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Tirupati Balaji temple प्रसाद मामले में घी की सप्लाई करने वाले व्यक्ति के खिलाफ दर्ज हुई FIR

Tirupati Balaji temple: तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) बोर्ड ने आंध्र प्रदेश के तिरुपति बालाजी मंदिर में भक्तों को दिए जाने वाले प्रसाद में कथित मिलावट के मामले में आधिकारिक रूप से पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। TTD के जनरल मैनेजर (प्रोक्योरमेंट) पी. मुरली कृष्णा ने पूर्वी पुलिस स्टेशन, तिरुपति में एआर डेयरी फूड प्राइवेट लिमिटेड, डिंडिगुल के खिलाफ शिकायत दर्ज की है। सरकार ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए एक विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया है, जिसका नेतृत्व वरिष्ठ पुलिस अधिकारी सर्वेश्वर त्रिपाठी करेंगे।

मामला क्या है?

हाल ही में, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में जानवरों के वसा की मिलावट का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा कि इस मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच की आवश्यकता है। इसके बाद, भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने इस मुद्दे पर सर्वोच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका (PIL) दायर की, जिसमें उन्होंने तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में मिलावट के आरोपों की निष्पक्ष जांच की मांग की।

Tirupati Balaji temple प्रसाद मामले में घी की सप्लाई करने वाले व्यक्ति के खिलाफ दर्ज हुई  FIR

मिलावट का आरोप

TTD के बोर्ड ने शुक्रवार को बताया कि उन्होंने गुणवत्ता जांच के लिए भेजे गए नमूनों में खराब गुणवत्ता के घी और जानवरों के वसा की मिलावट पाई है। यह आरोप मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू द्वारा लगाया गया था, जिसने पहले की सरकार के खिलाफ राजनीतिक बयानबाजी को जन्म दिया।

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YSR कांग्रेस पार्टी के पूर्व मुख्यमंत्री YS जगन मोहन रेड्डी ने इन आरोपों को राजनीति का एक हिस्सा करार दिया और इसे एक गढ़ी हुई कहानी बताया। उन्होंने कहा कि यह सब पूर्व सरकार द्वारा ध्यान भटकाने की कोशिश है।

SIT का गठन

सरकार ने मामले की गंभीरता को देखते हुए SIT का गठन किया है, जो इस मामले की जांच करेगी। SIT के प्रमुख सर्वेश्वर त्रिपाठी ने कहा कि जांच का उद्देश्य सभी आरोपों की गंभीरता से जांच करना और मिलावट के मामले में जिम्मेदार लोगों को पकड़ना है।

प्रसाद का महत्व

तिरुपति बालाजी मंदिर का प्रसाद भारत में सबसे प्रसिद्ध प्रसादों में से एक है, और इसे लाखों भक्तों द्वारा ग्रहण किया जाता है। प्रसाद के रूप में मिलने वाले लड्डू और अन्य व्यंजन भक्तों के लिए अत्यधिक महत्व रखते हैं, और ऐसे में अगर प्रसाद में मिलावट के आरोप लगते हैं, तो यह न केवल भक्तों की भावनाओं को ठेस पहुंचाता है, बल्कि मंदिर की प्रतिष्ठा पर भी प्रश्नचिह्न लगाता है।

जनहित याचिका

सुब्रमण्यम स्वामी द्वारा दायर जनहित याचिका में मांग की गई है कि इस मामले की निष्पक्ष और प्रभावी जांच की जाए। उन्होंने कहा कि यदि तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में मिलावट की गई है, तो यह सिर्फ एक व्यक्तिगत मामला नहीं है, बल्कि पूरे श्रद्धालु समुदाय की भावनाओं से जुड़ा हुआ मामला है।

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राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ

इस मामले पर राजनीतिक प्रतिक्रियाएं भी तेज हो गई हैं। चंद्रबाबू नायडू ने आरोप लगाया कि सरकार ने जानबूझकर इस मामले को दबाने की कोशिश की है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर इस मामले की निष्पक्ष जांच नहीं की गई, तो वह इस मुद्दे को और भी अधिक उठाएंगे।

वहीं, जगन मोहन रेड्डी ने नायडू के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि यह एक राजनीतिक चाल है। उन्होंने कहा कि इस तरह के आरोप लगाना सिर्फ ध्यान भटकाने के लिए है और वास्तविक मुद्दों से ध्यान हटाने का एक प्रयास है।

समाज पर प्रभाव

इस पूरे मामले का प्रभाव समाज पर भी पड़ा है। भक्तों में चिंता का माहौल बना हुआ है। कई भक्तों ने सोशल मीडिया पर अपनी चिंताओं को व्यक्त किया है और प्रसाद की गुणवत्ता को लेकर सवाल उठाए हैं। भक्तों का मानना है कि तिरुपति बालाजी मंदिर का प्रसाद शुद्ध और पवित्र होना चाहिए, और ऐसे में यदि इस प्रकार के आरोप लगते हैं, तो यह भक्तों की श्रद्धा को प्रभावित कर सकता है।

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