सत्य ख़बर, गुरुग्राम, सतीश भारद्वाज:
गुरुग्राम की एक एडीजे कोर्ट ने थाना पटौदी क्षेत्र के गांव खलीलपुर में एक बाप बेटे की गोली मारकर की गई हत्या मामले में 10 साल की कठोर सजा व जुर्माना से दंडित किया है
बता दें कि 16 जून 2021 को पुलिस कन्ट्रोल रुम, गुरुग्राम से थाना पटौदी, गुरुग्राम में एक सूचना गांव खलीलपुर में गोली चलने के सम्बन्ध में प्राप्त हुई थी। जिस पर पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपियों को पड़कर चालन अदालत में पेश किए थे। जिसकी सुनवाई पर अदालत ने दोषी करार देते हुए सजा सुनाई
क्या था वारदात का मामला
पीड़ित की शिकायत के अनुसार 16 जून 2021 को समय करीब सांय 07.30 बजे अपने घर पर ही अपने 04 साल के बेटे भव्य को पढा रही थी और घर का मेन दरवाजा खुला हुआ था। तभी 04 लङके 02 मोटरसाईकिलों पर सवार होकर आए और इसके घर के गेट के पास खङे होकर इसके 04 वर्षीय बेटे को गोली मारी और फायर करते हुए वहां से मोटरसाईकिल पर सवार होकर भाग गए। तभी कुछ देर में ही इसका पति प्रवीन कुमार खून में लथपथ घर आया जिसने बताया कि यह पुरानी हवेली में बैठा तो जहां पर नवीन उर्फ कैंची, हरिश उर्फ बामण, परमजीत उर्फ सुसु व यमन उर्फ बैंया ने गोरी मार दी। इसके बाद इसका ज्येठ कमल इसके पति व बेटे को ईलाज के लिए रेवाङी ट्रामा सैन्टर ले आए जहां पर डाक्टरों ने इसके बेटे को मृत घोषित कर दिया व इसके पति प्रवीन को ईलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
शिकायत पर थाना पटौदी, गुरुग्राम में धारा 302, 307, 34 भा.द.स. व शस्त्र अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर तत्परता से कार्यवाही करते हुए वारदात को अन्जाम देने वाले 01 नाबालिक सहित 04 आरोपियों को वारदात के कुछ घंटों बाद ही 17 जून को गाँव जाट सायरावास, रेवाङी से पकड़ा था
जिसमें नवीन उर्फ कैंची निवासी गाँव जाट जिला रेवाङी, हरिश उर्फ बामण निवासी गाँव जाट जिला रेवाङी, यमन उर्फ बैया पुत्र सुरेश निवासी गाँव जाट जिला रेवाङी* के रूप में हुई थी। पुलिस टीम द्वारा आगामी कार्यवाही करते हुए वारदात को अंजाम देने की योजना में शामिल रहे उपरोक्त आरोपियों के 01 अन्य साथी आरोपी को परमजीत उर्फ शिसू निवासी गाँव जाट सायरवास, जिला रेवाड़ी को पटौदी से काबू किया था। पुलिस पूछताछ में आरोपीयों ने बताया कि पीड़ित प्रवीन कुमार का उक्त आरोपी हरीश के साथ कुछ दिन पहले शराब पीकर झगड़ा हो गया था। जिस झगड़े की रंजिश रखते हुए आरोपी ने अपने उक्त साथियों व 01 अन्य साथियों के साथ मिलकर प्रवीन कुमार की हत्या करने की योजना बनाई। योजनानुसार हरीश अपने उपरोक्त साथियों के साथ आया और उपरोक्त अभियोग की वारदात को अन्जाम दिया। आरोपियों को गिरफ्तार करने उपरांत मामले की तफ्तीश बहुत ही गहनता से की थी। पुलिस ने इस मामले में आरोपियों के खिलाफ सभी आवश्यक साक्ष्य व गवाह एकत्रित कर अदालत में पेश किया तथा चार्जशीट दाखिल की गई थी।
गलती सुनवाई पूरी होते ही एडीजे सुनील कुमार दीवान की अदालत ने फैसला सुनाते हुए पुलिस द्वारा आरोपियों के खिलाफ पुलिस द्वारा दिए गए साक्ष्यों व गवाहों के आधार पर माननीय अदालत ने आरोपियों को दोषी करार दिया। वहीं आरोपियों नवीन, हरीश,परमजीत व यमन को धारा 302 IPC के तहत उम्र कैद ( कठोर कारावास)व 50/50 हजार रुपए जुर्माने की सजा, धारा 307 IPC के तहत 10 वर्ष कैद व 25/25 हजार रुपए जुर्माने की सजा, धारा 120B IPC के तहत उम्र कैद (कठोर कारावास) व 50/50 हजार रुपए जुर्माने की सजा, धारा 148 IPC के तहत 03 वर्ष कैद व 05/05 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई। इसके अतिरिक्त आरोपी नवीन व हरीश को धारा 25 शस्त्र अधिनियम के तहत 07 वर्ष की कैद व 25/25 हजार रुपए जुर्माने की सजा, धारा 27 शस्त्र अधिनियम के तहत 07 वर्ष की कैद व 25/25 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई गई। वहीं एक नाबालिक आरोपी को धारा 307 IPC के तहत 10 वर्ष की कैद में 25 हजार रुपए जुर्माने की सजा, धारा 120B IPC के तहत 10 वर्ष का व 25 हजार रुपए जुर्माने की सजा तथा धारा 148 IPC के तहत 1 वर्ष कैद व 05 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है।