हरियाणा

दो दिलों को मिलाने का नाम ही परिचय सम्मेलन है – महाबीर मित्तल

सत्यखबर सफीदों, (महाबीर) – जगाधरी के हिंदू गल्र्ज कालेज में आयोजित होने अग्रवाल विवाह योग्य युवक-युवती परिचय सम्मेलन को लेकर शुक्रवार को नगर के अग्रबंधुओं को सम्मेलन के फार्म वितरित किए गए और उन्हे अपने विवाह योग्य के बच्चों के फार्म भरने के लिए प्रेरित किया। इस मौके पर अग्रवाल वैश्य समाज के अध्यक्ष प्रवीन मित्तल, महासचिव महाबीर मित्तल, नगर पार्षद अखिल गुप्ता, अग्रवाल वैश्य समाज युवा ईकाई अध्यक्ष अमन जैन, अशोक गोयल व अनिल दीवान विशेष रूप से मौजूद थे।

अपने संबोधन में महाबीर मित्तल ने कहा कि दो दिलों को मिलाने का नाम परिचय सम्मेलन है। आज हर समाज की सबसे गंभीर समस्या यह है कि समय पर विवाह योग्य प्रत्याशियों के रिश्ते नहीं हो पा रहे। माता पिता अपने बेटे बेटियों के लिए उचित रिश्ते ढूंढते-ढूंढते परेशान हो रहे हैं। ऐसे में विवाह योग्य परिचय सम्मेलन सार्थक साबित हो रहे हैं। परिचय सम्मेलनों के माध्यम से विवाह योग्य प्रत्याशियों को उचित रिश्ते के चयन के लिए दर्जनों आप्शन मिल जाते हैं और अपने जीवन साथी का चयन करना आसान हो जाता है।

कहीं दशक पहले जब परिचय सम्मेलन होने शुरू हुए तब समाज ने परिचय सम्मेलनों को अच्छी नजरों से नहीं देखा। समय के साथ बदलाव आया। बिचौलियों की भूमिका कम होती रही। समाज में रिश्ते करवाने वाले पीछे हटते रहे। ऐसे में विवाह योग्य परिचय सम्मेलन कामयाब होने लगे और परिचय सम्मेलन समाज की जरूरत बनने लगा। परिचय सम्मेलन सिर्फ कलियुग में ही शुरू हुए ऐसा नहीं है। प्राचीन युगों में भी परिचय सम्मेलन का उदाहरण सामने आता है।

त्रेता व द्वापर युग में भी परिचय सम्मेलन होने का जिक्र मिलता है। इन युगों में परिचय सम्मेलन को स्वंयवर के नाम से जाना जाता रहा है। भगवान श्रीराम द्वारा शिव धनुष तोडक़र सीता का चयन करना परिचय सम्मेलन का ही एक उदाहरण है या फिर कहिए कि स्वयंवर का ही आधुनिक रूप परिचय सम्मेलन है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button