कहा: इसके लिए सरकार और प्रशासन पूरी तरह से जिम्मेवार
जींद, महाबीर मित्तल
जीन्द विकास संगठन के अध्यक्ष डा. राजकुमार गोयल ने देश के सबसे प्रदूषित शहरों में जीन्द का नम्बर प्रथम आने पर गहरी चिंता जताई है। गोयल का कहना है कि इसके लिए सरकार और प्रशासन पूरी तरह से जिम्मेवार है और अगर यही हाल जारी रहा तो एक दिन पूरा जीन्द सांस का मरीज बन जाऐगा। गोयल का मानना है कि बदहाल सड़को के उड़ते गुब्बार जीन्द देश का सबसे प्रदूषित शहर होने का एक प्रमुख कारण है। गोयल ने अर्बन स्टेट में संगठन की एक बैठक को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर राजकुमार भोला, मंजीत भौंसला, मुकेश शर्मा, सावर गर्ग, संजय चुघ इत्यादि प्रमुख रूप से उपस्थित थे। गोयल का कहना है कि केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की वेबसाइट पर जीन्द को सर्वाधिक प्रदूषण शहर दिखाया गया है। जिसमें जीन्द का एक्यूआई 428 दिखाया गया है। देश में कोई और ऐसा शहर नहीं है जहां इतना एक्यूआई हो। मानेसर जैसे इन्डस्ट्रीयल हब का एक्यूआई भी 410 दिखाया गया है।
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गोयल का कहना है कि जीन्द शहर में बड़ी फैक्टरियां भी नही है। जीन्द कोई बड़ा इन्डस्ट्रीयल हब भी नही है। उसके बावजूद भी देश के सर्वाधिक प्रदूषित शहरों में जीन्द का नम्बर प्रथम आना चिंता का विषय है। यह गम्भीर विषय है। जिस पर प्रशासन और सरकार को सोचना होगा। गोयल का कहना है कि इसके लिए सरकार और प्रशासन पूरी तरह से जिम्मेवार है। शहर में जगह जगह सड़के टूटी पडी हैं। गडडो में सड़क है या सड़कों में गडडे है, कहा नही जा सकता। यहां 24 घण्टे रेत के गुब्बार उडते रहते हैं। अब तापमान में नमी आने की वजह से उड़ते रेत के गुब्बार वायुमण्डल में मिल जाते हैं। इतने बडे स्तर पर प्रदूषण बढ़ने का यह भी एक प्रमुख कारण है। अगर समय रहते सरकार व प्रशासन द्वारा इन सावधानियों की ओर ध्यान दिया होता तो शायद जीन्द सर्वाधिक प्रदषित शहर न बनता। गोयल का यह भी कहना है कि अगर इस और सख्ताई से ध्यान नही दिया गया और यह एक्यूआई इसी तरह बढ़ता रहा तो एक दिन सारा जीन्द सांस का मरीज बन जाऐगा।
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