सत्यखबर, मुंबई
मुंबई के सायन इलाके में सहायक पुलिस आयुक्त के कार्यालय के बाहर 30 सितंबर को बिना सिर वाली एक लाश बरामद हुई थी । शव बुरी तरह से जला हुआ था. सर ना होने की वजह से यह पता लगाना मुश्किल हो रहा था कि यह किसकी लाश है? जिस व्यक्ति का शव मिला था, उसकी शिनाख्त करना आसान नहीं था । एक तो सर नहीं था और धड़ से नीचे की जो डेड बॉडी बरामद हुई थी, वह बहुत खराब हालत में थी । आखिर मेें पुलिस की नज़रें बॉडी के हाथ पर गईं । एक टैटू बना हुआ था । इस टैटू के आधार पर पुलिस ने यह पता लगा लिया कि शव किसका है । इसके बाद जब तफ़्तीश आगे बढ़ी तो सारा घटनाक्रम सामने आ गया । पुलिस ने मृतक के टैटू के आधार पर सीसीटीवी फुटेज को खंगाला । इसके बाद आस-पास के इलाके के मोबाइल टॉवर लोकेशन के आधार पर मृतक की पहचान की कोशिश की । इसी जांच के दौरान पुलिस ने ‘दादा’ नाम के व्यक्ति का लोकेशन ट्रेस किया । पुलिस ने इस व्यक्ति का नंबर ट्रेस किया । नंबर महाराष्ट्र के सोलापुर का निकला । लेकिन यह दादा अपने ठिकाने से गायब था ।
पुलिस ने इसके बाद दादा के मोबाइल का कॉल रिकॉर्ड चेक किया । इस कॉल रिकॉर्ड की जांच में उस व्यक्ति का संपर्क ज्यादातर शिवशंकर और मोनाली नाम के दो व्यक्तियों से दिखाई दे रहा था । इसी जानकारी के आधार पर पुलिस ने शिवशंकर और मोनाली को पकड़ा । सख्ती से पूछताछ में आरोपी ने अपना गुनाह कबूल लिया ।
आरोपी ने हत्या क्यों की?
पूछताछ में पता चला कि आरोपी शिवशंकर और मोनाली पति-पत्नी हैं । वे मुंबई के वरली में पुलिस कॉलनी में रहते हैं । शिवशंकर को बार-बार अपनी पत्नी के चरित्र पर संदेह होता था । इस वजह से लड़ाइयां होती थीं । परेशान होकर मोनाली अक्कलकोट में रहने चली गई । वहां रहने के दरम्यान उसकी दादा जगदाले नाम के शख्स से पहचान हुई । बाद में यह दोस्ती प्यार में बदल गई । दोनों एक साथ रहने लगे । इस बीच शिवशंकर भी मोनाली को समझा-बुझा कर मुंबई ले आया । इस बार झगड़े तो नहीं होते थे, लेकिन शिवशंकर का मोनाली पर शक कायम था । दादा जगदाले की पहचान शिवशंकर से भी थी । दादा और पत्नी के बीच संबंध होने के शक में शिवशंकर ने दादा की हत्या का प्लान बनाया ।
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शिवशंकर ने की दादा की हत्या
शिवशंकर ने आत्मीयता दिखाते हुए पहले दादा को मुंबई बुलाया । इसके बाद मौका पाकर उसकी हत्या कर दी । दादा की हत्या की बात मोनाली को पता लगी.। लेकिन यह बात खुल गई तो उसकी इज्जत पर बात आएगी, यह सोचकर मोनाली ने लाश को ठिकाने लगाने में शिवशंकर का साथ दिया । आरोपी ने दादा के शरीर के टुकड़े किए । सिर काट कर कचरे में फेंक दिया । डेड बॉडी को जलाने की कोशिश की । इसके बाद उसने वह डेड बॉडी सायन के एसपी ऑफिस के सामने फेंक दिया । किसी को शक ना हो, इसलिए उस दिन वह अपनी ड्यूटी पर भी उपस्थित रहा । दोनों आरोपियों को कोर्ट में हाजिर किया जा चुका है । उन्हें 14 अक्टूबर तक पुलिस कस्टडी में भेजा गया है ।
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