राजस्थान से हरियाणा में गन्दा पानी आने से दोनों राज्यों की पुलिस भिड़ी लगाए बैरिकेड्स
सत्य ख़बर, गुरुग्राम, सतीश भारद्वाज :
हरियाणा में रेवाड़ी जिले से लगते धारूहेड़ा-भिवाड़ी बॉर्डर पर दूषित पानी बह कर आने से दोनों राज्यों की पुलिस में विवाद और ज्यादा बढ़ता ही जा रहा है।
जानकारी के अनुसार रेवाड़ी से-पलवल वाया धारूहेड़ा नेशनल हाईवे-919 पर राजस्थान पुलिस की तरफ से बैरिकेड्स लगाकर हरियाणा की तरफ से आने वाले वाहनों का रूट डायवर्ट किया गया था। वहीं हरियाणा की तरफ से रैंप बनाने और नाले बंद करने के बाद राजस्थान की तरफ से हाईवे और आम रास्तों को बंद कर दिया गया। इतना ही नहीं हरियाणा की सीमा के अंदर बैरिकेड्स लगा दिए गए। जिसकी जानकारी जब पुलिस को लगी तो धारूहेड़ा थाने के ASI रविकांत अन्य पुलिसकर्मियों के साथ मौके पर पहुंचे। उन्होंने राजस्थान पुलिसकर्मियों से हाईवे की सड़क को अवरुद्ध करने का कारण पूछा। वहीं दोनों राज्यों की पुलिस में जमकर भिड़ंत हुई।
इसको लेकर राजस्थान पुलिस के कर्मचारियों ने राजस्थान की सीमा पर बैरिकेड्स लगाए जाने की बात कही । जबकि वह जगह हरियाणा राज्य की सीमा में होने की वजह से सेक्टर-6 थाना के क्षेत्र में आती है। राजस्थान पुलिस द्वारा सड़क को राजस्थान की सीमा में 3 फीट मिट्टी डालकर बंद किए जाने व उस मिट्टी को वाहनों के आवागमन से हट जाने की संभावना के चलते 500 मीटर पहले हरियाणा की सीमा में बैरिकेड्स लगाकर वाहनों को डायवर्ट करना शुरू कर दिया था।
इससे हाईवे की सड़क पर जाम की स्थिति बन गई थी। सूचना पर पहुंची सेक्टर-6 थाना पुलिस ने हाईवे की सड़क पर लगे बैरिकेड्स व कुर्सियों को हटाकर सड़क पर आवागमन के लिए शुरू कराया। राजस्थान के भिवाड़ी क्षेत्र में 1 किलोमीटर तक पानी फैल गया है। वहीं
धारूहेड़ा से भिवाड़ी या भिवाड़ी से धारूहेड़ा की तरफ अगर किसी को 100 मीटर दूर भी जाना है तो उसे करीब 5 किलोमीटर आसपास के गांव से होकर आना जाना पड़ रहा है। जिससे लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
भिवाड़ी के दूषित पानी को हरियाणा के गांव, कॉलोनियों व धारूहेड़ा नगर पालिका क्षेत्र में आने से रोकने के लिए रेवाड़ी जिला प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद नजर आ रहा है। वहीं भिवाड़ी प्रशासन दूषित पानी को हरियाणा में आने से रोकने के लिए अभी तक कोई ठोस उपाय नहीं कर पाई है। जिसको लेकर पहले भी कई दफा क्षेत्र में फैक्ट्री से निकलने वाले केमिकल के पानी पर भी कई दफा विवाद हो चुका है।