MCG क्षेत्र में अवैध निर्माण, अवैध कब्जे, और अतिक्रमण करने वालों की बल्ले-बल्ले निगमायुक्त के दावे खोखले
सत्य ख़बर,गुरुग्राम, सतीश भारद्वाज :
गुरुग्राम नगर निगम में इन दिनों सभी चारों जोनों में निगम अधिकारियों और स्थानीय पुलिस की मिली भगत से अवैध निर्माण और सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जा करने वालों की बल्ले-बल्ले हो रही। एक तो लोकसभा चुनावों की आहट ऊपर से भ्रष्टाचार वोटो की राजनीति जिससे भूमाफियाओं के होंसले बुलन्द हो रहें हैं। जिसपर कोई भी राजनीतिक दल कुछ भी बोलने से बच रहे हैं। क्योंकि उन्हें भी वोटो का लालच है। जबकि निगमायुक्त नरहरि सिंह बांगड़ अधिकारियों की बैठक कर अतिक्रमण, अवैध निर्माण और अवैध कब्जे हटाने के सख्त निर्देश देते रहते हैं, लेकिन उनके अधीनस्थ अधिकारी व कर्मचारी मिली भगत के कारण कोई भी कार्रवाई नहीं कर रहे हैं, जिनसे उनके दावे खोखले साबित हो रहे हैं।
वहीं अब शहर में इस बात की भी चर्चाएं होने लगी है कि निगमायुक्त पर जब पानीपत में रहते हुए अपनों को फायदा पहुंचाया गया है,जिसका मामला एंटी करप्शन ब्यूरो तक भी पहुंच चुका है, तो वे निगम क्षेत्र में भी इसी तरह का कुछ खेल कर रहे होंगे। जबकि मुख्यमंत्री स्वामित्व योजना के तहत कई मामले मीडिया के सामने उजागर हो चुके हैं,जिनमें शहरी निकाय स्वामित्व योजना के तहत बेची गई जमीन के मामलों में काफी बड़े-बड़े खुलासे मीडिया में आ चुके हैं। जिनमें कई दुकानों पर तो अवैध कब्जें के सबूत भी फाइलों पर मौजूद है, जिसमें हुए भ्रष्टाचार साफ झलक रहा है, फिर भी निगम अधिकारी सब कुछ जानते हुए उन पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहे है। वहीं निगम क्षेत्र के गांव ग्वाल पहाड़ी, मोलाहेडा, डूंडाहेड़ा, सरहौल, काटरपुरी, खेड़कीदौला सहित अधिकतर गांव में अतिक्रमण अवैध कब्जे और बिगर नक्शे पास निर्माण जोरों पर चल रहे हैं। जिनकी दर्जनों शिकायतें भी निगम कार्यालय में दबी पड़ी है। निगम क्षेत्रवासी राहुल, प्रेमचन्द, सतीश कुमार, राजेंद्र वगैरा ने बताया कि वे अपनी शिकायतों पर कार्यवाही करवाने के लिए निगम अधिकारियों से भी गुहार लगा चुके हैं, लेकिन भ्रष्टाचार के कारण निगम अधिकारी उन पर कोई कार्रवाई जानबूझकर नहीं कर रहे हैं। वहीं निगम सूत्रों से यह भी जानकारी मिली है कि निगम की एनफोर्समेंट शाखा जब किसी क्षेत्र में तोड़फोड़ के लिए कानून व्यवस्था बनाने के लिए संबंधित थाना से पुलिस फोर्स मांगती है तो पुलिस समय पर उनको उपलब्ध नहीं कर रही है, जिसके कारण उनका कार्य करने में देरी हो रही है। जबकि हकीकत यह है कि अवैध निर्माण व अवैध कब्जे करने वाले संबंधित थाने से भी अपनी सांठगांठ रखते हैं जिसके कारण एनफोर्समेंट शाखा को कार्य न करने का बहाना आसानी से मिल रहा है। इस प्रकार के कई मामले थाना डीएलएफ व थाना पालम विहार में देखने में आए हैं।