हरियाणा

गुरुग्राम के DM निशांत यादव और SDM रविंद्र कुमार के तेवर पड़े नर्म HSVP कर्मचारियों को लौटाई मकान की चाबी।

सत्य ख़बर, गुरुग्राम, सतीश भारद्वाज :

गुरुग्राम के जिलाधीश निशांत यादव और एसडीम रविंद्र कुमार के तेवर नरम पड़ गए हैं। एसडीएम ने तहसीलदार की मार्फत एचएसवीपी के कर्मचारी भूप सिंह को उनको अलाट किए गए सेक्टर 17 ए के मकान की चाबी लौटा दी है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार रविवार को गुरुग्राम के तहसीलदार सुरेंद्र भारद्वाज ने सेक्टर 17 ए के मकान नंबर तीन की चाबी एचएसवीपी कर्मचारी भूप सिंह को लौटा दी है।

वहीं उनको यह आश्वासन दिया है कि जल्द ही उनके लिए भी मकान का इंतजाम प्रशासन द्वारा किया जा रहा है।

बता दें कि जिलाधीश निशांत यादव के आदेश पर ड्यूटी मजिस्ट्रेट राकेश मलिक तहसीलदार ने उक्त एचएसवीपी कर्मचारी को शुक्रवार शाम अचानक घर पर पुलिस बल के साथ आकर बेघर कर दिया था। वहीं मकान को ताला लगाकर चाबी अपने साथ ले गया था। जिसको लेकर एचएसवीपी यूनियन में गहरा रोष व्याप्त हो रहा है। कर्मचारियों में अधिकारियों के इस तानाशाही रवैया से काफी आक्रोश भड़क रहा था। जिसपर कर्मचारियों ने धरना प्रदर्शन करने की चेतावनी प्रशासन को दी थी।

 

एचएसवीपी यूनियन की तरफ से जारी प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से बताया गया था कि सेक्टर 17 ए एचएसवीपी के मकान नंबर 3 जोकि भूप सिंह को 26-8- 2022 को प्रशासक गुरुग्राम द्वारा अलॉट किया गया था। जिसको डीसी ने पद का रौब दिखाकर तानाशाही रवैया अपनाते हुए। नव नियुक्त एसडीएम रविंद्र कुमार को उक्त मकान 5-4-2024 को अलाट कर दिया, जबकि उक्त मकान में पिछले 2 वर्ष से भूप सिंह एचएसवीपी कर्मचारी रह रहा है,बिजली का बिल और मीटर भी भूप सिंह के नाम है! तथा उसका हाउस रेंट भी कट रहा है, शुक्रवार को अचानक ड्यूटी मजिस्ट्रेट राकेश मलिक तहसीलदार ने भूप सिंह के बच्चों को व उनकी बुजुर्ग बीमार मां को जबरदस्ती पुलिस का रोब दिखाकर मकान से बाहर निकाल कर मकान को ताला लगा दिया। जबकि मकान के अंदर उनका सामान बच्चों की किताबें,बिमार मां की दवाईयां, कपड़े, खाने-पीने की वस्तुएं भी नहीं निकलने दी। जबकि भूप सिंह को कोई भी मकान खाली करने का नोटिस नहीं दिया गया। एचएसवीपी युनियन ने ड्यूटी मजिस्ट्रेट से कुछ समय की मांग की लेकिन उन्होंने एक न सुनी और अपना तानाशाही रवैया अपनाते हुए मकान पर ताला लगाकर बच्चों को बाहर गेट पर रोते हुए छोड़कर चले गए।

एचएसवीपी संस्था ने संपदा अधिकारी व एचएसवीपी प्रशासक महोदय गुड़गांव से भी मुलाकात की लेकिन किसी ने भी संस्था की एक न सुनी। जिससे कर्मचारी यूनियन में इस तरह आइडियल व्यवहार से अधिकारियों के प्रति काफी रोष पनप रहा है। जिसकी गूंज प्रदेश सरकार के आल्हा अधिकारियों तक भी पहुंच गई थी। वहीं मीडिया में भी जिलाधीश के तानाशाही रवैए से जमकर किरकिरी हो रही थी। पीड़ित परिवार ने दो-तीन दिन अपने मकान के बाहर ही बैठकर इधर-उधर से खाने का इंतजाम कर समय गुजर। इस बीच उन्होंने काफी मानसिक आर्थिक नुकसान का भी सामना करना पड़ा। वहीं सूत्रों से जानकारी मिली है कि रविवार को गुरुग्राम के तहसीलदार सुरेंद्र भारद्वाज कर्मचारियों को मकान की चाबी दे आए हैं।

जब इस मामले पर तहसीलदार से बात की गई तो उनका कहना था कि एसडीएम रविंद्र कुमार साहब ने उनको मकान की चाबी लौटाने के निर्देश दिए थे तथा सेक्टर 17 एक मकान की चाबी उन्होंने ही मेरे को भिजवा मेंई थी। मैं तो उनके निर्देश पर चाबी देने गया था बाकी क्या मामला है, उनकी उन्हें कोई जानकारी नहीं है।

अब देखना यह होगा कि इस मामले में कर्मचारियों को न्याय मिलेगा या जिलाधीश का मनमानी चलेगी।

Back to top button