऑक्सीजन सबसे पहले उपलब्ध कराई जाएगी। स्वास्थ्य मंत्रालय ने जानकारी दी है कि ये ऑक्सीजन सबसे पहले उन 12 राज्यों को दी जाएगी, जो सबसे अधिक कोरोना से प्रभावित हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि इस आदेश को गृह मंत्रालय द्वारा अधिसूचित किया जाएगा। ऑक्सीजन की ज्यादा जरूरत वाले राज्य महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, एमपी, दिल्ली, छत्तीसगढ़, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु और गुजरात जैसे राज्यों को पहले दी जाएगी। आपको बता दें कि कोरोना पीड़ित मरीजों के इलाज के लिए ऑक्सीजन बहुत ज्यादा जरूरी है। जिन कोरोना मरीजों को सांस लेने में दिक्कत और हाई बल्ड प्रेशर की समस्या है, उनके इलाज के लिए मेडिकल ऑक्सीजन ही एकमात्र सहारा है। कोविड-19 प्रभावित 12 राज्य जहां, मेडिकल ऑक्सीजन की मांग तेजी से बढ़ रही है। महाराष्ट्र में मांग राज्य की उपलब्ध उत्पादन क्षमता कहीं ज्यादा है। मध्य प्रदेश में मेडिकल ऑक्सीजन की मांग को पूरा करने के लिए कोई उत्पादन क्षमता नहीं है। अन्य ऑक्सीजन उत्पादक राज्यों जैसे गुजरात, कर्नाटक और राजस्थान में भी ऑक्सीजन की मांग बढ़ रही है।गुरुवार की सरकार की अहम बैठक के बाद कहा गया है कि 4880 मीट्रिक टन, 5619 मीट्रिक टन और 6593 मीट्रिक टन ऑक्सीजन 12 कोरोना प्रभावित राज्यों को 20, 25 और 30 अप्रैल तक दे दी जाएगी। सूत्रों ने कहा कि सुनिश्चित आपूर्ति के लिए सरकारी आदेश के जरिए अधिसूचित किया जाएगा।
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