सत्यखबर सफीदो (महाबीर मित्तल) – प्रशासन ने गेंहू सीजन के दौरान आढ़तियों व किसानों को किसी प्रकार की भी परेशानी ना होने देने व व्यापक स्तर पर तैयारियों के दावे किए गए हो लेकिन सफीदों मंडी में सभी दावे पूरी तरह से फेल हैं। इस मंडी में ना तो आढ़तियों को समय पर बारदाना है, ना ही उठान है और ना ही समय पर पेमैंट हैं। इन समस्याओं के कारण आढ़तियों के साथ-साथ किसानों को भी भारी दिक्कतें पैदा हो रही हैं। सफीदों मंडी में हालात ये हैं कि किसानों द्वारा कड़ी मेहनत के साथ तैयार किया गया पीला सोना अब खरीद एजेंसियों की लापरवाही और लालच के चलते अनाज मंडियों में सड़ रहा है।
आढ़ती व किसान मंडियों में परेशान है लेकिन खरीद एजेंसियों के अधिकारी बड़ा गोलमाल करके चांदी कूटने में लगे हुए हैं। खरीद एजेंसियों के अधिकारियों द्वारा स्थानीय मंडी से गेंहू का उठान ना करके दूसरी मंडियों का गेंहू मंगवाकर स्थानीय गोदामों में भरा जा रहा है। सफीदों मंडी के हालात ये हैं कि यहां दूर-दूर तक गेंहू से भरे हुए बैग लावारिश हालात में दिखाई दे रहे हैं लेकिन इसके बावजूद बाहर की मंडियों का गेंहू सफीदों के गोदामों में लाकर लगाया जा रहा है। बाहर का गेंहू सफीदों के गोदामों में लगने की शिकायत आढ़तियों ने एसडीएम मनदीप कुमार को की थी, जिस पर एसडीएम ने जांच करने की जिम्मेदारी एएफएसओ सतीश सेतिया को सौंपी थी। मंडी में हालात इस कदर बदतर हैं कि आगजनी व बारिश की स्थिति में यहां कोई भी बड़ा नुकसान हो सकता है।
सफीदों मंडी में भरे हुए बैगों को उठाने के लिए लिए ना तो प्रशासन और ना ही खरीद एजेंसियां संजीदा है। इन बैगों के ना उठने के कारण गेंहू डालने के लिए कोई स्थान नहीं बचा है और मंडी में चारो ओर हाहाकार है। आढ़तियों का कहना है कि अनाज मंडी में जगह ना होने के कारण उन्हे व किसानों को भारी दिक्कतें हैं। वहीं ट्रांसपोर्टर विश्वनाथ गुप्ता का कहना है कि खरीद एजेंसियों द्वारा जानबूझकर उठान नहीं किया जा रहा। खरीद एजेंसियों के अधिकारी दूसरी बाहर की फर्मों से मिलकर वहां से गेहूं सफीदों लगवा रहे हैं। अगर ऐसा होता रहा तो सफीदों की मंडियों में पड़ा गेहूं कभी उठ नहीं पाएगा।
इस मामले में एएफएसओ सतीश सेतिया का कहना है कि उन्हे जांच में पाया कि खरीद एजेंसियों द्वारा रूट बदलकर गलत तरीके से गेंहू ट्रांसपोर्ट किया जा रहा है। वहीं मार्किट कमेटी उपाध्यक्ष शिवचरण गर्ग का कहना है कि सफीदों मंडी ऑनलाईन होने के कारण कुछ तकनीकी दिक्कतें आई हैं और जल्द ही पेमैंट की समस्या का समाधान हो जाएगा। बारदाना उपलब्ध करवाने व जल्द उठान के लिए खरीद एजेंसियों को निर्देश दिए गए हैं। अनाज मंडी के प्रधान शिवचरण कंसल ने बताया कि 15 दिन पहले हेफैड, वेयरहाउस और एफसीआई ने गेहूं की परचेज करनी शुरू कर दी थी लेकिन आज तक कोई पेमेंट नहीं हुई है। उन्होंने बताया कि मंडी की करीब 140 करोड़ की पेमेंट अटकी हुई है।
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