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हरियाणा के रिटायर्ड IAS अधिकारी राजेश खुल्लर की नियुक्ति पर अटकलें 04 घंटे में ही लगी रोक पर चर्चाएं?

सत्य ख़बर, गुरुग्राम,सतीश भारद्वाज:

हरियाणा के वरिष्ठ रिटायर्ड आईएएस अधिकारी रहे राजेश खुल्लर की नियुक्ति आदेशों पर चार ही घंटे में रोक लग गई। जिससे जहां पूर्व सीएम खट्टर को भी झटका लगा है वहीं उनके चहेतों पर भी मायूसी छा गई। शुक्रवार की रात आठ बजे मुख्य सचिव टीवीएसएन प्रसाद की ओर से राजेश खुल्लर को मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी का मुख्य प्रधान सचिव नियुक्त करने के आदेश जारी किए थे। नाटकनीय घटनाक्रम में प्रसाद ने ही रात 12 बजे राजेश खुल्लर के नियुक्ति आदेशों को होल्ड कर दिया। इस बार राजेश खुल्लर की नियुक्ति कैबिनेट मंत्री के रैंक के साथ हुई थी।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार उनकी नियुक्ति आदेशों में कैबिनेट रैंक और पोस्ट का पीरियड (अवधि) मुख्यमंत्री के साथ ही जोड़ने की वजह से पेंच फंसा है। हालांकि प्रशासनिक गलियारों में इस तरह की भी चर्चा है कि दो-तीन कैबिनेट मंत्रियों की ओर से राजेश खुल्लर को कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिए जाने पर आपति जताई गई। जिस समय ये नियुक्ति आदेश जारी हुए, उस समय मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी नई दिल्ली में थे। वहीं चर्चा यह भी है कि आईएएस अधिकारी पूर्व मुख्यमंत्री खट्टर के काफी नजदीकी है, अगर उनकी नियुक्ति मुख्यमंत्री नायब सैनी के पास रह गई तो आप समझ ही सकते हो की काफी गोपनीय बातें भी लीक होने की संभावना बन सकती है, वहीं राजनीतिक गलियारों में यह भी चर्चाएं हैं कि हरियाणा की राजनीति में अभी भी मनोहर लाल खट्टर का पूरा बोलबाला है।
राजेश खुल्लर 1988 बैच के आईएएस अधिकारी रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री तथा केंद्रीय बिजली व शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल खट्टर की ‘गुड बुक’ में शामिल राजेश खुल्लर मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के पहले कार्यकाल में भी मुख्य प्रधान सचिव थे। इससे पहले वे मनोहर लाल खट्टर के प्रधान सचिव और मुख्य प्रधान सचिव रहे हैं।
हरियाणा में यह पहला मौका था जब किसी ब्यूरोक्रेट्स को कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया। पंजाब में कैप्टन अमरेंद्र सिंह के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार में ऐसा हो चुका है।
उधर, राजनीतिक व प्रशासनिक गलियारों में यह चर्चा भी है कि देर-सवेर खुल्लर के आदेश नये सिरे से जारी होंगे। इन आदेशों में कैबिनेट रैंक नहीं देने का बदलाव भले ही हो जाए। खुल्लर के अलावा सीएमओ (मुख्यमंत्री कार्यालय) में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव, अतिरिक्त प्रधान सचिव, उपप्रधान सचिव, ओएसडी और एडवाइजर सहित कई नियुक्तियां होनी हैं। वर्तमान में कार्यरत अधिकारियों को भी अगर सीएमओ में रखा जाता है तो इसके लिए नये सिरे से आदेश जारी किए जा सकते हैं। हालांकि अभी तक तो उनकी नियुक्ति पर संकट गहराया हुआ है।

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रिटायर्ड आईएएस खुल्लर की नियुक्ति पर गुरुग्राम में चर्चाएं

वहीं गुरुग्राम में भी रिटायर्ड आईएएस अधिकारी राजेश खुल्लर की नियुक्ति पर चर्चाओं का बाजार गर्म है। शहर के कुछ व्यापारियों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि जब राजेश खुल्लर गुड़गांव नगर निगम के आयुक्त थे तब उनके कार्यकाले में काफी बड़े गड़बड़ घोटाले हुए थे। जिनकी कुछ जागरूक नागरिकों ने आरटीआई के माध्यम से भी जानकारी मांगी थी। लेकिन उन्होंने अपील की सुनवाई करते वक्त अधीनस्थ कर्मचारियों को कई जागरूक आरटीआई आवेदकों के बारे में कहा था जनहित के कार्यों में इनकी सारी समस्याएं तुरंत दूर की जाए। लेकिन जैसे ही उनका तबादला केंद्र सरकार में हुआ तो अधिकारी अपने पुराने रूप में आ गए। वहीं उनके बारे में कहा जाता है कि गुड़गांव में तैनात एक अन्य अधिकारी से भी उनकी अच्छी-खासी बातचीत है। वहीं लोगों का कहना है कि नायब सैनी सरकार में उनकी नियुक्ति होना सही नहीं है । अब देखना यह होगा कि इसमें क्या राजनीति खेली जाती है।

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