राष्‍ट्रीय

इजराइल में नौकरी के दीपेंद्र हुड्डा के सवाल पर सीएम खट्टर का जवाब

सत्य खबर, चंडीगढ़ ।

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने स्पष्ट किया है कि उनकी सरकार हरियाणा के किसी भी शख्स को इजराइल जाने के लिए मजबूर नहीं कर रही। उन्होंने कहा कि यह लोगों की पसंद पर निर्भर है कि वे जाना चाहते हैं या नहीं।

सीएम ने कहा कि हरियाणा सरकार ने कौशल रोजगार निगम के माध्यम से कंस्ट्रक्शन सेक्टर में काम करने वाले 10 हजार मजदूरों की भर्ती के लिए विज्ञापन निकाला है। इन लोगों को इजराइल भेजा जाना है। दरअसल इजराइल का फिलिस्तीनी के इस्लामिक चरमपंथी समूह हमास के साथ युद्ध चल रहा है जो गाजा पट्‌टी से ऑपरेट होता है।

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इजराइल-हमास के इस युद्ध की वजह से वहां की इमारतों और बाकी इंफ्रास्ट्रक्चर को काफी नुकसान पहुंचा है। युद्ध की वजह से इजराइल के कंस्ट्रक्शन सेक्टर की बड़ी कंपनियां लेबर की कमी से जूझ रही हैं क्योंकि उनके यहां 90 हजार फिलिस्तीनी लेबर करते थे। कंपनियों ने इन फिलिस्तीनियों की जगह भारत से एक लाख मजदूरों को काम पर रखने की अनुमति मांगी थी।

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कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्‌डा ने कौशल रोजगार निगम की ओर से निकाली गई मजदूरों की भर्ती पर सवाल उठाते हुए कहा था कि BJP सरकार राज्य के लोगों को युद्धग्रस्त इलाके में झोंकना चाहती है। दीपेंद्र ने कहा था कि मनोहर सरकार के पास युवाओं को देने के लिए नौकरियां नहीं हैं और यह नॉन परफार्मिंग सरकार है।

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दीपेंद्र के इसी बयान पर पलटवार करते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा- ऐसा नहीं है कि युद्ध कर रहे इजराइल में कोई नहीं रहता। पहले भी वहां विभिन्न देशों के लोग जाते थे और अब हमारे लोग जाएंगे। हमने सिर्फ लोगों को एक कानूनी चैनल प्रदान किया है।

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