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Punjab: आज से शुरू होगी धान की सरकारी खरीद, कमीशन एजेंटों और शेलर मालिकों को मनाने में सरकार नाकाम

Punjab में आज से धान की सरकारी खरीद शुरू हो रही है, लेकिन खरीदारी से एक दिन पहले ही सरकार कमीशन एजेंटों को मनाने में नाकाम रही है। कमीशन एजेंटों का संघ मंगलवार को हड़ताल पर जाने के अपने फैसले पर अडिग है। इसके साथ ही, शेलर मालिक भी धान उठाने के अपने फैसले पर अड़े हुए हैं।

मुख्यमंत्री की पहल

मुख्यमंत्री भगवंत मान ने 11 बजे कमीशन एजेंटों के साथ बैठक बुलाई है ताकि इस समस्या का समाधान किया जा सके। पंजाब के कमीशन एजेंटों के संघ के नेता अमनदीप सिंह ने कहा कि सरकार ने उन्हें बैठक के लिए बुलाया है। उनके 10 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने इस बैठक में भाग लेने का निर्णय लिया है। सोमवार को, उप आयुक्त भी अमृतसर मंडी पहुंचे, लेकिन उन्होंने स्पष्ट किया कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, तब तक धान उठाने पर सहमति नहीं दी जाएगी।

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कमीशन एजेंटों की मांगें

संघ ने स्पष्ट कर दिया है कि उनकी हड़ताल तब तक जारी रहेगी जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं। कमीशन एजेंट 2.5 प्रतिशत की कमीशन की मांग कर रहे हैं, जबकि सरकार ने प्रति क्विंटल 46 रुपये की दर तय की है। इसलिए, कमीशन एजेंटों ने स्पष्ट रूप से कहा है कि जब तक यह मुद्दा हल नहीं होता, न तो धान मंडियों में लाया जाएगा और न ही खरीदा या बेचा जाएगा। जगराओं कमीशन संघ के प्रमुख कन्हैया गुप्ता ने कहा कि हड़ताल के कारण कमीशन एजेंट, श्रमिक और लेखाकार हर दिन सुबह 11 से 1 बजे तक जगराओं मार्केट कमेटी के सामने धरना देंगे।

किसानों का शोषण

तरण तारन में भारतीय किसान यूनियन (राजेवाल) के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अमरजीत सिंह कालवान और अध्यक्ष यदविंदर सिंह रूढ़ी ने कहा कि किसानों का खुलेआम शोषण हो रहा है। बासमती के दाम बहुत कम हैं, जिससे किसानों की लागत भी नहीं निकल रही है। किसानों को प्रति एकड़ 20 से 22 हजार रुपये का नुकसान हो रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार पंचायत चुनावों का ऐलान करके और लोगों को चुनावों में व्यस्त रखकर किसानों का शोषण कर रही है और मंडियों में धान को कम दामों पर खरीद रही है।

चावल मिल मालिकों का संगठन

तरण तारन में सोमवार को पांच जिलों के चावल मिल मालिकों का एक सम्मेलन आयोजित किया गया। इस बैठक की अध्यक्षता चावल मिल संघ के अध्यक्ष अवतार सिंह तनेजा ने की। इस बैठक में तरण तारन, अमृतसर, गुरदासपुर, होशियारपुर और पठानकोट जिलों के चावल मिल मालिक शामिल हुए। बैठक में यह निर्णय लिया गया कि “माझा डूआबा चावल मिल संगठन” नामक एक संघ का गठन किया जाएगा। इस समिति के सदस्य पांच जिलों के प्रमुख होंगे। तरण तारन से अवतार सिंह तनेजा, अमृतसर से राकेश सालवान, गुरदासपुर से बलविंदर सिंह हरौवाल, होशियारपुर से अजीत, और पठानकोट से राहुल सिंह सालरिया और संजीव आनंद समिति के सदस्य होंगे। सभी पांच जिलों की मांगें सरकार के पास पहुंचाई जाएंगी।

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सरकार की चुनौती

सरकार के सामने चुनौती है कि वह किसानों, कमीशन एजेंटों और चावल मिल मालिकों के बीच संवाद स्थापित कर पाए। यदि सरकार ने इस मुद्दे को हल नहीं किया, तो इससे किसानों की आर्थिक स्थिति और बिगड़ सकती है। किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करना और उन्हें सही मूल्य दिलाना सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए। इसके अलावा, कमीशन एजेंटों की मांगों को भी ध्यान में रखते हुए एक संतुलित समाधान निकालना होगा ताकि धान की खरीद प्रक्रिया सुचारू रूप से चल सके।

भविष्य की योजनाएँ

मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि उनकी सरकार किसानों की भलाई के लिए प्रतिबद्ध है और उनकी समस्याओं का समाधान करना उनकी प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि वह सुनिश्चित करेंगे कि किसानों को उचित मूल्य मिले और कमीशन एजेंटों की मांगों पर भी ध्यान दिया जाए। इसके लिए सरकार विभिन्न उपायों पर विचार कर रही है।

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