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Haryana : किसानों व पुलिस के बीच फिर बनी टकराव की स्थिति,जानिए कहां ओर क्यों

सत्य खबर, नूंह ।
नूंह में किसानों और प्रशासन के बीच टकराव की स्थिति बनी हुई है। जमीन के मुआवजे की मांग को लेकर किसानों ने मंगलवार को गांव धीरदोका में धरना स्थल पर हुई महापंचायत में इंडस्ट्रियल मॉडल टाउनशिप (IMT) रोजकामेव में काम रोकने का ऐलान किया।

इसके बाद किसान धरनास्थल से उठ कर हरियाणा स्टेट इंडस्ट्रियल एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन के दफ्तर पहुंच गए और वहां धरना लगा दिया। यहां काफी संख्या में महिलाएं और पुरुष पहुंचे। इसको देखते हुए पुलिस बल भी तैनात किया गया है। आईएमटी रोजकामेव स्थित धीरदोका गांव में मुआवजे को लेकर पिछले 5 महीने से किसानों का अनिश्चितकालीन धरना चल रहा है। 9 गांवों के किसानों ने मंगलवार को एक बार फिर महापंचायत बुलाई। इस महापंचायत में किसानों ने कहा कि प्रशासन को दिया गया 35 दिनों का समय पूरा हो गया, लेकिन प्रशासन की ओर से कोई जवाब नहीं आया।

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इसके बाद किसान व महिलाएं हरियाणा स्टेट इंडस्ट्रियल एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन के ऑफिस के आगे पहुंच गए। किसान नेता रवि आजाद ने प्रशासन काे किसानों की मांगों के बारे में जानकारी दी। इस पर नूंह के SDM विशाल ने बताया कि 23 अगस्त को किसानों की सीएम नायब सैनी के प्रधान सचिव से मीटिंग होगी

ये है मामला
आईएमटी रोजकामेव के लिए 9 गांव खेड़ली कंकर, मेहरोला, बडेलाकी, कंवरसीका, रोजकामेव, धीरदोका, रूपाहेड़ी, खोड (बहादरी) और रेवासन के किसानों की साल 2010 में 1600 एकड़ जमीन अधिग्रहण की गई थी। उस दौरान जमीन को सरकार द्वारा 25 लाख रुपए का मुआवजा देकर प्रति एकड़ अधिग्रहण किया गया था, लेकिन इसके बाद सरकार ने फरीदाबाद के चंदावली, मच्छगर गांवों की जमीन को भी अधिग्रहण किया।

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यहां के किसानों ने कोर्ट में याचिका दायर कर जमीन को सस्ते दामों में सरकार पर लेने का आरोप लगाकर मुआवजा बढ़ाने की मांग की थी। जिस पर कोर्ट ने किसानों को प्रति एकड़ 2 करोड़ की राशि देने के आदेश दिए थे। इस दौरान जब 9 गांवों के किसानों को पता चला कि इन गांवों के किसानों को 2 करोड़ प्रति एकड़ मिले हैं तो उन्होंने भी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया।

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