कच्चातिवु दीप को लेकर श्रीलंका के मंत्री का बयान आया सामने, जानिए क्या कहा
Sri Lankan Minister statement regarding Katchatheevu lamp came out
सत्य खबर, नई दिल्ली । श्रीलंका को कच्चातिवु द्वीप सौंपे जाने का मामला 50 साल बाद एक बार फिर सुर्खियों में है, जहां भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) उस वक्त केंद्र में सरकार चला रही कांग्रेस और तमिलनाडु की सत्ताधारी डीएमके पर हमलावर है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस मामले में कांग्रेस और डीएमके पर देश की संप्रभूता के साथ समझौता करने का आरोप लगाया है. केंद्र सरकार द्वारा इस मुद्दे को इतनी जोर-शोर से उठाए जाने से सवाल उठ रहा है कि क्या श्रीलंका को सौंपा गया कच्चातिवु द्वीप भारत वापस लेगा? इस बारे में श्रीलंका के मंत्री से बात करने पर उन्होंने कहा कि भारत ने इस मुद्दे पर अभी तक कोई आधिकारिक संदेश नहीं भेजा है.
अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस में श्रीलंकाई राष्ट्रपति रनिल विक्रमसिंघे के मंत्रिमंडल में तमिल मूल के मंत्री जीवन थोंडामन के हवाले से बताया गया है, ‘जहां तक श्रीलंका का सवाल है, कच्चातिवु द्वीप श्रीलंकाई नियंत्रण रेखा के भीतर आता है. श्रीलंका के साथ नरेंद्र मोदी की विदेश नीति सजीव और स्वस्थ है. अभी तक भारत की ओर से कच्चातिवु द्वीप का नियंत्रण लौटाने के लिए कोई आधिकारिक सूचना नहीं दी गई है. भारत की ओर से अभी तक ऐसा कोई अनुरोध नहीं आया है. अगर ऐसा कोई संदेश आता है, तो विदेश मंत्रालय उसका जवाब देगा.’
अखबार के मुताबिक, इस सवाल पर एक अन्य श्रीलंकाई मंत्री से जब बात की गई तो कच्चातिवु द्वीप भारत को सौंपे जाने की किसी भी संभावना से इनकार किया. उन्होंने नाम न जाहिर करने की शर्त पर कहा कि नई सरकार की इच्छा के अनुसार राष्ट्रीय सीमाओं को नहीं बदला जा सकता है. श्रीलंकाई मंत्री ने कहा, ‘ कच्चातिवु को औपचारिक रूप से श्रीलंका की नियंत्रण रेखा के अंदर मान्यता दी गई थी. एक बार सीमा तय हो जाने के बाद, केवल सरकार बदलने के कारण कोई भी बदलाव की मांग नहीं कर सकता… कच्चातिवु श्रीलंकाई कैबिनेट में चर्चा का विषय नहीं रहा है; इस संबंध में भारत से कोई संचार नहीं हुआ है.’
कैसे शुरू हुआ सवाल?
दरअसल यह सवाल इसलिए उठ रहा है क्योंकि एक दिन पहले ही सोमवार को बीजेपी की तमिलनाडु इकाई के अध्यक्ष के. अन्नामलाई ने कहा कि केंद्र सरकार इस क्षेत्र को पुनः प्राप्त करने के लिए सभी संभव उपाय कर रही है. वहीं अन्नामलाई ने चेन्नई में पत्रकारों से बातचीत में कहा था, ‘गेंद अब केंद्र के पाले में है. हरसंभव समाधान पर विचार किया जाएगा. इस मामले में बीजेपी का एकमात्र उद्देश्य तमिल मछुआरों की सुरक्षा करना है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री जयशंकर इस मामले में काफी गंभीर हैं. इसे (कच्चातिवु) अवैध रूप से श्रीलंका को सौंप दिया गया था.’