सत्य खबर, नई दिल्ली। कोरोना लॉकडाउन में वहशी पिता पुत्री से रोज दुष्कर्म करता था। उसे नशीली दवाइयां दी जाती थीं। पुत्री ने बताया कि चाचा की मौत के बाद नशीली दवाइयों का सिलसिला थमा तब जाकर उसने पुलिस को तहरीर सौंपी।
पुलिस को सौंपी तहरीर के मुताबिक किशोरी के साथ दुष्कर्म में उसकी ताई और चाचा पिता का साथ देते थे। चाचा नशीली दवाइयों का इंतजाम करते थे और ताई खाने में नशीली दवाइयां मिलाकर उसको व उसकी मां को देती थी। बाद में उसके चाचा की मौत हो गयी जिसके बाद खाने में नशीली दवाइयां मिलाना बंद हो गया। मां से बातचीत करने के बाद उसने पहले चाइल्ड हेल्प लाइन पर शिकायत दर्ज करायी जिसके बाद पुलिस महकमा सक्रिय हो गया। जिसके बाद आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया।
किशोरी का कराया चिकित्सकीय परीक्षण
मुकदमा दर्ज करने के बाद पुलिस ने किशोरी का जिला महिला चिकित्सालय में चिकित्सकीय परीक्षण कराया। देर शाम तक पुलिस को चिकित्सकीय रिपोर्ट मिल जाएगी। इसके अलावा पुलिस ने मजिस्ट्रेट के समक्ष किशोरी के बयान दर्ज कराए। बुधवार को उसको न्यायालय में पेश करके बयान कराए जाएंगे।
सपा व बसपा जिलाध्यक्ष ने आरोपों को नकारा
नाबालिग के साथ दुष्कर्म के मामले में आरोपी बनाये गए समाजवादी पार्टी व बहुजन समाज पार्टी जिलाध्यक्षों ने आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए इसको बड़ा षड्यन्त्र बताया। सपा जिलाध्यक्ष तिलक यादव ने कहा कि वह किशोरी को जानते तक नहीं है। पिता जरूर कभी कभार उनके पास आया है। उनके उस भाई पर भी दुष्कर्म के आरोप लगाए गए जो चलने फिरने में असमर्थ है। यह किसी की राजनैतिक चाल व बड़ा षड्यन्त्र है। इस मामले की उच्चस्तरीय जांच कराने के लिए 13 अक्तूबर को राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक को सौंपेंगे।
सपा जिलाध्यक्ष ने कहा कि उनकी छवि खराब करने का प्रयास किया जा रहा है। अगर उच्च स्तरीय जांच नहीं की गई तो वह आत्महत्या के लिए मजबूर होंगे। वहीं बसपा जिलाध्यक्ष दीपक अहिरवार ने बताया कि वह किसी किशोरी व उसके पिता को नहीं जानते हैं। कभी उससे मिले तक नहीं। इस मामले की उच्चस्तरीय जांच आवश्यक है।
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