Delhi में ‘शीशमहल’ को सील करने की मांग, भाजपा का आरोप और राजनीतिक निहितार्थ
Delhi के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आधिकारिक निवास ‘शीशमहल‘ को सील करने की मांग भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने की है। सचदेवा ने कहा कि सार्वजनिक निर्माण विभाग (PWD) को शीघ्रता से इस बंगलें को सील करना चाहिए, जो 6 फ्लैग स्टाफ रोड पर स्थित है। उन्होंने कहा कि एक पूरी सर्वेक्षण करने के बाद इस मामले की वीडियो रिपोर्ट जनता के सामने पेश की जानी चाहिए।
अवैध निर्माण का आरोप
वीरेंद्र सचदेवा ने यह भी कहा कि यह सब जानते हैं कि अरविंद केजरीवाल ने यह शीशमहल बंगलें अवैध रूप से बनाया है। उनके अनुसार, न तो इस बंगलें का नक्शा अनुमोदित है और न ही इसके पास कोई पूर्णता प्रमाण पत्र (CC) है। ऐसे में, सार्वजनिक निर्माण विभाग के पास यह तय करने का अधिकार है कि क्या इस बंगलें को आगे आवंटित किया जाना चाहिए या नहीं। भाजपा नेता ने इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए कहा कि इसे न्यायिक रूप से हल किया जाना चाहिए।
आतिशी की स्थिति पर सवाल
भाजपा नेता ने आतिशी मार्लेना की स्थिति पर भी सवाल उठाए, जो कि एक मंत्री हैं और उन्हें 7 एबी माथुरा रोड पर एक बंगलें आवंटित किया गया है। सचदेवा का कहना है कि पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने 1998 से 2004 तक इसी बंगलें से सरकार चलाई थी। इसलिए, यदि आतिशी इस बंगलें में रहने के लिए असंतुष्ट हैं, तो वह उस बंगलें में क्यों नहीं रहती हैं, जिसे उन्हें आवंटित किया गया है?
शीशमहल के साथ खेल
सचदेवा ने यह भी आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता शीशमहल बंगलें की चाबियाँ सौंपने और वापस लेने का खेल खेल रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री के विशेष सचिव प्रशांत रंजन झा के खिलाफ अब तक कई अधिकारियों को नोटिस जारी किया गया है, जिससे यह मामला और भी संवेदनशील बन गया है।
मनीष सिसोदिया का संदिग्ध स्थानांतरण
भाजपा नेता ने मनीष सिसोदिया का भी उल्लेख किया, जो कथित रूप से अवैध रूप से एक सांसद के बंगलें में रहने चले गए हैं। सचदेवा ने सुझाव दिया कि आतिशी को 7 माथुरा रोड के आवंटित बंगलें में जाना चाहिए, जो कि खाली है। उन्होंने कहा कि नियमों के अनुसार, 6 फ्लैग स्टाफ रोड का बंगलें मुख्यमंत्री के लिए आरक्षित नहीं है और सार्वजनिक निर्माण विभाग को किसी भी बंगलें का सर्वेक्षण करने का अधिकार है, जब वह खाली हो जाए।
राजनीतिक निहितार्थ
इस मुद्दे के पीछे राजनीतिक निहितार्थ भी हैं। भाजपा और आप के बीच की राजनीति को देखते हुए यह स्पष्ट है कि दोनों पार्टियाँ एक-दूसरे पर हमले कर रही हैं। भाजपा इस मामले को उठाकर केजरीवाल सरकार की साख को प्रभावित करने की कोशिश कर रही है, जबकि आप इसे राजनीतिक प्रतिशोध के रूप में देख रही है।
जनता की राय
इस पूरे मामले में जनता की राय भी महत्वपूर्ण है। आम लोगों का मानना है कि इस तरह के मुद्दे चुनावी राजनीति का हिस्सा हैं। कुछ लोग भाजपा के आरोपों का समर्थन करते हैं, जबकि अन्य इसे राजनीतिक खेल समझते हैं।