किसान नेता डल्लेवाल की रिहाई को लेकर किसान नेताओं ने बनाया यह प्लान
सत्य खबर, खनौरी बॉर्डर ।
किसान नेता जगजीत डल्लेवाल को पंजाब पुलिस के हिरासत में लिए जाने का मामला गर्मा गया है। हरियाणा के किसान भी खनौरी बॉर्डर पर जुटने लगे हैं। डल्लेवाल को मंगलवार सुबह पुलिस खनौरी बॉर्डर से उठाकर ले गई थी। अभी तक उनकी सेहत को लेकर कोई औपचारिक बयान नहीं आया है।
वहीं किसान नेताओं ने डल्लेवाल को छुड़ाने के लिए रणनीति बनानी शुरू कर दी है। इसके लिए खनौरी बॉर्डर पर मीटिंग बुलाई गई। अब शाम को किसान नेता प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रणनीति का खुलासा करेंगे।
वहीं सूत्रों के मुताबिक शाम को पंजाब सरकार और किसानों की भी मीटिंग हो सकती है। सरकार की तरफ से किसान नेताओं से बातचीत की कोशिश की गई है। किसानों का कहना है कि हमारी तरफ से मीटिंग के लिए कोई इनकार नहीं है। कोई मीटिंग करना चाहता है तो उसे मोर्चे पर ही आना होगा। किसान कहीं बाहर नहीं जाएंगे।
उधर, किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा- केंद्र सरकार ने स्पष्टीकरण दिया है कि ये उनका हाथ नहीं है। अब पंजाब सरकार अपनी स्थिति साफ करे। सीएम भगवंत मान जबाब दें। एक सांसद डल्लेवाल से मिलने गए, लेकिन उन्हें मिलने नहीं दिया गया। हमें नजर आ रहा है कि दाल में कुछ काला है। किसान नेता सुखजीत सिंह हरदो झंडे ने मरणव्रत शुरू किया है
सरकार डल्लेवाल को बांधकर, उनके नाक में नाली लगाकर खुराक दे रही होगी, क्योंकि उन्होंने खुद कह रखा है कि मैं कुछ खाऊंगा-पिऊंगा नहीं। उनकी मौजूदा स्थिति के बारे में न अस्पताल बता रहा है और न ही कोई सरकार का प्रवक्ता बता रहा है। यह मानव अधिकारों का उल्लंघन है।
जिस तरह के हालात पैदा किए जा रहे हैं, वह टकराव वाले हैं। इसी के साथ हम लगातार पूरे पंजाब में तैयारी कर रहे हैं। मोर्चे से अन्य नेताओं को उठाया जा सकता है। ऐसे में अधिक से अधिक संख्या में लोग मोर्चों पर पहुंचे।
डल्लेवाल को लुधियाना के DMC अस्पताल में भर्ती कराया गया है। अस्पताल में डल्लेवाल कुछ नहीं खा रहे हैं। उन्होंने सिर्फ पानी और कैंसर की दवा ली है। बुधवार सुबह उनका ब्लड शुगर का लेवल बढ़ गया। डॉक्टरों की टीम जांच करने के लिए आई तो उन्होंने मना कर दिया। मंगलवार रात को फरीदकोट से निर्दलीय सांसद सर्बजीत सिंह खालसा उनसे मिलने के लिए अस्पताल पहुंचे थे। यहां पुलिस अधिकारियों ने उन्हें मिलने नहीं दिया।
वहीं शंभू बॉर्डर पर 4 फुट रास्ता खोलने की तैयारी है, क्योंकि किसानों ने 6 दिसंबर को दिल्ली कूच का ऐलान किया है। किसानों ने मंगलवार को एक वीडियो भी शेयर किया, जिसमें कुछ लोग सीमेंट की बैरिकेडिंग पर हथौड़ा मार रहे हैं। हालांकि, अभी काम रुका हुआ है।
वहीं, आम आदमी पार्टी के प्रधान अमन अरोड़ा ने कहा कि डल्लेवाल की गिरफ्तारी को लेकर मुख्यमंत्री से बात नहीं हो पाई है। रवनीत सिंह बिट्टू को किसानों और किसानी के संदर्भ में बोलने का अधिकार नहीं है। वह पिछले लंबे समय से किसानी, किसानों के प्रति अपशब्द बोलते आ रहे हैं। वह चुप्पी का दान दें।
पटियाला रेंज के DIG मनदीप सिंह सिद्धू ने कहा कि डल्लेवाल ने मरणव्रत की घोषणा की थी। उनकी उम्र और सेहत की वजह से प्रशासन चिंतित था। मरणव्रत के ऐलान के बाद भीड़ हो जाती है, जिससे स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं पहुंच पाती। इसी वजह से प्रशासन ने फैसला किया कि उनकी मेडिकल जांच कराई जाए। इसके लिए उन्हें लुधियाना डीएमसी लेकर आए हैं।
कांग्रेस नेता एवं पहलवान बजरंग पूनिया मंगलवार (26 नवंबर) को खनौरी बॉर्डर पर किसान आंदोलन में पहुंचे।
कांग्रेस नेता एवं पहलवान बजरंग पूनिया मंगलवार (26 नवंबर) को खनौरी बॉर्डर पर किसान आंदोलन में पहुंचे।
जैसे ही मंगलवार सुबह किसान नेता डल्लेवाल को उठाया गया तो किसान भड़क गए। किसान नेता सरवन पंधेर ने मीटिंग कर अगली रणनीति बनाई। किसान नेताओं ने कहा है कि इस आंदोलन का यह दूसरा चरण है। उन्होंने केंद्र सरकार को 10 दिन का समय बातचीत के लिए दिया है। अगर इसमें कोई सहमति नहीं बनी तो किसान 6 दिसंबर को दिल्ली की तरफ कूच करेंगे।
किसानों का कहना है कि हमारे सुरक्षा पहरे में कोई कमी रह गई थी, जो पुलिस हमारे किसान नेता को उठाकर ले गई। इस बार उनका सुरक्षा पहरा मजबूत रहेगा। पुलिस मरणव्रत पर बैठे साथी तक नहीं पहुंच पाएगी।
जमीन की परिवार के नाम
डल्लेवाल ने 4 नवंबर को ऐलान किया था कि पार्लियामेंट सेशन शुरू होते ही वह भूख हड़ताल पर बैठेंगे। इसके बाद 6 दिसंबर को किसान दिल्ली कूच करेंगे। 25 नवंबर को फरीदकोट में जगजीत सिंह डल्लेवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा है कि वह सिर पर कफन बांधकर आमरण अनशन पर बैठने जा रहे हैं। केंद्र सरकार को उनकी मांगें पूरी करनी होंगी या फिर वह अपनी जान कुर्बान कर देंगे। उनकी मौत से भी आंदोलन नहीं रुकेगा। मौत के बाद दूसरे नेता आमरण अनशन शुरू करेंगे। इसलिए अपनी जमीन को पुत्र, पुत्रवधू और पौत्र के नाम करवा दिया है, ताकि कोई विवाद न रहे।