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हरियाणा के पुर्व सीएम खट्टर के ओएसडी पर भ्रष्टाचार हावी, सीट से उतरते ही बीजेपी की कराई किरकिरी : विनोद लमबरदार

सत्य ख़बर, गुरुग्राम, सतीश भारद्वाज :

हरियाणा में मंगलवार को अचानक हुए सता परिवर्तन से जहां राजनीतिक गलियारों में हर तरफ चर्चाओं का बाजार गर्म है, अधिकतर नेताओं के मन में एक अजीब सा भय साफ नजर दिखाई दे रहा है,जबकि देश में लोकसभा चुनाव के लिए चुनाव आयोग कभी भी घोषणा कर सकता है। वहीं हरियाणा में मुख्यमंत्री खट्टर को सीट से उतर कर उनकी जगह प्रदेश अध्यक्ष नायब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री का ताज पहनने से जहां सैनी और उनके चाहने वालों में खुशी की लहर दौड़ रही है, वहीं पंजाबी बिरादरी और खट्टर के चहेतों में मायूसी छाई हुई है। हालांकि पूर्व सीएम खट्टर को करनाल लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने की चर्चाएं चल रही है, लेकिन फिर भी पंजाबी बिरादरियों में इस बात का अफसोस है कि तब तक इलेक्शन नहीं हो जाते तब तक तो मुख्यमंत्री को पद पर बने रखना चाहिए था। लेकिन जहां पीएम नरेंद्र मोदी ने सोमवार को ही गुरुग्राम में मुख्यमंत्री की जमकर तारीफ की थी वहीं एकदम से पद से हटा देना राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है। जबकि इसमें पीएम मोदी व अमित शाह की एक दूरदर्शी योजना पर परिवर्तन होना नेता बता रहे हैं।


अचानक से जेजेपी बीजेपी का गठबंधन टूटने से जो स्थिति हरियाणा में बनी है उसे प्रदेश के पूर्व गृहमंत्री अनिल विज भी अच्छे खासे खफा नजर आ रहे हैं। उनकी नाराजती तो इस कदर तक दिखाई दे रही थी कि वह तो मिटिंग ही बीच में छोड़कर स्वयं ही गाड़ी चलाकर अंबाला पहुंच गए और शाम को अपने साथियों के साथ गोलगप्पे खाने में मस्त रहे।
अब बात करते हैं कहीं खुशी कहीं गम की हो रही चर्चाएं। गुरुग्राम में भी जगह-जगह पर लड्डू और मिठाई बांटी गई, वहीं गुरुग्राम की बात करें तो गुरुग्राम के अधिकतर सोशल ग्रुपों में प्रदेश अध्यक्ष सैनी के गुरुग्राम आगमन पर लिए गए स्वागत अभिनंदन समारोह के समय के फोटो लगाकर बीजेपी के लोग जनता पर रोब डालने लग गए हैं, वहीं कुछ बीजेपी के कार्यकर्ता तो खट्टर के सीट से उतरते ही अपना मानसिक संतुलित भी खो चुके हैं,जिससे जहां भाजपा की जमकर किरकिरी होनी शुरू हो गई है, वहीं उनके चहेतों में भ्रष्टाचार उजागर होने का भी डर सताने लगा है। जिन्होंने सीएम खट्टर के नजदीक रहते हुए हजारों करोड़ का गोलमोल कर धन बटोरा है।
गुरुग्राम के ऐसे काफी नाम है, जिन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं और जिनकी शिकायतें सीबीआई व ईडी भी कर रही है। लेकिन राजनीतिक दबाव के चलते मामलों में ढलाई बढ़ती जा रही थी। वहीं पुर्व ओएसडी पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाने वाले विनोद लमबरदार ने तो यहां तक भी ट्वीट करके लिख दिया कि पूर्व ओएसडी पर भ्रष्टाचार इस कदर हावी है कि इस तरह की पोस्ट सोशल मीडिया पर कर भाजपा की किरकिरी करा रहे हैं।

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