सत्य खबर, नई दिल्ली
मॉनसून सत्र के दौरान राज्य सभा में एक दिन पहले हुए हंगामे और धक्का-मुक्की का एक वीडियो सामने आया है। विपक्षी दलों ने इसे लोकतंत्र की हत्या बताया है, जबकि सरकार की ओर से पक्ष रखते हुए केंद्रीय मंत्रियों ने विपक्षी दलों के व्यवहार पर सवाल खड़े किए हैं। इस पर कांग्रेस की नई व्हिप जो कथित तौर पर एक महिला मार्शल से मारपीट करते दिखाई दी का कहना है इस घटना के लिए कौन जिम्मेदार है। संसद की कार्यवाही चलाना सरकार की जिम्मेदारी है। हम सिर्फ संसद में लोगों की आवाज उठा रहे हैं। उनकी आवाज नहीं सुनी जाएगी तो ऐसा होगा। बता दें कि राज्यसभा में बुधवार को सुरक्षाकर्मियों की अभूतपूर्व तैनाती देखने को मिली, ताकि विपक्षी सदस्यों के मेज पर चढऩे जैसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकी जा सके। इसके बावजूद सदन में विपक्षी सदस्यों ने आसन के समक्ष आकर नारेबाजी की और कागज फाडक़र उछाले तथा कुछ सदस्य आसन की ओर बढऩे का प्रयास करते हुए सुरक्षाकर्मियों से उलझ गये।
सदन में राज्यों को अन्य पिछड़ा वर्ग की पहचान करने और सूची बनाने का अधिकार प्रदान करने वाले संविधान 127वां संशोधन विधेयक पर करीब छह घंटे तक चर्चा के बाद उसे पारित किया गया। इसके बाद जैसे ही बीमा संशोधन विधेयक को चर्चा एवं पारित करने के लिए लिया गया। विपक्षी सदस्यों का हंगामा शुरू हो गया। इस विधेयक में सरकार द्वारा संचालित साधारण बीमा कंपनियों के निजीकरण का प्रावधान है। इसे बीमा कंपनियों को बेचना करार देते हुए विपक्षी सदस्य आसन के समक्ष आकर सरकार विरोधी नारे लगाने लगे। बहरहाल इन सदस्यों को करीब 50 सुरक्षाकर्मियों द्वारा बनाये गये घेरे ने अधिकारियों की मेज और आसन तक जाने से रोक दिया। विरोध कर रहे कांग्रेस, वाम, तृणमूल कांग्रेस, द्रमुक आदि विपक्षी दलों के सदस्यों पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ा और उन्होंने विरोध करने के दौरान कागज फ ाड़े तथा अधिकारियों की मेज और आसन की ओर बढऩे का प्रयास भी किया। कुछ सदस्यों ने सुरक्षाकर्मियों का घेरा तोडऩे का प्रयास किया और उनके साथ उलझ गये। इसी हंगामे के बीच उच्च सदन ने बीमा विधेयक को ध्वनिमत से पारित कर दिया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने विधेयक पर हुयी संक्षिप्त चर्चा का जवाब नहीं दिया। हंगामे के कारण दो बार कार्यवाही स्थगित हुयी। उसके बाद सदन ने होम्योपैथी और भारतीय चिकित्सा पद्धति संबंधी दो विधेयकों को संक्षिप्त चर्चा के बाद पारित कर दिया। वहीं ज्यादातर विपक्षी सांसदों ने सदन से वाकआउट किया। सदन के नेता और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने आरोप लगाया कि एक सदस्य ने एक महिला सुरक्षा अधिकारी का गला घोंटने की कोशिश की। हंगामे के दौरान विभिन्न विपक्षी दलों के सदस्यों ने तख्तियां लेकर नारेबाजी की। कांग्रेस के रिपुन बोरा ने आसन तक पहुंचने के लिए मार्शलों को पार करने की नाकाम कोशिश की। कुछ सांसदों ने नारे लगाए। वहीं कुछ सदस्य अपने स्थानों पर खड़े हो गए। जब बीमा विधेयक ध्वनिमत से पारित किया जा रहा था। उस समय भी विपक्षी सदस्य नारेबाजी कर रहे थे। उनमें से कुछ को यह पता नहीं चल सका कि विधेयक पारित हो गया है और उन्हें उनके नेताओं ने इसकी जानकारी दी। मंगलवार को तृणमूलए कांग्रेस सहित विपक्ष के कुछ सदस्य अधिकारियों की मेज पर चढ़ गए थे जो आसन के ठीक नीचे है।
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सदन की कार्यवाही स्थगित होने के बाद वे मेज पर बैठ गए थे। बाद में भाकपा सदस्य विनय विश्वम ने बीमा विधेयक को लेकर ट्वीट किया। संसद के लिए काला दिन। उन्होंने इसे एक प्रकार से सेना का बैरक बना दिया। महिलाओं सहित सदस्यों के विरूद्ध कठोर बल का उपयोग किया गया। हमने बीमा विधेयक का विरोध किया। वास्तव में यह बीमा समाप्ति विधेयक है। आत्मनिर्भर भाजपा ने पूंजीपतियों के समक्ष हथियार डाल दिए हैं।
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