सत्य खबर, दिल्ली
मोदी सरकार की बड़ी कवायद बचे कार्यकाल का एजेंडा तय करने के लिए सभी मंत्री तीन दिनों तक लगातार चर्चा करेंगे। इस दौरान मुख्य रूप से किसान आंदोलन पर भी चर्चा हो सकती है। मंत्रिपरिषद की बैठक दस, ग्यारह और बारह अगस्त को लगातार शाम छह बजे संसद के एनेक्सी में सभी मंत्रालयों के कामकाज की समीक्षा और आने वाले समय के लिए लक्ष्य निर्धारित होगा।
नए मंत्रियों को विस्तार से उनके विभागों/मंत्रालयों के बारे मे दी जाएगी जानकारी। नए मंत्रियों को काम संभाले एक महीना हो गया। इसका लेखा-जोखा भी रखा जाएगा। कोविड काल के बीच इस बैठक को कई लिहाज से अहम बताया जा रहा है। जुलाई के महीने नें केंद्रीय मंत्रिमंडल के विस्तार से पहले कई दिग्गज चेहरों के इस्तीफे ले लिए गए थे और कई नए चेहरों को जिम्मेदारी दी गई थी।
केंद्रीय मंत्रिमंडल के गठन में जहां एक तरफ सहयोगी दलों का ध्यान रखा गया वहीं उन राज्यों पर ज्यादा ध्यान केंद्रित किया गया जहां अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। जानकार कहते हैं कि मोदी सरकार समय समय पर चौंकाने वाले फैसले करती रहती है। दरअसल नरेंद्र मोदी यह दिखाना चाहते हैं कि सरकारी फैसलों के बनाने और क्रियान्वयन के लिए यह जरूरी है कि सतत निगरानी रखी जाए।
इसलिए वो खुद मंत्रालयों के कामकाज पर पैनी नजर रखते हैं। एक मौके पर पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा था कि बहुत से ऐसे सदस्य हैं जिन्हें सरकार की योजनाओं के बारे में पता नहीं है तो वो जनता के बीच जाकर कैसे सरकार की नीतियों के बारे में बताएंगे।
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