हरियाणा

गुरुग्राम निगम के पूर्व डिप्टी मेयर यशपाल बत्रा पर अदालत को गुमराह कर छुट मांगने पर जल्द गिरेगी गाज,अपने को BJP जिलाअध्यक्ष बताया।

सत्य ख़बर, गुरुग्राम,सतीश भारद्वाज :

गुरुग्राम नगर निगम के पूर्व सीनियर डिप्टी मेयर यसपाल बत्रा की मुसीबतें कम होने का नाम ही नहीं ले रही है। गत महीने जहां उनके व उनकी पत्नी के खिलाफ हाई कोर्ट से नोटिस जारी किए गए थे, वहीं जिले की एक अदालत ने गलत दस्तावेज पेश कर गवाही पेशी से छूट मांगने पर गाज गिर सकती है।
न्यायलय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पुर्व मेयर यशपाल को गत 22 मई को अनिल कुमार यादव की अदालत में गवाही देनी थी। जिसमें वह गवाही देने नहीं पहुंचे।
मामला यह था कि सरकार बनाम यशपाल अरोड़ा वगैरह केस में अभियोजन साक्ष्य के लिए नियत किया गया था, जिसमें कोई पीडब्लू मौजूद नहीं हुआं। वहीं आरोपी यशपाल अरोड़ा की ओर से एक आवेदन अदालत को दिया गया था, जिसमें कहा गया है कि शिकायतकर्ता की गवाही बंद कर दी जाए क्योंकि वह पिछली तारीख पर भी अदालत में पेश होने में विफल रहा है।

वहीं शिकायतकर्ता के साक्ष्य को बंद करने के लिए दो और आवेदन दायर किए गए हैं जो जानबूझकर मुकदमे में देरी का कारण बन रहे हैं। वकील ने अदालत में ज़िमनी आदेश में दर्ज किया है कि शिकायतकर्ता उसे जारी किए गए समन के अनुसार साक्ष्य के लिए उपस्थित होने में विफल रहा। इसके बाद जमानती वारंट जारी किए गए और उसके बाद गिरफ्तारी के वारंट जारी किए गए, लेकिन, वह फिर से पेश होने में विफल रहे और छूट की याचिका दायर की। इसके बाद, एक तारीख को वह अपने साक्ष्य के लिए उपस्थित हुआ जिसे आंशिक रूप से दर्ज किया गया था। लेकिन अगली तारीख पर उसने फिर से छूट के लिए एक आवेदन दायर किया।

वही इसके अलावा आज गवाह/शिकायतकर्ता यशपाल बत्रा की ओर से छूट के लिए एक आवेदन दायर किया गया, जिसमें कहा गया कि वह भाजपा के जिला अध्यक्ष हैं और चुनाव प्रचार में व्यस्त हैं। हालाँकि, आरोपी के वकील ने आवेदन का पुरजोर विरोध करते हुए कहा कि गवाह सरासर अदालत को जानबूझकर गुमराह कर रहा है। क्योंकि वह भाजपा का जिला अध्यक्ष नहीं है, बल्कि कमल यादव भाजपा के जिला अध्यक्ष हैं। जबकि हरियाणा में 25.05.2024 को मतदान होना है, और वह समन, जमानती वारंट, गिरफ्तारी वारंट जारी होने के बावजूद भी 5 से अधिक तारीखों पर अदालत में पहले भी अनुपस्थित रहा हैं।

इसलिए, इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि आरोपी वरिष्ठ नागरिक हैं, शिकायतकर्ता की अनुपस्थिति के कारण उन्हें दोपहर के भोजन तक अदालत में इंतजार कराया जाता है। इसलिए, इस गवाह के पिछले आचरण को ध्यान में रखते हुए अभियोजन पक्ष के साक्ष्य के आधार पर इस शिकायतकर्ता को बंद कर दिया गया है।
वहीं अगली गवाही के लिए गवाह
हर्ष, राज ठक्कर और राजेश कुमार नोटिस जारी करने के आदेश दिए। मामले की अगली सुनवाई की तारीख 22 जुलाई लगा दी है।
वहीं बताया गया है कि शिकायतकर्ता यसपाल बत्रा ने वर्ष 2020 में अवैध वसूली, धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कराया था। जिसमें यशपाल अरोड़ा सहित क्यों को पुलिस ने आरोपी बनाया था। जिसमें आरोपी कंचन अरोड़ा को गत वर्ष 5 अक्टूबर को अदालत ने मामले में डिस्चार्ज कर दिया था।
बता दें कि पुर्व मेयर ने अदालत में गवाही में छुट के लिए भाजपा पार्टी को भी बदनाम कर दिया है। वह स्वयं को जिला अध्यक्ष बता रहा है जबकि वह गुरुग्राम का जिला अध्यक्ष नहीं है। जिसपर कानून के जानकार बताते हैं कि अदालत में गलत दस्तावेज पेश करने पर उसके खिलाफ सीआरपीसी की धारा 340 के तहत कार्यवाही बनती है। जिसमें अगर अदालत तथा आरोपी भी कार्यवाही करवा सकते हैं।

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