उज्जैन में दिनदहाड़े फुटपाथ पर महिला के साथ हो गई वारदात, प्रियंका गांधी वाड्रा-पटवारी-कमलनाथ बोले – उज्जैन फिर हुआ कलंकित, कानून-व्यवस्था ठप
सत्य खबर , उज्जैन , श्रुति घुरैया:
उज्जैन में महिला के साथ दिनदहाड़े फुटपाथ पर दुष्कर्म किया गया। घटना शहर के कोयला फाटक चौराहे के फुटपाथ पर बुधवार की बताई जा रही है। वहीं, गुरुवार को घटना का वीडियो सामने आने के बाद मामला पुलिस की संज्ञान में आया।
जानकारी के अनुसार, पीड़ित महिला भीख मांगकर गुजारा करती है। उसने पुलिस को बताया कि आरोपी उसे कोयला फाटक के पास मिला था और उसका नाम लोकेश है। आरोपी ने महिला को शादी का झांसा देकर पहले शराब पिलाई, फिर नशे की हालत में उसके साथ गलत काम किया। इसके बाद धमकी देकर भाग गया।
बता दें, आरोपी ने शहर के कोयला फाटक चौराहे के फुटपाथ पर महिला के साथ दुष्कर्म किया। किसी ने इस वारदात का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया।
मामला पुलिस की संज्ञान में आने के बाद पीड़ित महिला को थाने लाया गया। उसकी शिकायत पर एफआईआर की गई है और फिर आरोपी को गिरफ्तार भी कर लिया गया है।
वहीं, घटना के बाद कांग्रेस सरकार पर हमलावर है। मीडिया से बात करते हुए कमलनाथ ने कई सवालों के जवाब दिए, उज्जैन से बीच सड़क पर दुष्कर्म के वायरल वीडियो से जुड़े सवाल पर पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि ये केवल उज्जैन का मामला नहीं है, मध्य प्रदेश के हर जिले में महिलाओं के साथ अपराध हो रहे हैं, प्रदेश में कानून व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है।
वहीं, प्रियंका गांधी ने X पर लिखा – ‘उज्जैन, मध्य प्रदेश में दिनदहाड़े फुटपाथ पर महिला के साथ दुष्कर्म की घटना अत्यंत भयावह है। आज पूरा देश सन्न है कि हमारा समाज किस ओर जा रहा है? खबरों के मुताबिक, रास्ते से गुजर रहे लोग महिला को बचाने की जगह वीडियो बना रहे थे। उज्जैन की पवित्र भूमि पर ऐसी घटना से मानवता कलंकित हुई है।”
पटवारी बोले- उज्जैन एक बार फिर कलंकित
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने X पर लिखा, “धर्मनगरी #उज्जैन एक बार फिर कलंकित हुई है! इस बार भी काला टीका #Ujjain की कानून-व्यवस्था के माथे पर ही लगा है! यह सोचकर ही स्तब्ध हुआ जा सकता है कि #मध्यप्रदेश में अब दिनदहाड़े, खुली सड़क पर बलात्कार शुरू हो गए हैं। ऐसा तभी संभव है जब कानून और सरकार का असर पूरी तरह से खत्म हो जाए! यदि मुख्यमंत्री के गृह नगर के ये हाल हैं, तो बाकी प्रदेश के हालात आसानी से समझे जा सकते हैं। दलित और आदिवासी महिलाओं के साथ लगातार हो रहे अत्याचार को भी महसूस किया जा सकता है! अब गृहमंत्री या मुख्यमंत्री नहीं, प्रदेश सरकार के एक-एक मंत्री से सवाल है! शर्म से डूब मरो या कुर्सी छोड़ दो! बेशर्मी से भरी इस निर्लज्ज व्यवस्था के खून में आखिर उबाल कब आएगा?”