– देरी पर ऑटो अपील सॉफ्टवेयर होगा सक्रिय
– समय सीमा पार होने पर संबंधित अधिकारी होंगे जिम्मेदार
– तीन बार जुर्माना लगने पर जा सकती है नौकरी
– अधिनियम के अनुसार समय पर उपलब्ध कराएं सेवाएं
– पारदर्शी सेवाएं देने के लिए लागू किया गया अधिनियम
– संतुष्ट न होने पर अपील करने का अधिकार
– अधिनियम में 5 हजार रूपए से लेकर 2० हजार रूपए तक के जुर्माने का प्रावधान
जींद, महाबीर मित्तल
उपायुक्त नरेश नरवाल ने कहा है कि प्रदेश सरकार द्वारा सेवा का अधिकार अधिनियम को सख्ती से लागू करने के लिए हरियाणा सेवा का अधिकार आयोग का ऑटो अपील सॉफ्टवेयर (एएएस) लॉन्च किया गया है, जो क्रांतिकारी कदम है। इस सॉफ्टवेयर के शुरू होने से अब आमजन को अधिकारियों के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं रह जाएगी। इस व्यवस्था के तहत सेवा के लिए निर्धारित अवधि के अन्दर नोडल अधिकारी को सेवा प्रदान करनी होगी, अन्यथा अपील स्वयं उच्चाधिकारी के पास पहुंच जायेगी तथा संबंधित अधिकारी देरी के लिए स्वयं जिम्मेदार होगा।
अब कोई अधिकारी फाइल को नहीं रोक सकेगा:
नरेश नरवाल ने बताया कि ऑटो अपील नाम का सॉफ्टवेयर बहुत महत्वपूर्ण है। इस सॉफ्टवेयर के लांच होने से अब कोई भी अधिकारी फाइल को नहीं रोक सकेगा। जनता से जुड़े किसी काम की फाइल अधिकारी ने यदि तय समय में नहीं निपटाई तो वह स्वत: सीनियर अधिकारी के पास चली जाएगी और वहां भी काम नहीं हुआ तो यह फाइल राइट-टू सर्विस कमीशन अर्थात हरियाणा सेवा का अधिकार आयोग के पास पहुंच जाएगी। इतना ही नहीं, अगर कोई अधिकारी व कर्मचारी फाइल रोकता है तो उस पर कार्रवाई की जाएगी तथा 3 बार जुर्माना लगा तो संबंधित अधिकारी की नौकरी भी जा सकती है।
यह भी पढ़ें:- चाइल्ड पोर्नोग्राफी केस में CBI ने हिसार समेत हरियाणा के 4 जिलों में की छापेमारी
ऑटो अपील सॉफ्टवेयर आमजन के लिए फायदेमंद साबित होगा:
उपायुक्त ने कहा है कि भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस और आम नागरिक को पारदर्शी सेवाएं समय पर मुहैया करवाने के उद्देश्य से हरियाणा सेवा का अधिकार अधिनियम लागू किया गया है। उन्होंने कहा कि अधिनियम के तहत अगर कोई अधिकारी निर्धारित समयावधि में सेवाएं उपलब्ध नहीं करवाता है अथवा आवेदन को रद्द करता है तो इस स्थिति में संबंधित नागरिक 3० दिन के अंदर प्रथम कष्ट निवारण अथॉरिटी के पास अपील कर सकता है। अथॉरिटी इस संबंध में आवेदक को एक सप्ताह में सेवाएं उपलब्ध करवाने के आदेश दे सकता है। अगर आवेदक इस स्तर पर भी संतुष्ट नहीं होता है तो वह प्रथम कष्ट निवारण अथॉरिटी के फैसले के 6० दिन के भीतर द्वितीय कष्ट निवारण अथॉरिटी के पास अपील कर सकता हैं। उपायुक्त नरेश नरवाल ने बताया कि अधिनियम के अनुसार अगर आवेदक यहां भी संतुष्ट नहीं होता है तो वह 9० दिन में हरियाणा सेवा का अधिकार आयोग में शिकायत दर्ज करवा सकता है। उन्होंने कहा कि अगर संबंधित अधिकारी दोषी पाया जाता है तो आयोग उस पर 5 हजार रूपए से लेकर 2० हजार रूपए तक का जुर्माना कर सकता हैं। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अगर आयोग को अधिकारी का रवैया ठीक प्रतीत नहीं होता है तो वह देर के लिए प्रतिदिन के हिसाब से जुर्माना भी कर सकता है। उपायुक्त ने कहा कि अधिनियम में जिन सेवाओं का उल्लेख किया गया है उनका सूचना पट्ट अथवा सार्वजनिक रूप से अंकित करना होगा ताकि आम जनता को पता लग सके कि कौन सी सेवा कितने दिनों में उपलब्ध करानी होगी। सूचना पट् पर सेवा की संपूर्ण जानकारी, सेवा प्राप्त करने का आवेदन पत्र तथा संलग्न किए जाने वाले दस्तावेजों के बारे में संपूर्ण जानकारी देनी होगी।
Aluminum scrap recycling projects Aluminium scrap casting Scrap metal reclamation and salvage
Scrap aluminium export-import Aluminium scrap reusability Scrap metal recapturing and recycling