सत्यखबर, चण्डीगढ़
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से तीन कृषि कानून वापस लेने की घोषणा के बाद आंदोलन की आगे की रणनीति तय करने के लिए संयुक्त किसान मोर्चा की सिंघु बॉर्डर (दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर) पर बैठक शुरू हो गई है । किसान नेताओं ने कहा है कि बैठक में MSP, जान गंवाने वाले किसानों को मुआवजा, किसानों के खिलाफ दर्ज मुकदमे और उनकी अगली कार्ययोजना पर चर्चा होगी। इससे पहले शनिवार को संयुक्त किसान मोर्चा के प्रमुख नेताओं की 9 सदस्यीय कमेटी की बैठक हुई। बैठक में किसानों की मुख्य मांगों पर विचार होगा। साथ ही शहीद किसानों के परिवार को मुआवजे पर भी बात होगी।
पहले ये बैठक शनिवार को होने वाली थी, लेकिन किसी वजह से किसान नेताओं ने संयुक्त बैठक को स्थगित कर दिया गया था । जानकारी के मुताबिक सिंघु बॉर्डर पर किसान नेताओं की बैठक में मुख्य रूप से कानून वापस होने पर सिंघु, गाजीपुर और टिकरी बॉर्डर से मोर्चा हटाने के मुद्दे पर भी विचार होगा। वहीं इस बैठक में सबसे अहम मुद्दा एमएसपी की मांग को लेकर आगे की रणनीति तैयार करना होगा।
सिंघु बॉर्डर पर होने वाली बैठक का सबसे अहम मुद्दा एमएसपी पर कानून बनाने की मांग है। इसके साथ दूसरा मुद्दा बिजली पर अध्यादेश की वापसी है. तीसरा मुद्दा पराली के मुकदमों की वापसी है । चौथा मुद्दा किसान आंदोलन के मुकदमों की वापसी और पांचवां मुद्दा आंदोलन में शहीद किसानों के परिवारों को मुआवजा दिलाने की मांग होगी.बैठक में नहीं शामिल होंगे राकेश टिकैतराकेश टिकैट सिंघु बॉर्डर पर संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में नहीं शामिल हो रहे हैं । राकेश टिकैत रविवार काे लखनऊ जा रहे हैं। यहां वह 22 नवंबर यानी सोमवार को महापंचायत में भाग लेंगे । इस महापंचायत में लखीमपुर खीरी में हुई किसानों की मौत को लेकर इंसाफ मांगा जाएगा ।प्रधानमंत्री द्वारा तीनों कृषि कानून वापस लिए जाने के ऐलान के बाद भी महापंचायत को कैंसिल नहीं किया गया । इस बात की जानकारी पहले ही संयुक्त किसान मोर्चा दे चुका है । इसलिए उन्होंने संयुक्त किसान मोर्चा की मीटिंग में जाने का कार्यक्रम कैंसिल किया है । बाकी के कमेटी मेंबर सिंघु बॉर्डर की अहम बैठक में शामिल होंगे जिसके बारे में वहां से राकेश टिकैत को अपडेट किया जाएगा ।
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राकेश टिकैत पहले ही कह चुके हैं कि 29 नवंबर को पार्लियामेंट जाने का प्लान है । ऐसे में इस बात को लेकर दिल्ली पुलिस की चिंता अभी भी बढ़ी हुई है। सभी उम्मीद कर रहे थे कि प्रधानमंत्री के ऐलान के बाद महापंचायत और अन्य कार्यक्रम कैंसिल हो जाएंगे, लेकिन ऐसा नहीं होने से सभी सुरक्षा एजेंसियां किसान आंदोलन को लेकर भी अलर्ट पर हैं.बता दें कि पीएम मोदी ने शुक्रवार को देश के नाम संबोधित करते हुए कहा था कि मैं आज देशवासियों से क्षमा मांगते हुए यह कहना चाहता हूं कि हमारी तपस्या में कोई कमी रह गई होगी । उन्होंने कहा कि कुछ किसान भाइयों को समझा नहीं पाए । आज गुरुनानक देव का पवित्र पर्व है । ये समय किसी को दोष देने का समय नहीं है । आज पूरे देश को यह बताने आया हूं कि तीन कृषि कानून वापस लेने का फैसला किया है, जिसके बाद किसान इस बैठक में अहम मुद्दों पर चर्चा कर आगे की रणनीति बाएंगे ।
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